चेले बनाने में हमारी सहायता के लिए सभाएँ
मई ६ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत १९१ (४२)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ और हमारी राज्य सेवा में से चुनी हुई घोषणाएँ। मण्डली के साथ उन आदेशों पर पुनर्विचार करें जो ‘अभिदानों से किस तरह निपटना चाहिए’ (एस-११) में दिए गए हैं।
१५ मि: “मण्डली में हमारी राज्य सेवकाई को पूरा करना।” एक भाषण जिसके बाद एक अच्छी तरह से तैयार किया गया प्रदर्शन दिखाया जाना चाहिए, जिस में पुस्तक अध्ययन संचालक एक दम्पत्ति को समझाता है कि इन्डेक्स का उपयोग कैसे किया जा सकता है, इस विषय पर जानकारी ढूँढ़ निकालने के लिए कि बहनों को सिर की ओढ़नी क्यों और कब पहननी चाहिए।
२० मि: वार्तालाप का नया विषय। दर्शकगण के साथ इस नए विषय पर विचार-विमर्श कीजिए। और द वॉचटावर (प्रहरीदुर्ग) के चालू अंक से बातचीत के विविध मुद्दों पर ग़ौर कीजिए। भाइयों को उन व्यक्तियों के लिए विचारशील लिहाज़ दिखाने को प्रोत्साहित करें, जिन्होंने साहित्य में असली दिलचस्पी दिखायी है और जो शायद अभिदान के द्वारा पत्रिकाएँ पाने के लिए खुश होंगे। एक ऐसे प्रचारक से निम्नलिखित प्रस्तुतीकरण करवाइए, जिसने अच्छी तरह से तैयारी की हो। “हैलो। मेरा नाम ______________ है। मैं आप से थोड़े समय के लिए भेंट कर रहा हूँ, इसलिए कि मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूँ। क्या आप सोचते हैं कि स्थायी शान्ति हमारे समय में आएगी? [जवाब के लिए समय दें।] अगर हम अतीत से इस बात को आँकेंगे, तो आशा करने के लिए कोई बुनियाद नहीं है। लेकिन ग़ौर करें कि लूका २१ में हमारे समय के लिए क्या पूर्वबतलाया गया था। [आयत १०, ११, २६ पढ़ें।] ये परिस्थितियाँ पहले विश्व युद्ध से प्रचलित रही हैं। फिर भी, हमें आशा के बग़ैर छोड़ा नहीं गया है। यही परिस्थितियाँ, जो मनुष्यजाति को इतना व्याकुल कर देती हैं, प्रमाण देती हैं कि परमेश्वर का राज्य जल्द ही पृथ्वी को साफ़ कर देगा और स्थायी शान्ति ले आएगा। यीशु आगे जाकर यही बात आयत २८ और ३१ में कहते हैं। [शास्त्रपद पढ़ें।] तो ये संकटपूर्ण और निरुत्साह कर देनेवाली परिस्थितियाँ दरअसल इस बात का सबूत हैं कि बहुत जल्द एक आश्चर्यजनक परिवर्तन घटित होगा। क्या यह ख़ुशख़बरी नहीं? [जवाब के लिए समय दें।] द वॉचटावर (प्रहरीदुर्ग) में यह लेख, [उपयुक्त परिच्छेद या चित्र चुनें।] जल्द आनेवाले कुछ परिवर्तनों को दिखाता है और यह भी कि आप और आपका परिवार किस तरह उनका आनन्द उठाने के लिए जी सकते हैं। इस ओर आप की अधिक सहायता करने के लिए हम यह पत्रिका को अभिदान के तौर पर, एक वर्ष के लिए सिर्फ़ ५० रुपए में पेश कर रहे हैं। (मासिक पत्रिकाएँ प्रति वर्ष २५ रुपए के लिए हैं।) और, प्रचारक शायद उन भाषाओं की संख्या, जिन में पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं, तथा हमारे कार्य के व्यापक विस्तार का ज़िक्र कर सकता है। हमारे स्वैच्छिक कोशिशें बाइबल शिक्षण को बढ़ावा देने का काम करती हैं। सभी को वार्तालाप का नया विषय इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करके इस भाग को समाप्त करें।
