एक हिंदू मिल जाए तो आप क्या कहेंगे?
जैसा कि आप जानते हैं, भारत में ज़्यादातर लोग हिंदू धर्म को मानते हैं। जब प्रचार काम में आप किसी हिंदू से मिलते हैं तो आप उसे कैसे गवाही देंगे?
२ इन ज़रूरी बातों को याद रखिए: हिंदुओं को गवाही देते वक्त अगर हम सरल भाषा में और ज़रा सोच-समझकर बात करें तो अच्छे नतीजे मिलते हैं। जब आप किसी परिवार से मिलते हैं तो सबसे पहले घर के बड़े आदमी से बात करने की कोशिश कीजिए क्योंकि अगर वह हमारी बात सुने तो पूरा परिवार भी सुनेगा। हिंदू लोग सभी प्राणियों की इज़्ज़त करते हैं और उन्हें समाज की बहुत फिक्र होती है इसलिए ऐसे विषयों पर बात कीजिए जो सीधे समाज से ताल्लुक रखते हों। तब वे भी अपनी राय बताएँगे और हमारी बात सुनना चाहेंगे और इससे दोनों को ही फायदा होगा। हिंदू धर्म में परमेश्वर में विश्वास रखना सिखाया जाता है इसीलिए हिंदुओं के दिल में परमेश्वर के लिए भक्ति और उसके साथ अपना एक नज़दीकी रिश्ता कायम करने की प्यास होती है। आप उनसे ऐसे विषयों पर बात कीजिए जिनके बारे में उनके विचार बाइबल से मिलते-जुलते हों। उन्हें बताइए कि हमारे सिरजनहार के साथ दोस्ती बढ़ाने के लिए बाइबल और हमारी संस्था की किताबें उन्हें मदद देंगी। आम-तौर पर हिंदू धर्म के लोग दोस्ताना और मिलनसार होते हैं। तो फिर हमें भी उनसे बात करते वक्त एक दोस्त की तरह पेश आना चाहिए और किसी विषय पर वाद-विवाद नहीं खड़ा करना चाहिए। उन्हें गवाही देने के लिए हमें हिंदू धर्म का पूरा-पूरा अध्ययन करने की ज़रूरत तो नहीं है, लेकिन उनके धर्म के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी रखना अच्छा होगा।
३ हिंदुओं के लिए तैयार की गई किताबें इस्तेमाल कीजिए: संस्था ने ऐसे कई बुकलैट और ब्रोशर छापे हैं जो खासकर हिंदुओं के लिए हैं, जैसे हमारी समस्याएँ—उन्हें हल करने में कौन हमारी मदद करेगा? इसे अंग्रेज़ी के अलावा भारत की १३ भाषाओं में छापा गया है। “देख! मैं सब कुछ नया कर देता हूँ” और क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है? ब्रोशर भी हिंदुओं को गवाही देने में काफी मददगार साबित हुए हैं। बुकलैट, कुरुक्षेत्र से अरमगिदोन तक—और आपकी उत्तरजीविता अँग्रेज़ी, कन्नड़, गुजराती, बंगला, पंजाबी और मलयालम में उपलब्ध है। मृत्यु पर विजय—क्या यह आपके लिए संभव है? अँग्रेज़ी, गुजराती, नेपाली और पंजाबी में उपलब्ध है। छुटकारे की ओर ले जानेवाला परमेश्वरीय सत्य का मार्ग अँग्रेज़ी, उर्दू, तेलगू, मलयालम और मिज़ो भाषा में उपलब्ध है। अगर आप माँग ब्रोशर और ज्ञान किताब से बाइबल स्टडी करेंगे तो बहुत फायदेमंद होगा।
४ ऐसे विषयों पर बात कीजिए जिनमें उनकी भी दिलचस्पी हो: हिंदुओं को दिलचस्प लगनेवाले विषय ढूँढ़ना मुश्किल नहीं है। वे मानते हैं कि आज दुनिया की बुराई अपनी चरम-सीमा पर पहुँच गई है और परमेश्वर एक बहुत बड़ा प्रलय लाएगा जिसमें सारी बुराइयाँ मिट जाएँगी और इसके बाद एक सतयुग शुरू होगा। तो आप देख सकते हैं कि ये बातें काफी हद तक बाइबल की शिक्षाओं से मिलती-जुलती हैं जिसमें बताया गया है कि हम अंतिम दिनों में हैं, एक भारी क्लेश आनेवाला है जिसके बाद एक नई दुनिया आएगी। ज़्यादातर हिंदुओं का मानना है कि इंसान की ज़िंदगी में दुख-तकलीफों का सिलसिला कभी खत्म नहीं होगा, इसलिए अगर हम उनसे परिवार, जुर्म और उससे बचने के तरीके, मरने के बाद इंसान का क्या होता है, जैसे विषयों पर बात करेंगे तो वे हमारी बातों में दिलचस्पी लेंगे। उनसे बात करने के दो तरीके यहाँ दिए गए हैं जिन्हें आप आज़माकर देख सकते हैं।
