अगुवाई करनेवाले ओवरसियर—स्कूल ओवरसियर
ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल ओवरसियर अनुभवी आध्यात्मिक व्यक्ति होता है जो सुनाने और सिखाने में परिश्रम करता है, हमें उसका आदर करना चाहिए और उसे सहयोग देना चाहिए। (१ तीमु. ५:१७) उसकी कौन-कौन-सी ज़िम्मेदारियाँ हैं?
२ वह किंग्डम हॉल की स्कूल लाइब्ररी को सँभालता है। सभी जो स्कूल में दाखिल होने की योग्यता रखते हैं, उनको वह स्कूल में नाम लिखाने के लिए प्रोत्साहित करता है। वह इस बात का पूरा ध्यान रखता है कि सही-सही रिकॉर्ड रखा जाए ताकि स्कूल के असाइनमैंट देने में कोई गड़बड़ी न हो और सभी को स्कूल के अपने असाइनमैंट कम-से-कम तीन हफ्ते पहले ही मिल जाएँ। उसे कलीसिया के हर विद्यार्थी की काबिलियत के बारे में अच्छी जानकारी रखने की ज़रूरत होती है। हालाँकि शायद कोई भाई स्कूल-तालिका बनाने में स्कूल ओवरसियर की मदद करे, फिर भी हर असाइनमैंट उसकी निगरानी में ही दिया जाता है।
३ स्कूल में अच्छी तरह से सिखाने के लिए ओवरसियर को हर हफ्ते तैयारी करने में कड़ी मेहनत करनी चाहिए और जिन विषयों पर चर्चा की जाएगी उनका गहरा अध्ययन करना चाहिए। इससे वह विषयों के लिए कलीसिया की दिलचस्पी को बनाए रख सकता है और यह ध्यान रख सकता है कि सारा विषय ठीक तरह से पूरा किया जा रहा है या नहीं, साथ ही रिटन रिव्यू में आनेवाले खास मुद्दे भी स्पष्ट कर सकता है।
४ हर विद्यार्थी-भाषण के बाद ओवरसियर विद्यार्थी की सराहना करता है और समझाता है कि विद्यार्थी का बोलने का ढंग क्यों अच्छा था और अगर कहीं सुधार की ज़रूरत है तो सुधार कैसे किया जा सकता है। अगर किसी को टॉक तैयार करने के लिए खास मदद की ज़रूरत है तो ओवरसियर मदद कर सकता है या कोई और व्यक्ति जिसे वह नियुक्त करे।
५ अगर हम स्कूल ओवरसियर और उसके निर्देशन में सिखानेवाले और भाइयों की कड़ी मेहनत से पूरा लाभ उठाना चाहते हैं तो हमें बिना नागा स्कूल में हाज़िर होना चाहिए। हमें अपने हर असाइनमैंट को अच्छी तैयारी करके पूरा करना चाहिए और सलाहों को लागू करना चाहिए, चाहे वे हमें दी गई हों या दूसरे विद्यार्थियों को। इस प्रकार लोगों के सामने और घर-घर में हम राज्य का संदेश सुनाने में ज़्यादा कुशल होते जाएँगे।—प्रेरि. २०:२०; १ तीमु. ४:१३, १५.