बाइबल अध्ययन जिससे शिष्य बने
“अभी बपतिस्मा लेने में मेरे लिए क्या रुकावट है?” इथियोपिया देश के खोजे ने फिलिप्पुस से पूछा जब उसने “उसे यीशु के विषय में सुसमाचार सुनाया।” (प्रेरि. ८:२७-३९, NHT) खोजे के मामले में, उसे पहले ही परमेश्वर के प्रेरित लेखनों के लिए प्रेम था, और फिलिप्पुस से आध्यात्मिक मदद पाने के बाद, वह शिष्य बनने के लिए तैयार हो गया। लेकिन सब लोग इससे क़ायल नहीं हैं कि उन्हें अपने लिए शास्त्र की जाँच करने की ज़रूरत है।
२ शुक्र है, यहोवा के संगठन ने हमारे समय में बाइबल के संदेश की जाँच कम समयावधि में करने में लोगों को समर्थ करने के लिए ब्रोशर, परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? प्रदान किया है। ब्रोशर में दी गयी जानकारी ऐसे निष्कपट लोगों को आकर्षक लगनी चाहिए जो शायद पढ़े-लिखे हों लेकिन बाइबल के बारे में कम जानते हों। इस उत्तम औज़ार को इस ढंग से बनाया गया है जिससे लोग बाइबल की जाँच करने के लिए प्रेरित होंगे।
३ बाइबल अध्ययन शुरू करते वक़्त, हमारी राज्य सेवकाई के जून १९९६ के अंतःपत्र पर पुनर्विचार करना सहायक होगा। इस अंतःपत्र में ज्ञान पुस्तक से कैसे एक प्रगतिशील अध्ययन संचालित किया जा सकता है, इस बारे में अत्युत्तम सुझाव दिए गए हैं। अध्ययन चलाते वक़्त, विद्यार्थी द्वारा की गयी प्रगति पर विचार कीजिए ताकि आप यह निश्चित कर सकें कि किन क्षेत्रों में अतिरिक्त ध्यान देने की ज़रूरत है। विद्यार्थी को, दिए गए शास्त्रवचनों को पढ़ते हुए, अपने पाठ पहले से तैयार करने के लिए प्रोत्साहित कीजिए। अपने शब्दों में की गयी टिप्पणियाँ, शायद सच्चाई के लिए उसकी हार्दिक क़दरदानी को प्रतिबिंबित करें। सामान्यतः ऐसे लोग तेज़ प्रगति करते हैं जो इसके अतिरिक्त संस्था के प्रकाशनों को पढ़ते हैं और कलीसिया सभाओं में नियमित रूप से उपस्थित होते हैं। वह जो सीख रहा है, उसके बारे में अनौपचारिक रूप से दूसरों से बात करने के लिए उसे प्रोत्साहित कीजिए। कृपापूर्वक उसे बताइए कि आध्यात्मिक प्रगति करने के लिए उसे क्या करने की ज़रूरत है। हमें ऐसे लोगों के साथ अनियत समय तक अध्ययन करते नहीं रहना चाहिए जो किसी भी निर्णय पर नहीं पहुँच पाते हैं। यह ज़रूरी है कि विद्यार्थी सीखने की पहल करें, सच्चाई के लिए दृढ़ स्थिति लें, और समर्पण व बपतिस्मे की ओर बढ़ें।
४ कुछ घरों में, एक से ज़्यादा अध्ययन संचालित किए जाते हैं, क्योंकि परिवार के भिन्न-भिन्न सदस्यों का अलग-अलग अध्ययन होता है। लेकिन, अधिकांश मामलों में एक संयुक्त पारिवारिक अध्ययन करना पसंद किया जाता है, चूँकि यह आध्यात्मिक रूप से परिवार को एक करने में मदद देगा।
५ यीशु की आज्ञा है कि हम जाकर शिष्य बनाएँ। (मत्ती २८:१९) ऐसा करने के लिए, हमें ऐसे बाइबल अध्ययन संचालित करना चाहिए जो दूसरों को इस हद तक प्रगति करने में मदद देता है कि वे शायद पूछ बैठें, “अभी बपतिस्मा लेने में मेरे लिए क्या रुकावट है?”