गीत ६० (९३) और अन्तिम प्रार्थना।
मई १३ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत ४३ (१०३)
५ मि: स्थानीय घोषणाएँ और ईश्वरशासित समाचार।
१५ मि: “सुसमाचार की भेंट—सुनने के ज़रिए अधिक प्रभावकारी रूप से करना।” विषय को प्रश्नोत्तर द्वारा विचार-विमर्श करें। जब परिच्छेद ४ पर ग़ौर कर रहे हों, तब यह प्रदर्शित करें कि निजी चिन्ता के मामलों पर गृहस्वामी की टिप्पणियों की ओर सचेत न रहने के द्वारा एक प्रचारक किस तरह एक उत्तम बातचीत करने के अच्छे-ख़ासे मौक़े को गवाँ देता है। दर्शकगण से पूछें कि यह किस तरीक़े से किया जा सकता था। उसके बाद, उसी प्रचारक से प्रदर्शन को दोहराइएगा, पर अब की बार दिखाएँ कि गृहस्वामी के साथ एक अच्छी बातचीत विकसित करने के द्वारा इसे उचित रूप से कैसे किया जा सकता है।
२५ मि: “हमारी वैयक्तिक कोशिश के अनुपात में फल पाना।” अंतःपत्र लेख पर आधारित भाषण और विचार-विमर्श। प्राचीन द्वारा संचालित किया जाना चाहिए। विषय का स्थानीय अनुप्रयोग करें। समय की पाबंदी के अनुसार परिच्छेद और ज़िक्र किए गए शास्त्रपद पढ़े जा सकते हैं।
गीत १२८ (१०) और अन्तिम प्रार्थना।
मई २० से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत २८ (५)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ और लेखा रिपोर्ट। विश्वव्यापी कार्य के वास्ते आर्थिक सहायता के लिए सोसाइटी के आभार की अभिव्यक्ति सम्मिलित करें। स्थानीय मण्डली की ज़रूरतों के लिए उदारशील सहायता के लिए भाइयों की प्रशंसा करें।
१५ मि: “दूसरों को द वॉचटावर (प्रहरीदुर्ग) पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कीजिए।” उत्साहपूर्ण भाषण, तत्पश्चात् प्रचारकों द्वारा दो या तीन तैयार की गयी संक्षिप्त अभिव्यक्तियाँ, जिन में वे यह बता सकते हैं कि वे द वॉचटावर (प्रहरीदुर्ग) की क़दर क्यों करते हैं और उसे नियमित रूप से पढ़ने के द्वारा उन्होंने किस तरह लाभ पाया है।
२० मि: “सभाओं को समय पर शुरु और समाप्त करें।” प्रश्नोत्तर द्वारा विचार-विमर्श। सभी परिच्छेद पढ़ें।
गीत ८ (८४) और अन्तिम प्रार्थना।
मई २७ से आरत्भ होनेवाला सप्ताह
गीत ११८ (९९)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। किंग्डम हॉल के सफ़ाई प्रबंधों पर पुनर्विचार करें। भाइयों को यहोवा का उपासना-स्थान साफ़ रखने में सहयोग देने की आवश्यकता समझने की मदद करें।—अधिक जानकारी के लिए हमारी राज्य सेवा के सितम्बर १९८९ अंक में पृष्ठ ७ पर “क्या आप अपने किंग्डम हॉल पर ध्यान रखते हैं?” लेख देखें।
१५ मि: “हमारे प्रकाशनों का अच्छा उपयोग करें।” प्रश्नोत्तर द्वारा पूरा किया जाना चाहिए।
