सभाओं को समय पर शुरु और समाप्त कीजिए
मण्डली की सारी सभाओं को, क्षेत्र सेवा की सभाएँ भी, समय पर शुरु और समाप्त होना चाहिए। क्यों? समयनिष्ठ होने से व्यवस्था प्रतिबिंबित होती है और उन सारों के लिए लिहाज़ दर्शाया जाता है जो सभाओं में उपस्थित होते हैं और हिस्सा लेते हैं। (सभो. ३:१७ब; १ कुरि. १४:३३) यह निश्चित करने के लिए कि सभाएँ समय पर शुरु और समाप्त होंगी, हम निम्नलिखित निर्देशक तत्त्वों का पालन करने के द्वारा अपनी परवाह दर्शा सकते हैं।
२ हमें हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि हम सभाओं में इतने जल्दी आएँ कि हम दूसरों से मुलाक़ात कर सकें, ज़रूरी मामलों से निपट सकें और शुरुआत के गीत और प्रार्थना में हिस्सा ले सकें। आम तौर पर, गीत और प्रार्थना के लिए पाँच मिनट का समय दिया जाता है। प्रार्थना में मण्डली का प्रतिनिधित्व करनेवाले व्यक्ति को सभा का उद्देश्य ध्यान में रखना चाहिए और इसे अपनी शुरुआत तथा समाप्ति की प्रार्थनाओं की अभिव्यक्तियों में प्रतिबिंबित होने देना चाहिए। ऐसी प्रार्थनाएँ लम्बी नहीं होनी चाहिए।
३ आम सभा: आम भाषण ४५ मिनट तक सीमित हैं। अनुमत समय से अधिक समय लेने से, उसके बाद होनेवाले प्रहरीदुर्ग अध्ययन पर प्रभाव पड़ेगा। गीत और प्रार्थनाओं को सम्मिलित करके, दोनों सभाओं को दो घंटों में समाप्त किया जाना चाहिए। आम भाषण के वक्ताओं को सोसाइटी की रूपरेखा पर सूचित किए गए समय का पालन करना चाहिए और असम्बद्ध बातों को, जैसे कि अभिवादन, भाषण में सम्मिलित करना नहीं चाहिए। अगर वक्ता किंग्डम हॉल के स्थान से वाक़िफ़ नहीं है, तो उसे आतिथेय-मण्डली से पता-ठिकाने और सफ़र करने के लिए तक़रीबन कितना समय लगेगा, इसका पता लगाना चाहिए।
४ “प्रहरीदुर्ग” अध्ययन: प्रहरीदुर्ग के अध्ययन के लिए एक घंटे का समय नियत किया गया है, जिस में सभी परिच्छेद पढ़े जाते हैं और समीक्षा के सवालों पर विचार किया जाता है। संचालक के संक्षिप्त, सारगर्भित टिप्पणी से दिलचस्पी जगायी जानी चाहिए और लोगों को पाठ के ओर ले जाना चाहिए। अभ्यास के दौरान उसके टीका-टिप्पणी सीमित होनी चाहिए। अभ्यास विषय को समयानुसार बाँटने से, संचालक को पाठ के पहले आधे में अत्याधिक समय बीताने और फिर आख़री आधे में जल्दी कर डालने से बचने की मदद होगी।
५ थियोक्रेटिक मिनिस्ट्री स्कूल: यह एक ४५-मिनट की सभा है। हालाँकि उपदेश का भाषण और बाइबल पठन की विशेषताओं को समय समाप्त होने पर रोका नहीं जाता, जिन भाइयों को ये हिस्से सौंपे जाते हैं, उन्हें अपने अनुमत समय के भीतर रहना चाहिए। अगर ऐसा न किया जाए, तो एकान्त में सलाह दी जानी चाहिए। और, स्कूल के अध्यक्ष द्वारा दी सलाह और टीका भी निर्धारित समय के भीतर रहनी चाहिए। समय की बचत हो सकती है यदि सभी विद्यार्थी सभामंच के पास बैठे हुए हों और अगर हर एक व्यक्ति अपना भाषण निर्धारित समय के पूरा होने पर तुरन्त समाप्त करे।—१९९१ के लिए थियोक्रेटिक मिनिस्ट्री स्कूल तालिका देखें।
