थियोक्रेटिक मिनिस्ट्री स्कूल का पुनर्विचार
थियोक्रेटिक मिनिस्ट्री स्कूल में फरवरी २६ से जून १८, १९९०, के सप्ताहों में चर्चा की गयी बातों का बिना पुस्तक खोले हुए पुनर्विचार। दिए गए समय में जितने प्रश्नों के उत्तर आप दे सकते हैं, उनको लिखने के लिए एक अलग कागज़ का उपयोग करें।
[सूचनाः लिखित पुनर्विचार के दौरान, कोई भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए, सिर्फ बाइबल उपयोग किया जा सकता है। आपके व्यक्तिगत खोज के लिए प्रश्नों के बाद संदर्भ दिये गये हैं। वॉचटावर और प्रहरीदुर्ग के संदर्भ के बाद हर जगह पर पृष्ठ और परिच्छेद क्रमांक नहीं दिये गये हैं।]
निम्नलिखित विधानों को सच या झूठ चिन्हित किजिये:
१. स्पष्टतया पहले थिस्सलुनिकियों को बाइबल धर्मग्रन्थ के भाग बनने के लिए पौलुस के सबसे पहले पत्र की श्रेष्ठता मिली। [si पृष्ठ २२७ परि. १]
२. यद्यपि मूसा के नियम वाचा ने यहूदियों को गैर-यहूदियों से अलग किया था, वे मसीह के द्वारा परमेश्वर की ओर उनकी पहुँच में एकत्रित हुए।[si पृष्ठ २२० परि. १०]
३. रोम में पौलुस की गिरफ्तारी का एक लाभ यह था कि भाईयों परमेश्वर के वचन को निड़रता से कहने के लिए प्रोत्साहित हुए। [si पृष्ठ २२३ परि. १५]
४. कुलुस्से की सभा ने परमेश्वर की अनर्जित कृपा के बारे में पौलुस द्वारा उनके बीच किये गए सुसमाचार के प्रचार के कारण सीखा था। [si पृष्ठ २२५ परि. ६]
५. आधुनिक दिवसीय अभिषिक्त मसीहियों का अवशेष पुनरुत्थान में प्राचीन अभिषिक्त व्यक्तियों से आगे नहीं होंगे। [si पृष्ठ २२८ परि. १०]
६. कुछों ने थिस्सलुनीकियों के लिए पौलुस के पहले पत्र में उनके शब्दों का गलत अर्थ समझ लिया और विश्वास कर लिया कि प्रभु की उपस्थिति सन्निकट है। [si पृष्ठ २३० परि. ३]
७. लूका ३:१, २ यह सूचित करता था कि लूका एक सूक्ष्म गवेषक था और यह कि उन्होंने सार्वजनिक अभिलेखों पर विचार किया था। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; wHI९० १/१ पृष्ठ २८ देखे]
८. लूका १७:३० में यीशु एक मनोवृत्ति चित्रित कर रहा था; अनन्त न्याय शमिल नही थे। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; w८८ ६/१ पृष्ठ ३१ देखे]
९. केवल लूका ही यह अभिलेख करता है कि एक अवसर पर यीशु ने अद्भुत रीति से महायाजक के सेवक का कान पुनःस्थापित किया। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; wHI९० १/१ पृष्ठ २८ देखे]
१०. यूहन्ना ९:४१ में यीशु का कहना कि, “यदि तुम अन्धे होते तो पापी न ठहरते” का अर्थ यह होता है कि कुछ मानव पापरहित है। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; w८८ ८/१ पृष्ठ ३१ देखे]
निम्नलिखित सवालों के जवाब दें:
११. गलतियों ने किस छुटकारे की अवहेलना की? [si पृष्ठ २१७ परि. ११]
१२. फिलिप्पियों को सुसमाचार सुनने का अवसर कैसे मिला? [si पृष्ठ २२२ परि. १, २]
१३. थिस्सलूनिकी में पौलुस की सेवकाई की प्रारम्भिक सफलता का क्या परिणाम निकला? [si पृष्ठ २२७ परि. ३, ४]
१४. लूका १२:१६-२१ में दी गयी उदाहरण का उद्देश्य क्या है? [साप्ताहिक बाइबल पढाई; w८६ ७/१५ पृष्ठ ३१ देखे]
१५. उसकी अपनी पीढ़ी में लूका २३:३० के यीशु के शब्दों का अर्थ क्या था? [साप्ताहिक बाइबल पढाई; re पृष्ठ ११२ परि. २८ देखे]
१६. यहून्ना ४:२७ के अनुसार, उस बात की ओर ऐसी प्रतिक्रिया क्यों थी कि यीशु ने उस सामरी स्त्री से बात की थी? [साप्ताहिक बाइबल पढाई; देखे wHI९० २/१ पृष्ठ २६]