१० मि: परिचारकों का काम। उस भाई की मुलाक़ात लें जो परिचारकों का निरीक्षण करता है। उनके कार्यों पर और किस तरह मण्डली परिचारकों को सहयोग दे सकती है, इस पर भी विचार-विमर्श करें। (ऑरगेनाइज़्ड टू अकंप्लिश आवर मिनिस्ट्री, पृष्ठ ६३-४, और हमारी राज्य सेवा, जनवरी १९९०, पृष्ठ ६ देखें।) यह ज़िक्र करें कि कभी-कभी परिचारक माता-पिताओं को उनके बच्चों द्वारा की गड़बड़ पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता के विषय में अवगत करेंगे। परिचारक हमारी सभाओं में सुख-सुविधा और सुव्यवस्था का ध्यान भी रखते हैं, उपस्थित लोगों की गिनती करते हैं, बूढ़े और अशक्त लोगों को बिठा देते हैं, इत्यादि।
१० मि: सेवकाई में ट्रैक्टों का उपयोग करना। भाइयों को विभिन्न उपलब्ध ट्रैक्ट दिखा दें, और इन्हें इस्तेमाल करने के विविध तरीक़ों पर विचार-विमर्श करें। दर्शकगण से यह टिप्पणी करवाइए कि वे ट्रैक्टों का उपयोग किस तरह करते हैं और शायद उनके कुछ अनुभव बताएँ। फरवरी में हम ने चर्चा की थी कि अध्ययन शुरु करने के लिए ट्रैक्टों का उपयोग किस तरह किया जा सकता है। इस प्रस्तावना के उपयोग से प्राप्त परिणामों से संबंधित अनुभव दूसरों द्वारा कहलवाइए। और उनका उपयोग करने में अन्य अनुभवों को ढूँढ़ निकालने के लिए इन्डेक्स में “ट्रैक्टस्” शीर्षक को भी देखें।
गीत १८१ (१०) और अन्तिम प्रार्थना।
जून ३ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत २२१ (७३)
५ मि: स्थानीय घोषणाएँ।
१५ मि: फ़ुरसत के समय का सन्तुलित इस्तेमाल। फ़ुरसत के समय के बारे में अनेक युवजनों की मुलाक़ात लीजिए। यंग पीपल आस्क किताब, ३५ से ३७ तक के अध्यायों से विषय लें। जो भाई मुलाक़ात ले रहा हो, वह शायद पूछ सकता है: आप जो पढ़ते हैं, उस में आपको चयनात्मक क्यों होना चाहिए? आप उपयुक्त पाठ्य-सामग्री किस तरह चुन सकते हैं? टी.वी. देखने के कुछेक संभाव्य हानिकारक प्रभाव क्या हैं, और इस पर कैसे क़ाबू रखा जा सकता है? आप सांसारिक युवजनों की नक़ल न करके क्यों किसी चीज़ का अभाव अनुभव नहीं कर रहे हैं? उनकी नक़ल करना क्यों ख़तरनाक़ हो सकता है? आपने कौनसे तरीक़े पाए हैं जिन के ज़रिए आप लाभप्रद मनोरंजन का आनन्द उठा सकते हैं? हमें किस लिए इस क्षेत्र में सन्तुलित रहना चाहिए?
१५ मि: ऑरगेनाइज़्ड टू अकंप्लिश आवर मिनिस्ट्री, पृष्ठ ८४-७ पर आधारित उत्साहपूर्ण और प्रोत्साहक भाषण। स्थानीय अनुप्रयोग करें, और घर-घर के सामूहिक प्रचार कार्य के लिए मण्डली की व्यवस्थाओं की ओर ध्यान आकर्षित करें। घर-घर की सेवकाई में प्रभावकारी बनने के उद्देश्य से नए प्रचारकों को प्रशिक्षण देने का महत्त्व दिखलाएँ।
१० मि: स्थानीय आवश्यकताएँ या दिसम्बर २२, १९९० अवेक! पत्रिका के पृष्ठ २०-४ में प्रकाशित “आख़िर में, परिपूर्ण सरकार!” लेख पर आधारित भाषण। (प्रान्तीय भाषा: मार्च १, १९९० के प्रहरीदुर्ग से “विश्व शासकत्व बदल रहा है” लेख।)
गीत १२ (२४) और अन्तिम प्रार्थना।