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  • प्रकाशितवाक्य 12
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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प्रकाशितवाक्य का सारांश

      • औरत, लड़का और अजगर (1-6)

      • मीकाएल अजगर से लड़ा (7-12)

        • अजगर धरती पर फेंक दिया गया (9)

        • शैतान जानता है उसका वक्‍त बहुत कम है (12)

      • अजगर औरत पर ज़ुल्म ढाता है (13-17)

प्रकाशितवाक्य 12:1

संबंधित आयतें

  • +उत 3:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 117

प्रकाशितवाक्य 12:3

फुटनोट

  • *

    या “शाही पट्टियाँ थीं।”

संबंधित आयतें

  • +प्रक 12:9; 20:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/2001, पेज 6

    4/1/1989, पेज 20

प्रकाशितवाक्य 12:4

संबंधित आयतें

  • +अय 38:7
  • +उत 6:2; यहू 6
  • +उत 3:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2018, पेज 23

प्रकाशितवाक्य 12:5

फुटनोट

  • *

    या “पकड़कर।”

संबंधित आयतें

  • +प्रक 11:15
  • +भज 2:9; 110:2; प्रक 19:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 117

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1988, पेज 20

प्रकाशितवाक्य 12:6

संबंधित आयतें

  • +प्रक 12:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 32

प्रकाशितवाक्य 12:7

फुटनोट

  • *

    मतलब “परमेश्‍वर जैसा कौन है?”

संबंधित आयतें

  • +दान 10:13; 12:1; यहू 9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 121

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 24

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (यिर्म-मला), पेज 10

प्रकाशितवाक्य 12:8

फुटनोट

  • *

    या शायद, “मगर वह [यानी अजगर] हार गया।”

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 24

प्रकाशितवाक्य 12:9

फुटनोट

  • *

    या “पूरी धरती पर जहाँ-जहाँ लोग बसे हुए हैं।”

संबंधित आयतें

  • +प्रक 12:3; 20:2
  • +उत 3:1; 2कुर 11:3; प्रक 12:14
  • +मत 4:1; यूह 8:44; इब्र 2:14; याकू 4:7; 1पत 5:8
  • +1इत 21:1; अय 1:6; जक 3:2; मत 4:10; यूह 13:27; रोम 16:20; 2थि 2:9
  • +2कुर 4:4; 11:14; इफ 2:2; 1यूह 5:19
  • +लूक 10:18; प्रक 12:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 24

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2015, पेज 10

    5/15/2009, पेज 18

    2/15/2004, पेज 16

प्रकाशितवाक्य 12:10

संबंधित आयतें

  • +रोम 13:11; इब्र 9:28; 1पत 1:5
  • +प्रक 11:15, 17
  • +अय 1:9; जक 3:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सिखाती है, पेज 86

    बाइबल सिखाती है, पेज 79-80

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2006, पेज 22

    4/15/1999, पेज 17

    3/1/1991, पेज 19-20

प्रकाशितवाक्य 12:11

संबंधित आयतें

  • +1पत 1:18, 19
  • +प्रेष 1:8; 2ती 1:8; प्रक 1:9
  • +1यूह 2:14
  • +मत 16:25; लूक 14:26; प्रेष 20:24

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2007, पेज 31

    3/1/1991, पेज 19-20

प्रकाशितवाक्य 12:12

संबंधित आयतें

  • +यश 57:20; 60:2; प्रक 17:15
  • +मत 24:34; रोम 16:20; 2ती 3:1; 2पत 3:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 24

    सिखाती है, पेज 86-87

    बाइबल सिखाती है, पेज 80

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 22

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2001, पेज 6

    10/1/1999, पेज 4

    4/1/1996, पेज 17-18

    11/1/1995, पेज 19

    12/1/1988, पेज 20

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 137

प्रकाशितवाक्य 12:13

संबंधित आयतें

  • +लूक 10:18
  • +उत 3:15; प्रक 12:1

प्रकाशितवाक्य 12:14

फुटनोट

  • *

    यानी साढ़े तीन काल या समय।

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 19:4; यश 40:31
  • +उत 3:1; 2कुर 11:3
  • +प्रक 12:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 32