१७. लोगों के कौन से दो समूह आज यीशु की आवाज सुनते हैं, उसके नेतृत्व को मानते हैं और उसकी कोमल सदय देख-रेख का आनन्द उठाते हैं? (यूहन्ना १०:२७, २८) [साप्ताहिक बाइबल पढाई; wHI९० २/१ पृष्ठ २७ देखे]
१८. २ थिस्सलुनीकियों को कब लिखा गया था? [si पृष्ठ २३० परि. ४]
निम्न लिखित विधानों में दी गयी रिक्त जगह भर दे:
१९. गलतियों में, पौलुस ने तर्क किया कि “मनुष्य व्यवस्था के कामों से नहीं, पर ________________ धर्मी ठहरता है।” [si पृष्ठ २१७ परि. ९]
२०. पत्नियों को पतियों के ________________ रहना है, जैसे मण्डली मसीह के ________________ है। [si पृष्ठ २२१ परि. १४]
२१. एक बाइबल पुस्तक जिसने गैर-यहूदी तत्त्व-ज्ञान, स्वर्ग-दूतों की उपासना, और यहूदी आचारों के बावजूद मसीह की परमेश्वर-प्रदत्त श्रेष्ठता पर विशेष बल दिया, ________________ थी। [si पृष्ठ २२५ परि. ५]
२२. २ थिस्सलूनीकियों के अनुसार, यहोवा का दिन तब तक नहीं आएगा जब तक पहले ________________ नहीं आएगा और ________________ प्रकट नहीं होगा। [si पृष्ठ २३० परि. ६]
२३. केवल वह सुसमाचार वृत्तान्त जो उस मिलनसार सामरी का उदाहरण देता है, ________________ का है। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; wHI९० १/१ पृष्ठ २८ देखे]
२४. ________________ एक प्रमुख कर-समाहर्ता, कम कद का होने के कारण यीशु को देखने के लिए एक पेड़ पर चढ़ गया। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; wHI९० १/१ पृष्ठ २८ देखे]
निम्न लिखित विधानों के योग्य जवाब को रेखांकित करें:
२५. वह शिष्य जिससे यीशु ने प्रेम किया’ (पतरस; यूहन्ना; पौलुस) था। (यूहन्ना १३:२३) [साप्ताहिक बाइबल पढाई; wHI९० २/१ पृष्ठ २६ देखे]
२६. पौलुस ने विशेष रूप से (कोरिन्थ; इफीसूस; फिलिप्पी) की सभा को उदार अर्पण के लिए प्रशंसा की। [si पृष्ठ २२३ परि. ११]
२७. जब पौलुस कुरिन्थ में था, उसने (तीमुथियुस; तीतुस; बरनबास) को थिस्सलूनीकियों में स्थित मण्डली में भेज दिया ताकि उनका विश्वास मजबूत बना सके और उन्हें सान्तवना दे सके। [si पृष्ठ २२८ परि. ८]
२८. ऐसा प्रतीत होता है कि १२ प्रेरितों में से केवल (पतरस; मत्ती; यहूदा इस्करियोती) ही यहूदिया से था। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; wHI८८ ११/१ पृष्ठ ८ देखे]
२९. हमें यीशु के पूर्व-मानवी अस्तित्व के बारे में केवल (मरकुस; लूका; यूहन्ना) बताता है। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; wHI९० २/१ पृष्ठ २६ देखे]
३०. इफीसुस की महान देवी (वीनस; आर्टेमीस; अफ्रोडाइट) थी। [si पृष्ठ २१९ परि. ५]
आगे दिये हुए वचनों का निम्नलिखीत बयानों के साथ योग्य मेल लगाये:
लूका ५:१-६; लूका ८:३०-३२; लूका १६:९; यूहन्ना ७:३७; कुलु. २:८.
३१. जब तक हम जीवित हैं, हमे हमारा पैसा इस तरह से उपयोग करना है कि हम यहोवा परमेश्वर और उसका पुत्र, यीशु के साथ मैत्री बना सके। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; g८८ ४/२२ पृष्ठ ८ देखे]
३२. यीशु ने उस रिवाज के बारे में संकेत किया जो आठ दिवसीय झोपडियों के पर्ब के साथ जोड़ा गया था। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; wHI९० २/१ पृष्ठ २७ देखे]
३३. दुष्ट दूत इस बात से अवगत हैं कि अगाध गर्त्त में ड़ालना उनके लिए परमेश्वर का अन्तिम न्याय होगा। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; wHI९० ४/१ पृष्ठ ८ देखे]
३४. प्रेरित पौलुस ने यहाँ पर एक चेतावनी दी। [si पृष्ठ २२५ परि. ९]
३५. केवल लूका के सुसमाचार में पाए गए छः चमत्कारों में एक। [साप्ताहिक बाइबल पढाई; wHI९० १/१ पृष्ठ २८ देखे]