16 क्योंकि परमेश्वर ने दुनिया से इतना प्यार किया कि उसने अपना इकलौता बेटा दे दिया+ ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न किया जाए बल्कि हमेशा की ज़िंदगी पाए।+
4 मगर परमेश्वर जो दया का धनी है,+ उसने हमसे बहुत प्यार किया+5 इसलिए हमें ज़िंदा किया और मसीह के साथ एक किया जबकि हम अपने गुनाहों की वजह से मरे हुए थे।+ (उसकी महा-कृपा की वजह से ही तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
18 यहाँ तक कि मसीह भी हमारे पापों के लिए एक ही बार हमेशा के लिए मरा।+ वह नेक होते हुए भी पापियों के लिए मरा+ ताकि तुम्हें परमेश्वर के पास ले जाए।+ जब उसे मार डाला गया तब उसका इंसानी शरीर था,+ मगर जब ज़िंदा किया गया तो उसे अदृश्य शरीर दिया गया।+
10 ऐसा नहीं कि हमने परमेश्वर से प्यार किया था और बदले में उसने हमसे प्यार किया, बल्कि उसी ने हमसे प्यार किया और अपने बेटे को भेजा ताकि वह हमारे पापों के लिए अपना बलिदान देकर परमेश्वर से हमारी सुलह कराए।*+