प्रकाशितवाक्य 12:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2020, पेज 6

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 150-151

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1988, पेज 20

प्रकाशितवाक्य 12:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2022, पेज 6

    गवाही दो, पेज 164

    मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका,

    12/2019, पेज 8

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 151

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2009, पेज 32

    6/1/1991, पेज 15

    12/1/1988, पेज 20

प्रकाशितवाक्य 12:17

फुटनोट

  • *

    शा., “बीज।”

संबंधित आयतें

  • +उत 3:15
  • +मत 24:9; प्रेष 1:8; प्रक 1:9; 6:9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2022, पेज 5-6, 16

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

प्रका. 12:1उत 3:15
प्रका. 12:3प्रक 12:9; 20:2
प्रका. 12:4अय 38:7
प्रका. 12:4उत 6:2; यहू 6
प्रका. 12:4उत 3:15
प्रका. 12:5प्रक 11:15
प्रका. 12:5भज 2:9; 110:2; प्रक 19:15
प्रका. 12:6प्रक 12:14
प्रका. 12:7दान 10:13; 12:1; यहू 9
प्रका. 12:9प्रक 12:3; 20:2
प्रका. 12:9उत 3:1; 2कुर 11:3; प्रक 12:14
प्रका. 12:9मत 4:1; यूह 8:44; इब्र 2:14; याकू 4:7; 1पत 5:8
प्रका. 12:91इत 21:1; अय 1:6; जक 3:2; मत 4:10; यूह 13:27; रोम 16:20; 2थि 2:9
प्रका. 12:92कुर 4:4; 11:14; इफ 2:2; 1यूह 5:19
प्रका. 12:9लूक 10:18; प्रक 12:13
प्रका. 12:10रोम 13:11; इब्र 9:28; 1पत 1:5
प्रका. 12:10प्रक 11:15, 17
प्रका. 12:10अय 1:9; जक 3:1
प्रका. 12:111पत 1:18, 19
प्रका. 12:11प्रेष 1:8; 2ती 1:8; प्रक 1:9
प्रका. 12:111यूह 2:14
प्रका. 12:11मत 16:25; लूक 14:26; प्रेष 20:24
प्रका. 12:12यश 57:20; 60:2; प्रक 17:15
प्रका. 12:12मत 24:34; रोम 16:20; 2ती 3:1; 2पत 3:3
प्रका. 12:13लूक 10:18
प्रका. 12:13उत 3:15; प्रक 12:1
प्रका. 12:14निर्ग 19:4; यश 40:31
प्रका. 12:14उत 3:1; 2कुर 11:3
प्रका. 12:14प्रक 12:6
प्रका. 12:17उत 3:15
प्रका. 12:17मत 24:9; प्रेष 1:8; प्रक 1:9; 6:9
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
प्रकाशितवाक्य 12:1-17

यूहन्‍ना को दिया गया प्रकाशितवाक्य

12 फिर स्वर्ग में एक बड़ी निशानी दिखायी दी: एक औरत+ सूरज ओढ़े हुए थी और चाँद उसके पैरों तले था और उसके सिर पर 12 तारों का ताज था 2 और वह गर्भवती थी। वह दर्द से चिल्ला रही थी और बच्चा जनने की पीड़ा से तड़प रही थी।

3 फिर स्वर्ग में एक और निशानी दिखायी दी और देखो! आग जैसे लाल रंग का एक बड़ा भयानक अजगर+ दिखायी दिया, जिसके सात सिर और दस सींग थे और जिसके सिरों पर सात मुकुट थे।* 4 उसने अपनी पूँछ से आकाश के एक-तिहाई तारों+ को घसीटकर धरती पर फेंक दिया।+ और अजगर उस औरत के सामने ही खड़ा रहा+ जो बच्चा जननेवाली थी ताकि जब उसका बच्चा हो तो उस बच्चे को निगल जाए।

