10 उसने हमारे पापों के मुताबिक हमारे साथ सलूक नहीं किया,+
न ही हमारे गुनाहों के मुताबिक हमें सज़ा दी।+
11 क्योंकि आकाश धरती से जितना ऊँचा है,
उसका डर माननेवालों के लिए उसका अटल प्यार उतना ही महान है।+
12 पूरब पश्चिम से जितना दूर है,
उसने हमारे अपराधों को हमसे उतना ही दूर फेंक दिया है।+