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  • व्यवस्थाविवरण 6
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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व्यवस्थाविवरण का सारांश

      • पूरे दिल से यहोवा से प्यार करो (1-9)

        • “हे इसराएल सुन” (4)

        • माता-पिता बच्चों को सिखाएँ (6, 7)

      • यहोवा को भूल मत जाना (10-15)

      • यहोवा की परीक्षा न लेना (16-19)

      • अगली पीढ़ी को बताना (20-25)

व्यवस्थाविवरण 6:2

संबंधित आयतें

  • +उत 18:19; व्य 4:9
  • +नीत 3:1, 2

व्यवस्थाविवरण 6:4

संबंधित आयतें

  • +व्य 5:7; यश 42:8; जक 14:9; मर 12:29, 32; 1कुर 8:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2016, पेज 18-22

    त्रियेक, पेज 12-13

व्यवस्थाविवरण 6:5

फुटनोट

  • *

    शब्दावली में “जीवन” देखें।

  • *

    या “तुझमें जो दमखम है; तेरे पास जो कुछ है।”

संबंधित आयतें

  • +व्य 10:12; 11:13; 30:6; मत 22:37
  • +मर 12:30, 33; लूक 10:27

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2005, पेज 20

    10/1/1995, पेज 13

व्यवस्थाविवरण 6:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 50

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2008, पेज 14

    4/1/2006, पेज 8-9

    6/15/2005, पेज 20

    4/1/2005, पेज 11-12

    6/1/1998, पेज 20

    12/1/1996, पेज 11

    5/1/1992, पेज 29

    11/1/1989, पेज 11

    पारिवारिक सुख, पेज 55-56, 58-59, 70-71

    ज्ञान, पेज 146

    सजग होइए! ब्रोशर,

    पेज 26-27

व्यवस्थाविवरण 6:7

फुटनोट

  • *

    या “के सामने दोहराना; मन पर छापना।”

संबंधित आयतें

  • +उत 18:19; व्य 4:9; नीत 22:6; इफ 6:4
  • +व्य 11:19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 50

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2019, पेज 26

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2013, पेज 16

    7/1/2008, पेज 14

    9/1/2007, पेज 23

    11/1/2006, पेज 4-6

    4/1/2006, पेज 8-9

    6/15/2005, पेज 20-21

    4/15/2005, पेज 6-7

    4/1/2005, पेज 11-12

    1/1/2005, पेज 26

    6/15/2004, पेज 5

    6/1/1998, पेज 20-22

    12/1/1996, पेज 11

    5/1/1995, पेज 10

    पारिवारिक सुख, पेज 55-56, 58-59, 70-71

    ज्ञान, पेज 146

    सजग होइए! ब्रोशर,

    पेज 26-27

व्यवस्थाविवरण 6:8

फुटनोट

  • *

    शा., “अपनी आँखों के बीच।”

संबंधित आयतें

  • +व्य 11:18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2005, पेज 13

    9/15/2004, पेज 26

    7/15/1995, पेज 29

    5/1/1995, पेज 11-12

    11/1/1989, पेज 11

व्यवस्थाविवरण 6:9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2005, पेज 13

    7/15/1995, पेज 29

    5/1/1995, पेज 11-12

व्यवस्थाविवरण 6:10

संबंधित आयतें

  • +उत 15:18
  • +यह 24:13; भज 105:44

व्यवस्थाविवरण 6:11

संबंधित आयतें

  • +व्य 8:10

व्यवस्थाविवरण 6:12

संबंधित आयतें

  • +न्या 3:7

व्यवस्थाविवरण 6:13

संबंधित आयतें

  • +व्य 10:12; 13:4
  • +लूक 4:8
  • +यिर्म 12:16

व्यवस्थाविवरण 6:14

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 34:14

व्यवस्थाविवरण 6:15

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 20:5; व्य 4:24
  • +निर्ग 32:9, 10; गि 25:3; व्य 11:16, 17; न्या 2:14
  • +2रा 17:18

