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  • सकारात्मक मनोवृत्ति रखिए
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सकारात्मक मनोवृत्ति रखिए

अनेक देशों में हो रही आश्‍चर्यजनक वृद्धि के बारे में पढ़कर हम कितना रोमांचित होते हैं! फिर भी, हम समझते हैं कि कुछ क्षेत्रों में राज्य प्रकाशकों को हमारे प्रचार कार्य के प्रति अकसर भावशून्यता, उदासीनता, यहाँ तक कि स्पष्ट प्रतिरोध का भी सामना करना पड़ता है। यदि हमारे क्षेत्र में ऐसी स्थिति है तो हम एक सकारात्मक मनोवृत्ति कैसे रख सकते हैं? हम एक नकारात्मक मनोवृत्ति को कैसे रोक सकते हैं जो चेला बनाने के कार्य के लिए हमारे हर्ष को चुरा सकती है या हमारे जोश को कम कर सकती है?

२ अपने संतुलन को बनाए रखने में सकारात्मक मनोवृत्ति हमारी सहायता कर सकती है। मुश्‍किल हालातों में भी, हमें नकारात्मक विचारों को हमारे दृष्टिकोण पर प्रभुता करने नहीं देना चाहिए। यीशु ने हमारे लिए परिपूर्ण उदाहरण रखा। जो उसने सिखाया उसे अपेक्षाकृत थोड़े ही लोगों ने स्वीकार किया। अनेक लोगों ने उसकी शिक्षा से ठोकर खाई। उसने ऐसी परिस्थितियों का सामना किया जिन्होंने कठोरता से उसके धीरज की परीक्षा ली। धार्मिक अगुवों ने उसके कार्य की आलोचना की और उसे मार डालने की साज़िश की। उसपर थूका गया, थप्पड़ मारा गया, उपहास किया गया, पीटा गया, और अंततः जान से मारा गया। फिर भी, जो कार्य वह कर रहा था, उसमें उसने हर्ष पाया। क्यों? उसने परमेश्‍वर की इच्छा पूरी करने के महत्त्व को पहचाना, और वह निराश नहीं हुआ।—यूहन्‍ना ४:३४; १३:१७; इब्रा. १२:२.

३ हमारी सेवकाई के प्रति एक सही दृष्टिकोण बनाए रखिए: ऐसा करने के लिए हमें कई तत्त्वों को मन में रखने की ज़रूरत है। याद रखिए कि हमारे पास ऐसा संदेश है जिसकी अधिकतर लोग उपेक्षा या विरोध करते हैं। (मत्ती १३:१४, १५) हालाँकि प्रेरितों को सरकारी रूप से आदेश दिया गया था कि यीशु के नाम से सिखाना रोक दें, तौभी वे अपने प्रचार के आदेश के प्रति वफ़ादार रहे, और फ़सल बढ़ती गई। (प्रेरितों ५:२८, २९; ६:७) हम पहले से जानते हैं कि कुछ क्षेत्रों में, अपेक्षाकृत थोड़े लोग सुनेंगे। (मत्ती ७:१४) इसलिए, हमारे पास हर्षित होने का कारण है यदि हमारे क्षेत्र का सिर्फ़ एक व्यक्‍ति हमारे संदेश को सुनता है। यह भी याद रखिए कि, जो विरोध करते हैं उन्हें भी सुनने का अवसर दिया जाना चाहिए। (यहे. ३३:८) कुछ विरोधी अंततः बदलते हैं और यहोवा के उपासक बन जाते हैं। जब सही दृष्टिकोण से देखा जाए तब, चाहे थोड़े ही लोग क्यों न सुनें, हमारी सेवकाई हमें एक उपलब्धि की भावना देती है। दरवाजों पर परमेश्‍वर के राज्य के संदेश के साथ हमारी उपस्थिति ही एक गवाही है।—यहे. २:४, ५.

४ हमें अपने दृष्टिकोण में सकारात्मक महसूस करने का अच्छा कारण है। विश्‍वव्यापी कार्य की समृद्धि और बड़े क्लेश की नज़दीकी के बढ़ते प्रमाण द्वारा हम सभी को ईश्‍वरीय भक्‍ति के साथ सेवा करने में अपनी भरसक कोशिश करने के लिए प्रेरित होना चाहिए। (२ पत. ३:११, १४) हमने जो सीखा है उसका मूल्यांकन दिखाने के लिए अगस्त महीने के दौरान उत्साही गतिविधि एक उत्तम तरीक़ा होगा। हम यह भी चाहते हैं कि नई-नई संगति रखनेवालों को जो सिखाया जा रहा है उसे प्रयोग में लाने के प्रति वे सकारात्मक मनोवृत्ति दिखाएँ। यदि हमारे कुछ बाइबल विद्यार्थियों ने बपतिस्मा-रहित प्रकाशक बनने की हद तक प्रगति कर ली है, तो अगस्त का महीना उनसे शुरूआत करवाने के लिए अत्युत्तम समय हो सकता है।

५ चाहे प्रकाशकों के तौर पर या पायनियर के तौर पर सेवा करते हों, हम सभी को सहायता मिलती है यदि हम ध्यान में रखें कि यहोवा हमसे जो माँगता है वह कठिन नहीं है। (१ यूहन्‍ना ५:३) वह हमें सम्भालने की प्रतिज्ञा करता है। (इब्रा. १३:५ख, ६) जन उदासीनता, भावशून्यता, या प्रतिरोध के बावजूद, हमें सकारात्मक होना चाहिए और प्रचार करते रहना चाहिए क्योंकि यह परमेश्‍वर की इच्छा है कि हम ऐसा करें।—१ तीमु. २:३, ४.

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