वर्षा-ऋतु में ईश्वरशासित रूप से अत्याधिक लाभ पाना
कहा गया है कि भविष्य उन लोगों का है जो उसके लिए तैयारी करते हैं। हमें पहले से योजना करनी चाहिए अगर हम चाहते हैं कि समय के हमारे इस्तेमाल से हमें उपलब्धि का एक अहसास मिले। भारत के कई भागों में जुलाई तक बरसात पूरी तरह से आ चुकी होती है। हम अभी कौनसी योजनाएँ बना सकते हैं जिस से हम निश्चित कर सकें कि इस अवधि में हमारे समय का सबसे अच्छा ईश्वरशासित उपयोग होगा?
२ मार्च ३० को बड़ी संख्या में नए-नए दिलचस्पी रखनेवाले लोग स्मारक में उपस्थित हुए थे। उनकी आध्यात्मिक प्रगति बड़ी मात्रा में उस मदद पर निर्भर है जो वे हम से प्राप्त करते हैं। ज़िला सम्मेलन में उपस्थित होना उनके लिए एक आशीर्वाद होगा। हम उन्हें उसके आध्यात्मिक लाभों से अवगत करा सकते हैं और शायद उन्हें हमारे साथ या अन्यों के साथ जाने का निमंत्रण देकर, उन्हें उनका यात्रा प्रबंध करने में सहायता दे सकते हैं।
३ सम्मेलन में उपस्थित होने से अनौपचारिक गवाही देने के लिए और अधिक अवसर मिलते हैं। पहले से की गयी योजनाओं में अपने सामान में नवीनतम प्रकाशनों की एक सप्लाई रखना शामिल है। हम उन लोगों को प्रचार कर सकते हैं, जो पेट्रोल पंपों में, होटलों में और रेस्तराँ में काम करते हैं, और साथ ही सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर सफ़र करनेवाले लोगों को भी सुसमाचार सुना सकते हैं। यह आह्लादक अनुभवों का आनन्द लेने का एक उत्तम तरीक़ा है।
४ जहाँ सम्मेलन वर्ष के आख़िर में आयोजित किए गए हैं, अनेक बच्चें सम्मेलन के लिए समय और छुट्टी का समय मिलाते हैं। जबकि कुछ हितकर मनोरंजन लाभदायक है, क्या इस खाली समय का कुछ हिस्सा, सहायक पायनियर कार्य जैसे प्रचार काम में अधिक हिस्सा लेकर बिताया जा सकता है? माता-पिता अपने बच्चों को योजना बनाने के लिए अभी मदद करना शुरु कर सकते हैं। शायद अलग-अलग परिवार के बच्चें नाम लिखवाकर एक दल के रूप में कार्य कर सकते हैं। अन्य लोग जो नाम लिखा नहीं सकते, वे अधिक कर सकते हैं, ख़ासकर मध्य-सप्ताह की सेवा में।
५ कुछ लोग अपनी नौकरी से छुट्टी लेकर दूसरे इलाकों में सफ़र करनेवाले होंगे। स्थानीय मण्डली की सभाओं में उपस्थित होने और उनके साथ सेवा में हिस्सा लेने की योजना बनाने से प्रोत्साहन की अदला-बदली हो सकती है। आप शायद ऐसे इलाके में जा रहे होंगे जहाँ ऐसा क्षेत्र होगा जिस में विरले ही काम किया गया है, जिस से आपको ऐसे लोगों को गवाही देने का मौक़ा मिलेगा, जो राज्य संदेश को विरले ही सुनते हैं।
६ अनेक नौजवानों ने अभी अभी पाठशाला से स्नातक उपाधि प्राप्त की है या करने वाले हैं। इस से उन्हें ज़िन्दगी में अपने लक्ष्यों के बारे में गंभीर चिन्ता होने लगती है। जो तरुण लोग ईश्वरशासित लक्ष्यों का ख़याल रखकर अपने भविष्य की योजना बनाते हैं, उन्हें यक़ीनन आशिष मिलेगा। (१ यूहन्ना २:१५-१७) नियमित पायनियर सेवा में शुरु होने का निर्णय एक संतोषजनक जीवन क्रम की ओर ले जा सकता है, जिस में अनेक ख़ास अनुग्रह हैं।
७ हम में से इतने सारों के पास कुछ अतिरिक्त समय होनेवाला है। हम अक्लमन्दी से कार्य करें, ‘अवसर को बहुमोल समझकर समय निकालते रहें।’ (इफि. ५:१५, १६) ऐसी योजनाएँ जो हमें यहोवा की सेवा में व्यस्त रखती हैं, हमारे लिए और दूसरों के लिए चिरस्थायी आशीर्वाद लाती हैं।—१ तीमु. ४:१५, १६.