सितंबर के लिए सेवा सभाएँ
सितंबर ७ से आरंभ होनेवाला सप्ताह
गीत २८
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। बक्स, “एक सुझाव” पर चर्चा कीजिए।
१५ मि: “हम और भी बड़े काम कर सकते हैं।” सवाल और जवाब। नए सेवा साल के लिए सभी को उचित लक्ष्य रखने और उन तक पहुँचने के लिए मेहनत करने का प्रोत्साहन दीजिए। —आवर मिनिस्ट्री, पेज ११६-१८ देखिए।
२० मि: “पायनियरों द्वारा सहायता।” प्राचीन बताता है कि ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल में प्रशिक्षण के अलावा ऐसा प्रबंध किया गया है कि पायनियर व्यक्तिगत रूप से सेवकाई में दूसरों की मदद करें। वह लेख पर आधारित कुछ प्रश्न पूछता है और श्रोताओं से जवाब देने के लिए कहता है, खासकर उन पायनियरों और प्रकाशकों से जो इस कार्यक्रम में शामिल रहे हैं। चर्चा कीजिए कि इससे अच्छे नतीजे कैसे हासिल किए जा सकते हैं। पायनियर बता सकते हैं कि दूसरों की सहायता करने से उन्हें कैसे आनंद और लाभ मिला। जिन प्रकाशकों को मदद मिली है, वे बता सकते हैं कि वे इस प्रेममय प्रबंध की कितनी कदर करते हैं और किस बात से उन्हें अपनी सेवकाई में अधिक सफल होने और खुशी पाने में मदद मिली है।
गीत १७२ और समाप्ति प्रार्थना।
सितंबर १४ से आरंभ होनेवाला सप्ताह
गीत १६०
५ मि: स्थानीय घोषणाएँ। लेखा रिपोर्ट।
१० मि: परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? एक भाषण। पुस्तक अध्ययन में हम अगले हफ्ते से इस ब्रोशर का अध्ययन शुरू करेंगे। सभी को पहले से ही तैयारी करके हर सभा में आने का प्रोत्साहन दीजिए, ताकि वे ब्रोशर से अच्छी तरह वाकिफ हो जाएँ और यह सीख सकें कि दूसरों के साथ कैसे अध्ययन करना चाहिए। “इस ब्रोशर का प्रयोग कैसे करें” अनुच्छेद पढ़िए। ब्रोशर में दिए गए प्रश्नों, शास्त्रवचनों और दृष्टांतों के ज़रिए सिखाना कितना महत्त्वपूर्ण है इस बात पर ज़ोर देने के लिए जनवरी १५, १९९७ की प्रहरीदुर्ग के पेज १६-१७ पर दिए गए विषय का इस्तेमाल कीजिए। बहुत ज़्यादा बात न करके और अतिरिक्त ब्यौरा न देकर पुस्तक अध्ययन संचालक को ऐसे लोगों के लिए अच्छा उदाहरण रखना चाहिए जो गृह बाइबल अध्ययन करते हैं।—जून १९९६ की हमारी राज्य सेवकाई का पेज ३, अनुच्छेद ५ देखिए।
१० मि: हमारा पिछला साल कैसा रहा? सेक्रेटरी और सर्विस ओवरसियर कलीसिया की पिछले साल की सर्विस रिपोर्ट और सभाओं में उपस्थिति के आँकड़ों पर बातचीत करते हैं। वे रिपोर्ट की अच्छी बातें बताते हैं और उन बातों पर भी ध्यान खींचते हैं जिनमें सुधार किया जा सकता है। अगस्त के दौरान क्षेत्र-सेवा में क्या १००-प्रतिशत हिस्सा लिया गया? बताइए कि आनेवाले महीनों में प्राचीन किन लक्ष्यों पर ध्यान देंगे। इन लक्ष्यों में सभी को नियमित प्रकाशक बनने में मदद देना भी शामिल है। सर्किट ओवरसियर की पिछली रिपोर्ट से भी कुछ उचित मुद्दे बताइए।