व्यवस्थाविवरण 6:16

संबंधित आयतें

  • +मत 4:7; लूक 4:12; 1कुर 10:9
  • +निर्ग 17:2, 7; भज 95:8, 9; इब्र 3:8, 9

व्यवस्थाविवरण 6:18

संबंधित आयतें

  • +उत 15:18

व्यवस्थाविवरण 6:19

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 23:30

व्यवस्थाविवरण 6:22

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 7:3
  • +व्य 4:34

व्यवस्थाविवरण 6:23

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 13:5; व्य 1:8

व्यवस्थाविवरण 6:24

संबंधित आयतें

  • +भज 111:10; नीत 14:27
  • +लैव 18:5; व्य 4:1; गल 3:12

व्यवस्थाविवरण 6:25

फुटनोट

  • *

    शा., “यहोवा के सामने।”

संबंधित आयतें

  • +सभ 12:13; रोम 10:5

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

व्यव. 6:2उत 18:19; व्य 4:9
व्यव. 6:2नीत 3:1, 2
व्यव. 6:4व्य 5:7; यश 42:8; जक 14:9; मर 12:29, 32; 1कुर 8:6
व्यव. 6:5व्य 10:12; 11:13; 30:6; मत 22:37
व्यव. 6:5मर 12:30, 33; लूक 10:27
व्यव. 6:7उत 18:19; व्य 4:9; नीत 22:6; इफ 6:4
व्यव. 6:7व्य 11:19
व्यव. 6:8व्य 11:18
व्यव. 6:10उत 15:18
व्यव. 6:10यह 24:13; भज 105:44
व्यव. 6:11व्य 8:10
व्यव. 6:12न्या 3:7
व्यव. 6:13व्य 10:12; 13:4
व्यव. 6:13लूक 4:8
व्यव. 6:13यिर्म 12:16
व्यव. 6:14निर्ग 34:14
व्यव. 6:15निर्ग 20:5; व्य 4:24
व्यव. 6:15निर्ग 32:9, 10; गि 25:3; व्य 11:16, 17; न्या 2:14
व्यव. 6:152रा 17:18
व्यव. 6:16मत 4:7; लूक 4:12; 1कुर 10:9
व्यव. 6:16निर्ग 17:2, 7; भज 95:8, 9; इब्र 3:8, 9
व्यव. 6:18उत 15:18
व्यव. 6:19निर्ग 23:30
व्यव. 6:22निर्ग 7:3
व्यव. 6:22व्य 4:34
व्यव. 6:23निर्ग 13:5; व्य 1:8
व्यव. 6:24भज 111:10; नीत 14:27
व्यव. 6:24लैव 18:5; व्य 4:1; गल 3:12
व्यव. 6:25सभ 12:13; रोम 10:5
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
व्यवस्थाविवरण 6:1-25

व्यवस्थाविवरण

6 तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने मुझे ये आज्ञाएँ, कायदे-कानून और न्याय-सिद्धांत तुम्हें सिखाने के लिए दिए हैं ताकि तुम यरदन पार करके जिस देश को अपने अधिकार में करोगे, वहाँ तुम इनका पालन करो 2 और सारी ज़िंदगी अपने परमेश्‍वर यहोवा का डर मानो और उसकी सभी विधियों और आज्ञाओं का पालन करो, जो मैं तुम्हारे लिए और तुम्हारे बेटों और पोतों के लिए दे रहा हूँ+ जिससे कि तुम एक लंबी ज़िंदगी जी सको।+ 3 हे इसराएल, तू इन आज्ञाओं को ध्यान से सुनना और सख्ती से इनका पालन करना। फिर तू उस देश में, जहाँ दूध और शहद की धाराएँ बहती हैं, खुशहाल रहेगा और गिनती में बढ़ जाएगा, ठीक जैसे तेरे पुरखों के परमेश्‍वर यहोवा ने तुझसे वादा किया है।

4 हे इसराएल सुन, हमारा परमेश्‍वर यहोवा एक ही यहोवा है।+ 5 तू अपने परमेश्‍वर यहोवा से पूरे दिल, पूरी जान*+ और पूरी ताकत* से प्यार करना।+ 6 आज मैं तुझे जो आज्ञाएँ दे रहा हूँ, वे तेरे दिल में बनी रहें। 7 और तू इन्हें अपने बेटों के मन में बिठाना*+ और अपने घर में बैठे, सड़क पर चलते, लेटते, उठते इनके बारे में उनसे चर्चा करना।+ 8 तू इन आज्ञाओं को यादगार के लिए अपने हाथ पर बाँध लेना और माथे की पट्टी की तरह सिर पर* लगाए रखना।+ 9 तू इन्हें अपने घर के दरवाज़े के दोनों बाज़ुओं पर और शहर के फाटकों पर लिखना।

