वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • wp19 अंक 2 पेज 3
  • जब आपका दुख बरदाश्‍त से बाहर हो जाए

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • जब आपका दुख बरदाश्‍त से बाहर हो जाए
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2019
  • मिलते-जुलते लेख
  • जब आपका दुख बरदाश्‍त से बाहर हो जाए
    हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा — सभा पुस्तिका—2023
  • जब कोई अपना हमसे बिछड़ जाए
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2019
  • जब कोई विपत्ति टूट पड़े
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2019
  • जब कोई कहर टूट पड़े
    सजग होइए!–2014
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2019
wp19 अंक 2 पेज 3
एक जवान औरत नौकरी की जगह बैठी रो रही है

जब आपका दुख बरदाश्‍त से बाहर हो जाए

जब सबकुछ अच्छा चल रहा हो, तो ऐसा लग सकता है कि ज़िंदगी बड़े मज़े से कट रही है। लेकिन अगर ज़िंदगी में कोई बड़ा हादसा हो जाए, तो ज़िंदगी बोझ लग सकती है, आपको लग सकता है कि अब आप और बरदाश्‍त नहीं कर सकते।

अमरीका में रहनेवाली सैलीa को ही लीजिए। एक भयंकर तूफान में उसका करीब-करीब सबकुछ खत्म हो गया। वह कहती है, “कई बार मुझे लगता था कि अब मैं यह सदमा और नहीं सह पाऊँगी। मुझसे नहीं होगा।”

अगर परिवार में किसी की मौत हो गयी हो, तो उसका गम सहना भी बहुत मुश्‍किल होता है। ऑस्ट्रेलिया में रहनेवाली जैनिस बताती है, “जब मैंने अपने दोनों बेटों को खो दिया, तो मैं पूरी तरह टूट गयी। मैंने खुद को सँभालने की बहुत कोशिश की, मगर मुझसे नहीं हो रहा था। मैंने ईश्‍वर से बिनती की, ‘मुझसे यह दर्द और सहा नहीं जाता। मुझे मौत दे दे।’”

जब दिनेश की पत्नी ने उससे बेवफाई की, तो उसे गहरा सदमा लगा। वह कहता है, “जब मेरी पत्नी ने खुद मुझे बताया कि उसने ऐसा किया है, तो मुझे लगा मेरे सीने में किसी ने खंजर भोंक दिया। महीनों तक यह दर्द रह-रहकर उठता रहा।”

क्या आप नीचे बताए किसी हालात से जूझ रहे हैं?

  • कुदरती हादसा

  • परिवार में किसी की मौत

  • जीवन-साथी की बेवफाई

  • बड़ी बीमारी

  • निराशा की भावनाएँ

प्रहरीदुर्ग  के इस अंक में बताया जाएगा कि ऐसे मुश्‍किल हालात में भी आप कैसे खुद को सँभाल सकते हैं।

a इन लेखों की शृंखला में कुछ नाम बदल दिए गए हैं।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें