“मेरे स्मरण के लिए यही किया करो”
यीशु ने अपने अनुयायियों को उनकी मृत्यु का वार्षिकोत्सव मनाने का आज्ञा दिया। (लूका २२:१९) मनुष्यजाति के लिए यीशु का महान बलिदान का यह अनुपालन अनुस्मारक का काम करेगा। इस साल दुनिया भर में यहोवा के गवाह यीशु की मौत का स्मारक शुक्रवार, अप्रैल १७, सुर्यास्त के बाद मनाएँगे।
२ निजी तैयारी: इस अहम अवसर का उचित अनुपालन के लिए हम किस तरह तैयारी कर सकते हैं? एक तरीका है प्रार्थनामय रीति से यीशु की पार्थिव ज़िंदगी और सेवकाई पर चिन्तन करना। अपना परिपूर्ण मानवी ज़िंदगी बलिदान में देने से वह मानवजाति का उद्धारक बन गए। (मत्ती २०:२८) ताकि हरेक इस प्रबंध का क़दर करें, हम परामर्श देते हैं कि आप दी ग्रेटेस्ट मॅन हू एवर लिव्ड किताब के अध्याय ११२ से ११६ पर ग़ौर करें।
३ इस वर्ष स्मारक दिन से पहले हमारी बाइबल पठन, जिसे यहोवा के गवाहों के १९९२ कॅलैंडर पर लिखा गया है, मरकुस की बाइबल किताब के कुछ चुने हुए आयत हैं। यह ख़ास बाइबल पठन रविवार से लेकर शुक्रवार, अप्रैल १२-१७ की ६-दिवसीय अवधि के लिए नियत किया गया। हम सब इन गंभीर करनेवाली घटनाओं पर मनन करने के लिए पर्याप्त वक़्त लेना चाहिए।
४ प्राचीनों द्वारा सम्पूर्ण तैयारी: निश्चित करना कि स्मारक न्योता उपलब्ध हैं। हाज़िर होनेवाले अपेक्षित जनों के लिए पर्याप्त बैठने की जगह है? जहाँ एक से अधिक कलीसिया एक सभागृह का उपयोग करनेवाले हैं, सुव्यवस्थित प्रबंध ज़रूरी हैं ताकि हर कलीसिया को स्मारक मनाने के लिए पर्याप्त समय हो। अपने कर्तव्य के बारे में परिचारकों को पहले से बता देना चाहिए। उपस्थित होनेवाले नए व्यक्तियों को स्वागत करने में वे अगुआई लेंगे। एक सुयोग्य वक्ता चुना जाना चाहिए जो जानकारी को सुस्पष्ट और शास्त्र-संबंधी तरीके से प्रस्तुत करेगा। ज़िम्मेदार प्राचीन या सेवकाई सेवकों को प्रतीक हस्तांतरित करने के लिए नियत करें। अख़मीरी रोटी और अमिश्रित लाल दाखरस का प्रबंध किया जाना चाहिए। अतिरिक्त तक़ाज़ा के लिए, दी वॉचटावर, का फरवरी १५, १९८५ अंक का पृष्ठ १९ पर ध्यान दें।
५ सम्पूर्ण अग्रिम तैयारी से, हम दर्शाएँगे कि इस ख़ास अवसर की महत्त्वता को हम पूरी तरह क़दर करते हैं और कि हम यीशु की आज्ञा के अनुसार मसीह की मौत का स्मारक मनाना चाहते हैं।—१ कुरि. ११:२३-२६.
१. समारोह का सही समय और स्थान के बारे में क्या हरेक, वक्ता भी, सूचित किए गए हैं? क्या वक्ता के पास वाहन है?
२. क्या प्रतीक की तैयारी के लिए निश्चित इन्तज़ाम किया गया है?
३. किसी को एक साफ़ मेज़पोश, थाली और गिलास की आवश्यक संख्या लाने का इन्तज़ाम किया गया है?
४. स्मारक से पहले सभागृह की सफ़ाई और अगर उस शाम कोई दूसरी कलीसिया सभागृह का उपयोग कर रही है तो फिर बाद में क्या हलकी सफ़ाई का इन्तज़ाम किया गया है?
५. क्या परिचारक और सेवकों को नियत किया गया है? स्मारक से पहले उनके फ़र्ज़ का जाँच करने के लिए क्या एक सभा का आयोजन किया गया है? कब? कौनसे कार्यप्रणाली का पालन किया जाएगा ताकि सब जन कार्यकुशलता से परोसे जाएँ?
६. बूढ़े और दुर्बल भाई-बहनों की मदद के लिए क्या इन्तज़ाम पूरे हुए हैं? उन अभिषिक्त जन को परोसने के लिए क्या इन्तज़ाम किए गए हैं जो परिसीमित हैं और राज्य सभागृह आने में असमर्थ हैं?