39 फिर वह थोड़ा आगे गया और मुँह के बल गिरकर यह प्रार्थना करने लगा,+ “मेरे पिता, अगर हो सके तो यह प्याला+ मेरे सामने से हटा दे। फिर भी मेरी मरज़ी नहीं बल्कि तेरी मरज़ी पूरी हो।”+
7 जब मसीह इस धरती पर ज़िंदा था, तो उसने ऊँची आवाज़ में पुकार-पुकारकर और आँसू बहा-बहाकर परमेश्वर से मिन्नतें और बिनतियाँ की थीं+ जो उसे मौत से बचा सकता था। और उसकी सुनी गयी क्योंकि वह परमेश्वर का डर मानता था।