६ सेवा की सभा: यह भी एक ४५-मिनट की सभा है। थियोक्रेटिक मिनिस्ट्री स्कूल और गीत तथा प्रार्थनाओं के साथ, संपूर्ण प्रोग्राम को एक घंटा और पैंतालीस मिनट से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। सेवा की सभा में जिन भाइयों को हिस्से दिए गए हैं, उन्हें निर्धारित समय के भीतर रहना चाहिए। जिन भागों पर प्रश्नोत्तर द्वारा विचार किया जाना है, उन्हें मात्र एक संक्षिप्त प्रस्तावना की ज़रूरत है। सुविस्तृत आरंभिक जानकारी जोड़ने की कोई ज़रूरत नहीं। प्रदर्शन का अच्छी तरह से रिहर्सल करना चाहिए, तथा भाग लेनेवालों को तैयार और अपने स्थान में रहना चाहिए ताकि वे उस भाग के लिए निर्धारित समय का अच्छा प्रयोग करें।
७ मण्डली का पुस्तक अध्ययन: यह आरंभिक तथा समाप्ति की प्रार्थनाओं को सम्मिलित करके, एक घंटे की सभा है। सभी परिच्छेदों को पढ़ा जाना चाहिए। यह निश्चित करने के लिए कि सभा समय पर ख़त्म होगी, संचालक को अध्ययन विषय इस तरह बाँटना चाहिए कि वह पाठ का आख़री हिस्सा जल्दी से कर डालने या बहुत ही जल्दी समाप्त करने से बचे। संचालक को यह जान सकना चाहिए कि हर एक परिच्छेद पर कितना समय बिताया जाएगा। मुख्य मुद्दे समझ में आने चाहिए। संचालक की सिखाने की कला उसे इस संबंध में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए योग्य बना सकती है।—तीतुस १:९.
८ क्षेत्र सेवा के लिए सभाएँ: क्षेत्र के भाग सौंपने और समाप्ति की प्रार्थना को सम्मिलित करके, इन्हें १५ मिनट से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। जो लोग क्षेत्र सेवा में जाते हैं, वे जितना जल्दी हो सके, उतने जल्दी अपनी क्षेत्र सेवा कार्य शुरु करना चाहते हैं। संचालक सभा को समय पर शुरु करेगा, तब तक इन्तज़ार न करके, जब तक एक अधिक बड़ा समूह उपस्थित हो जाए। और, क्षेत्र के भाग सौंपे जाने तथा सभा को प्रार्थना के साथ समाप्त किए जाने पर, समूह क्षेत्र के लिए फ़ौरन रवाना हो सकता है। यह ख़ास तौर से उन पायनियरों के लिए महत्त्वपूर्ण है, जो शायद उपस्थित होंगे।
९ हम सभी ऐसी सभाओं से फ़ायदा उठा सकते हैं जो समय पर शुरु और समाप्त होती हैं। इसका मूल्यांकन ख़ास तौर से वे लोग करते हैं जिनके जीवन-साथी विश्वास नहीं करते और जो अपेक्षा करते हैं कि वे निर्धारित समय पर घर लौटें। सभाओं से आने-जाने के लिए जब सवारी के लिए प्रबंध करते हों, या जब यह बता रहे हों, कि किस समय वे घर लौट जाएँगे, बँटे हुए परिवारों के सदस्य यह भली-भाँति ध्यान में रखना चाहेंगे कि उन्हें सभाओं से पहले और बाद में संग-साथ करने, साहित्य लेने, इत्यादि, के लिए कितने समय की ज़रूरत है। निःसंदेह, सभाओं को समय पर शुरु और समाप्त करने से, सारी बातों को “सभ्यता और व्यवस्था से” करने में सहायक होता है।—१ कुरि. १४:४०.