10 जब तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हें उस देश में ले जाएगा जिसे देने के बारे में उसने तुम्हारे पुरखों से, अब्राहम, इसहाक और याकूब से शपथ खायी थी,+ तो वह तुम्हें वहाँ बड़े-बड़े खूबसूरत शहर देगा जिन्हें तुमने नहीं बनाया+ 11 और ऐसे घर देगा जो हर तरह की बढ़िया चीज़ों से भरे होंगे जिनके लिए तुमने कोई मेहनत नहीं की, ज़मीन में खुदे हुए हौद देगा जिन्हें तुमने नहीं खोदा, अंगूरों के बाग और जैतून के पेड़ देगा जिन्हें तुमने नहीं लगाया। जब तुम खाओगे और संतुष्ट हो जाओगे,+ 12 तो सावधान रहना कि कहीं तुम यहोवा को भूल न जाओ+ जो तुम्हें गुलामी के घर, मिस्र से बाहर निकाल लाया है। 13 तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा का डर मानना+ और उसी की सेवा करना+ और उसके नाम से शपथ लेना।+ 14 तुम दूसरे देवताओं के पीछे न जाना, अपने आस-पास की जातियों के किसी भी देवता के पीछे न जाना+ 15 क्योंकि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा, जो तुम्हारे बीच मौजूद है, माँग करता है कि सिर्फ उसी की भक्‍ति की जाए।+ अगर तुम ऐसा नहीं करोगे तो तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा के क्रोध की ज्वाला तुम पर भड़क उठेगी+ और वह धरती से तुम्हारा नामो-निशान मिटा देगा।+

16 तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा की परीक्षा न लेना+ जैसे तुमने मस्सा में उसकी परीक्षा ली थी।+ 17 तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हें जो आज्ञाएँ और कायदे-कानून दिए हैं और जो हिदायतें याद दिलायी हैं, उन्हें तुम पूरी लगन से मानना। 18 तुम वही करना जो यहोवा की नज़र में सही और भला है ताकि तुम खुशहाल रहो और उस बढ़िया देश में जाकर उसे अपने अधिकार में कर लो जिसे देने के बारे में यहोवा ने तुम्हारे पुरखों से शपथ खायी थी।+ 19 तुम अपने सामने से अपने सभी दुश्‍मनों को खदेड़ दोगे, ठीक जैसे यहोवा ने वादा किया है।+

20 भविष्य में जब तुम्हारे बेटे तुमसे पूछेंगे, ‘हमारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हें ये कायदे-कानून और न्याय-सिद्धांत और याद दिलाने के लिए हिदायतें क्यों दी हैं?’ 21 तो तुम उनसे कहना, ‘हम मिस्र में फिरौन के गुलाम थे, मगर यहोवा अपने शक्‍तिशाली हाथ से हमें मिस्र से निकाल लाया। 22 यहोवा ने हमारी आँखों के सामने मिस्र में बड़े-बड़े चिन्ह और चमत्कार किए,+ जिससे पूरा मिस्र और फिरौन और उसका पूरा घराना तबाह हो गया।+ 23 फिर वह हमें वहाँ से निकालकर यहाँ ले आया ताकि हमें यह देश दे जिसके बारे में उसने हमारे पुरखों से शपथ खायी थी।+ 24 फिर यहोवा ने हमें आज्ञा दी कि हम इन सभी कायदे-कानूनों का पालन करें और अपने परमेश्‍वर यहोवा का डर मानें जिससे हमेशा हमारा भला हो+ और हम जीते रहें,+ जैसे कि आज हम जीवित हैं। 25 अगर हम अपने परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा के मुताबिक* इन सारे नियमों को सख्ती से मानेंगे तो हम उसकी नज़र में नेक ठहरेंगे।’+

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