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  • 1 थिस्सलुनीकियों 2
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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1 थिस्सलुनीकियों का सारांश

      • थिस्सलुनीके में पौलुस का प्रचार काम (1-12)

      • थिस्सलुनीकियों ने संदेश स्वीकार किया (13-16)

      • पौलुस उन्हें देखने के लिए तरसता है (17-20)

1 थिस्सलुनीकियों 2:1

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 17:1, 4

1 थिस्सलुनीकियों 2:2

फुटनोट

  • *

    या शायद, “कड़ा संघर्ष करते हुए।”

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 16:12, 22-24
  • +प्रेष 17:1, 2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 133-134

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 59

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2009, पेज 20

    7/15/2008, पेज 8

    12/15/1999, पेज 23-25

1 थिस्सलुनीकियों 2:4

संबंधित आयतें

  • +नीत 17:3; यिर्म 11:20

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2024, पेज 30-31

1 थिस्सलुनीकियों 2:5

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 20:33

1 थिस्सलुनीकियों 2:6

संबंधित आयतें

  • +2कुर 11:9; 2थि 3:8, 10

1 थिस्सलुनीकियों 2:7

फुटनोट

  • *

    या “को दुलारती।”

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2000, पेज 22

    8/1/1991, पेज 19

    4/1/1987, पेज 16

1 थिस्सलुनीकियों 2:8

संबंधित आयतें

  • +यूह 15:13
  • +यूह 13:35

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2000, पेज 22

    4/1/1987, पेज 16

1 थिस्सलुनीकियों 2:9

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 18:3; 20:34; 2कुर 11:9; 2थि 3:8, 10

1 थिस्सलुनीकियों 2:11

संबंधित आयतें

  • +1कुर 4:15
  • +प्रेष 20:31

1 थिस्सलुनीकियों 2:12

संबंधित आयतें

  • +इफ 4:1; कुल 1:10; 1पत 1:15
  • +लूक 22:28-30
  • +1पत 5:10

1 थिस्सलुनीकियों 2:13

संबंधित आयतें

  • +1थि 1:2, 3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 5

1 थिस्सलुनीकियों 2:14

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 17:5

1 थिस्सलुनीकियों 2:15

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 2:22, 23; 7:52
  • +मत 23:34

1 थिस्सलुनीकियों 2:16

संबंधित आयतें

  • +लूक 11:52; प्रेष 13:49, 50
  • +रोम 1:18

1 थिस्सलुनीकियों 2:17

फुटनोट

  • *

    शा., “तुम्हारा मुँह देखने।”

1 थिस्सलुनीकियों 2:19

संबंधित आयतें

  • +1थि 5:23; 2थि 1:4

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

1 थिस्स. 2:1प्रेष 17:1, 4
1 थिस्स. 2:2प्रेष 16:12, 22-24
1 थिस्स. 2:2प्रेष 17:1, 2
1 थिस्स. 2:4नीत 17:3; यिर्म 11:20
1 थिस्स. 2:5प्रेष 20:33
1 थिस्स. 2:62कुर 11:9; 2थि 3:8, 10
1 थिस्स. 2:8यूह 15:13
1 थिस्स. 2:8यूह 13:35
1 थिस्स. 2:9प्रेष 18:3; 20:34; 2कुर 11:9; 2थि 3:8, 10
1 थिस्स. 2:111कुर 4:15
1 थिस्स. 2:11प्रेष 20:31
1 थिस्स. 2:12इफ 4:1; कुल 1:10; 1पत 1:15
1 थिस्स. 2:12लूक 22:28-30
1 थिस्स. 2:121पत 5:10
1 थिस्स. 2:131थि 1:2, 3
1 थिस्स. 2:14प्रेष 17:5
1 थिस्स. 2:15प्रेष 2:22, 23; 7:52
1 थिस्स. 2:15मत 23:34
1 थिस्स. 2:16लूक 11:52; प्रेष 13:49, 50
1 थिस्स. 2:16रोम 1:18
1 थिस्स. 2:191थि 5:23; 2थि 1:4
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
1 थिस्सलुनीकियों 2:1-20

थिस्सलुनीकियों के नाम पहली चिट्ठी

2 भाइयो, तुम तो जानते हो कि हमने तुम्हारे यहाँ जो दौरा किया था, वह बेकार साबित नहीं हुआ।+ 2 जैसा कि तुम जानते हो, हमने फिलिप्पी में बहुत दुख झेले और हमारी बेइज़्ज़ती की गयी थी,+ फिर भी अपने परमेश्‍वर की मदद से हमने हिम्मत जुटायी ताकि काफी विरोध के बावजूद* तुम्हें उसकी खुशखबरी सुना सकें।+ 3 हम तुम्हें जो सीख देते हैं वह झूठी बातों के आधार पर या गलत इरादों से नहीं है, न ही इसमें कोई छल-कपट है। 4 मगर परमेश्‍वर ने हमें इस योग्य समझा कि हमें खुशखबरी सौंपी जाए, इसलिए हम इंसानों को नहीं बल्कि परमेश्‍वर को खुश करने के लिए प्रचार करते हैं, जो हमारे दिलों को जाँचता है।+