२० मि: “१९९८ ‘ईश्वरीय जीवन का मार्ग’ ज़िला अधिवेशन।” (अनुच्छेद १-१६) सवाल और जवाब। अनुच्छेद १० और ११ पढ़िए और ज़ोर दीजिए कि सलीकेदार मसीही दिखाव-बनाव और अच्छा आचरण बनाए रखना, साथ ही अपने बच्चों पर ठीक से निगरानी रखना शास्त्र के अनुसार ज़रूरी है।
गीत १४४ और समाप्ति प्रार्थना।
सितंबर २१ से आरंभ होनेवाला सप्ताह
गीत १२२
५ मि: स्थानीय घोषणाएँ।
२० मि: “अपने भाइयों से जान-पहचान बढ़ाइए।” सवाल और जवाब। दिसंबर १, १९८८ प्रहरीदुर्ग के पेज १४-१५ से कुछ बातें शामिल कीजिए। एक दूसरे को अच्छी तरह जानने के लिए सभी लोगों को पहल करने का प्रोत्साहन दीजिए।
२० मि: “१९९८ ‘ईश्वरीय जीवन का मार्ग’ ज़िला अधिवेशन।” (अनुच्छेद १७-२२) सवाल और जवाब। अनुच्छेद १७ और दिए गए शास्त्रवचन पढ़िए। व्यवस्था बनाए रखने और दूसरों के लिए लिहाज़ दिखाने की ज़रूरत पर ज़ोर दीजिए, खासकर जब सीटें बुक करने की बात आती है। समाप्ति में “अधिवेशन के संबंध में कुछ बातें” पर संक्षिप्त भाषण दीजिए।
गीत ३४ और समाप्ति प्रार्थना।
सितंबर २८ से आरंभ होनेवाला सप्ताह
गीत १७
१२ मि: स्थानीय घोषणाएँ। प्रकाशकों को सितंबर की क्षेत्र सेवा रिपोर्ट डालने की याद दिलाइए। सभी को प्रोत्साहन दीजिए कि अक्तूबर में पत्रिका वितरण बढ़ाने के लिए घर-घर की सेवकाई में ज़्यादा-से-ज़्यादा हिस्सा लेने की योजना बनाएँ। प्रस्तुति के लिए अक्तूबर १९९६ की हमारी राज्य सेवकाई के पेज ८ पर दिए गए सुझावों का ज़िक्र कीजिए। वर्तमान पत्रिकाओं को पेश करने का एक प्रदर्शन कीजिए।
२० मि: “अगुवाई करनेवाले ओवरसियर—सर्विस ओवरसियर।” सर्विस ओवरसियर द्वारा भाषण। अपनी ज़िम्मेदारियों के बारे में चर्चा करने के बाद, वह खास तरीके बताता है जिससे सेवकाई में ज़्यादा लोगों तक पहुँचने और ज़्यादा असरदार होने के लिए कलीसिया सहयोग दे सकती है।
१३ मि: कलीसिया का एक अच्छा प्रकाशक होने के लिए क्या ज़रूरी है? भाषण, कुछ हद तक श्रोता भाग लेते हैं। ज़रूरी नहीं कि एक व्यक्ति में खास काबिलियत या प्रतिभा हो; इसके बजाय यह बहुत ही अच्छी बात होगी कि हम सब ऐसा मनोभाव रखें जो प्रेम, नम्रता, जोश और कदरदानी दिखाने के लिए तैयार रहे। श्रोताओं से पूछिए कि निम्नलिखित बातें क्यों अच्छी हैं: (१) हँसमुख होना, (२) हर सभा में आना और भाग लेना, (३) नियुक्तियों को स्वीकार करना और पूरा करने के लिए इच्छुक होना, (४) प्राचीनों को और कलीसिया के लिए किए गए प्रबंधों में सहयोग देना, (५) सच्चे दिल से दूसरों की मदद करना और (६) नियमित रूप से क्षेत्र-सेवा में भाग लेना और हर महीने सही वक्त पर रिपोर्ट डालना।
गीत २५ और समाप्ति प्रार्थना।