5 उस औरत ने एक बेटे यानी एक लड़के को जन्म दिया,+ जो चरवाहे की तरह सब राष्ट्रों को लोहे के छड़ से हाँकेगा।+ उस औरत के बच्चे को छीनकर* परमेश्‍वर और उसकी राजगद्दी के पास ले जाया गया। 6 वह औरत वीराने में भाग गयी, जहाँ परमेश्‍वर ने उसके लिए एक जगह तैयार की थी ताकि वहाँ 1,260 दिन तक उसे खिलाया-पिलाया जाए।+

7 और स्वर्ग में युद्ध छिड़ गया: मीकाएल*+ और उसके स्वर्गदूतों ने अजगर से लड़ाई की और अजगर और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों ने उनके साथ लड़ाई की। 8 मगर अजगर और दुष्ट स्वर्गदूत उनका सामना न कर सके* और स्वर्ग में उनके लिए फिर जगह न रही। 9 इसलिए वह बड़ा भयानक अजगर,+ वही पुराना साँप,+ जो इबलीस+ और शैतान+ कहलाता है और जो सारे जगत* को गुमराह करता है,+ वह नीचे धरती पर फेंक दिया गया+ और उसके दुष्ट स्वर्गदूत भी उसके साथ फेंक दिए गए। 10 और मैंने स्वर्ग से एक ज़ोरदार आवाज़ को यह कहते सुना:

“हमारे परमेश्‍वर की तरफ से उद्धार+ और उसकी शक्‍ति और उसका राज+ और उसके मसीह का अधिकार अब ज़ाहिर हुआ है क्योंकि हमारे भाइयों पर दोष लगानेवाला नीचे फेंक दिया गया है, जो दिन-रात हमारे परमेश्‍वर के सामने उन पर दोष लगाया करता था!+ 11 और उन्होंने मेम्ने के खून की वजह से+ और उस संदेश की वजह से जिसकी उन्होंने गवाही दी थी,+ उस पर जीत हासिल की+ और मौत का सामना करते वक्‍त भी अपनी जान की परवाह नहीं की।+ 12 इसलिए हे स्वर्ग और उसमें रहनेवालो, खुशियाँ मनाओ! हे धरती और समुंदर, तुम पर बड़ी मुसीबत टूट पड़ी है+ क्योंकि शैतान तुम्हारे पास नीचे आ गया है और बड़े क्रोध में है, क्योंकि वह जानता है कि उसका बहुत कम वक्‍त बाकी रह गया है।”+

13 जब अजगर ने देखा कि उसे धरती पर फेंक दिया गया है+ तो उसने उस औरत पर ज़ुल्म ढाए+ जिसने लड़के को जन्म दिया था। 14 मगर औरत को बड़े उकाब के दो पंख+ दिए गए ताकि वह उड़कर वीराने में उस जगह चली जाए जो उसके लिए तैयार की गयी थी और वह साँप से दूर रहे+ और वहाँ एक काल, दो काल और आधे काल* के लिए उसे खिलाया-पिलाया जाए।+

15 और साँप ने उस औरत के पीछे अपने मुँह से नदी जैसी पानी की धारा छोड़ी ताकि औरत नदी में डूब जाए। 16 मगर पृथ्वी ने औरत की मदद की और पृथ्वी ने अपना मुँह खोला और उस नदी को निगल लिया जो अजगर के मुँह से निकली थी। 17 और अजगर औरत पर भड़क उठा और उस औरत के वंश* के बाकी बचे हुओं से युद्ध करने निकल पड़ा,+ जो परमेश्‍वर की आज्ञाएँ मानते हैं और जिन्हें यीशु की गवाही देने का काम मिला है।+

हिंदी साहित्य (1972-2025)
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