५ बाल-बच्चेवाले आदमी से यह कहना ठीक होगा:
◼“मैं ऐसे लोगों से मिल रहा हूँ जो आजकल के परिवारों की हालत देखकर परेशान हैं। अगर एक परिवार को टूटने से बचाना है तो आपके ख्याल में हमें क्या करना चाहिए? [जवाब के लिए रुकिए।] कुछ लोग जानते हैं कि परिवार के बारे में हिंदू शास्त्रों में क्या लिखा है लेकिन उन्हें कभी यह जानने का मौका नहीं मिला कि इसी विषय पर बाइबल क्या कहती है। देखिए, यहाँ कुलुस्सियों ३:१२-१४ में क्या कहा गया है।” इस आयत को पढ़ने के बाद ज्ञान किताब का अध्याय १५ दिखाकर कहिए: “अगर आप थोड़ा समय दें तो मैं इस अध्याय में दी गई कुछ बातें आपको बताना चाहता हूँ।”
६ जवान लोगों से यह कहें तो वे ध्यान से सुनेंगे:
◼“आप परमेश्वर को ज़रूर मानते होंगे। आपकी राय में परमेश्वर ने इंसान को क्यों बनाया?” जवाब के लिए रुकिए। फिर उत्पत्ति १:२८ पढ़िए और कहिए: “आज दुनिया के कई देशों में आबादी बहुत बढ़ गई है और समस्याएँ भी बढ़ती जा रही हैं। क्या आपको लगता है कि हमारी समस्याओं को हल करने में परमेश्वर हमारी मदद करेगा?” जवाब सुनने के बाद सही बुकलेट या ब्रोशर दिखाइए।
७ कामयाबी हासिल कीजिए: एक बार एक बहन जब बाज़ार में गवाही दे रही थी तब उसके पास २२ साल का एक हिंदू लड़का आया और उसने कहा कि वह बाइबल सीखना चाहता है। उस लड़के ने बताया कि आठ साल पहले, जब वही बहन एक बार उसकी माँ से बाइबल के बारे में बात कर रही थी तो उसने उनकी बातें सुनी थीं। उसे यह सुनकर बहुत अच्छा लगा कि बाइबल में इंसान की समस्याओं का हल बताया गया है। वह ज़्यादा सीखना तो चाहता था मगर उसकी माँ ने इन बातों में कोई दिलचस्पी नहीं ली और उम्र कम होने की वज़ह से वह खुद सच्चाई सीखने के लिए आगे नहीं बढ़ सका। अब जब वह बड़ा हो गया है तो वह इस बारे में सीखना चाहता था। उस नौजवान ने तुरंत सीखना शुरू कर दिया। केवल २३ दिन में उसने पूरी की पूरी ज्ञान किताब स्टडी कर ली और उस बहन से हुई मुलाकात के बस चार महीने बाद ही वह बपतिस्मे के लिए तैयार हो गया!
८ एक भाई ने ट्रेन में एक हिंदू आदमी को गवाही दी। उस आदमी की शादी-शुदा ज़िंदगी में कई समस्याएँ थीं। उसे शराब पीने की बुरी लत भी थी। जब भाई ने कहा कि वह उसके घर आकर परिवार के बारे में बाइबल से सलाह देना चाहता है तो वह इसके लिए राज़ी हो गया। चालचलन के बारे में बाइबल की सलाह उसे पसंद आई इसलिए उसने बाइबल स्टडी शुरू की। फिर वह अपने पूरे परिवार के साथ मीटिंगों में हाज़िर होने लगा। बाद में यह परिवार, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को सच्चाई की बातें बताने लगा। अब तक इनमें से छ: लोगों ने सच्चाई अपना ली है!
९ परमेश्वर चाहता है कि “सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहचान लें।” (१ तीमु. २:४) सब मनुष्यों में वे लोग भी हैं जो हिंदु धर्म को मानते हैं और जिन्हें बाइबल का ज्ञान नहीं है। इसलिए जब आप अगली बार प्रचार करते वक्त हिंदुओं से मिलेंगे तो क्यों न इस लेख में बताए गए तरीके आज़माकर देखें?