5 दरअसल तुम जानते हो कि हमने कभी-भी तुमसे चिकनी-चुपड़ी बातें नहीं कीं, न ही हमें किसी चीज़ का लालच था जिसे छिपाने के लिए हमें ढोंग करना पड़ा हो।+ परमेश्‍वर इस बात का गवाह है! 6 और हमने इंसानों से वाह-वाही नहीं लूटनी चाही, न तुमसे न ही दूसरों से, जबकि अगर हम चाहते तो मसीह के प्रेषित होने के नाते तुम पर एक खर्चीला बोझ बन सकते थे।+ 7 इसके बजाय, हम तुम्हारे साथ बड़ी नरमी से पेश आए, ठीक जैसे एक दूध पिलानेवाली माँ प्यार से अपने नन्हे-मुन्‍नों की देखभाल करती* है। 8 हमें तुमसे इतना गहरा लगाव हो गया कि हमने तुम्हें न सिर्फ परमेश्‍वर की खुशखबरी सुनायी बल्कि तुम्हारे लिए अपनी जान तक देने को तैयार थे,+ क्योंकि तुम हमारे प्यारे हो गए थे।+

9 भाइयो, हमने जो कड़ी मेहनत की थी और जो संघर्ष किया था, वह सब तुम्हें ज़रूर याद होगा। जब हमने तुम्हें परमेश्‍वर की खुशखबरी सुनायी तो रात-दिन काम किया ताकि तुममें से किसी पर भी खर्चीला बोझ न बनें।+ 10 तुम इस बात के गवाह हो और परमेश्‍वर भी है कि तुम विश्‍वासियों के साथ पेश आते वक्‍त हम कैसे वफादार, नेक और निर्दोष साबित हुए। 11 तुम अच्छी तरह जानते हो कि जैसे एक पिता अपने बच्चों के साथ करता है,+ वैसे ही हम भी तुममें से हरेक को सलाह देते रहे, तुम्हें तसल्ली देते और समझाते-बुझाते रहे+ 12 ताकि तुम्हारा चालचलन हमेशा परमेश्‍वर की नज़र में सही हो+ जिसने तुम्हें अपने राज+ और अपनी महिमा में भागीदार होने के लिए बुलाया है।+

13 इसीलिए हम परमेश्‍वर का धन्यवाद करना नहीं छोड़ते+ क्योंकि जब तुमने परमेश्‍वर का वचन हमसे सुना तो इसे इंसानों का नहीं बल्कि परमेश्‍वर का वचन समझकर स्वीकार किया, जैसा कि यह सचमुच है। और यह वचन तुम विश्‍वास करनेवालों पर असर कर रहा है। 14 भाइयो, तुम परमेश्‍वर की उन मंडलियों की मिसाल पर चले जो यहूदिया में मसीह यीशु के साथ एकता में हैं। क्योंकि तुमने अपने देश के लोगों के हाथों+ वैसा ही दुख झेला जैसा वे यहूदी लोगों के हाथों झेल रहे हैं। 15 उन यहूदियों ने प्रभु यीशु को और भविष्यवक्‍ताओं को भी मार डाला+ और हम पर भी ज़ुल्म किए।+ और वे परमेश्‍वर को खुश नहीं करते बल्कि सब इंसानों के खिलाफ काम करते हैं। 16 क्योंकि वे हमें दूसरे राष्ट्रों के लोगों को संदेश सुनाने से रोकते हैं ताकि उनका उद्धार न हो।+ इस तरह वे अपना पाप बढ़ाते जाते हैं। मगर अब वह समय आ गया है कि परमेश्‍वर का क्रोध उन पर भड़क उठे।+

17 भाइयो, जब हमें कुछ वक्‍त के लिए तुमसे बिछड़ना पड़ा (तुम भले ही हमसे दूर थे मगर दिल के करीब थे), तो हमें तुमसे मिलने* की बड़ी तमन्‍ना थी इसलिए हमने तुम्हारे पास आने की हर मुमकिन कोशिश की। 18 हमने, हाँ, मुझ पौलुस ने दो बार तुम्हारे पास आने की कोशिश की मगर शैतान ने हमारा रास्ता रोक दिया। 19 हमारे प्रभु यीशु की मौजूदगी के दौरान, हमारी आशा या खुशी या हमारी जीत का ताज कौन होगा? क्या वह तुम नहीं होगे?+ 20 बेशक! तुम हमारी शान और हमारी खुशी हो।

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