हमारे साहित्य के वितरण के लिए सरल व्यवस्था
बिना मूल्य साहित्य देने की सरल व्यवस्था को शुरू हुए अब एक साल हो गया है। क्या यह इंतज़ाम सफल हुआ है? प्रचार काम की रिपोर्टें बताती हैं कि हर तरह के साहित्य की पेशकश में बढ़ोतरी हुई है। इससे ज़ाहिर होता है कि लाखों लोगों को “जीवन का जल सेंतमेंत” लेने का मौका मिला है।—प्रका. 22:17.
2 लेकिन हम यह नहीं चाहते कि आँखें मूँदकर किसी को भी अपनी पत्रिकाएँ दे दें और न ही हम ऐसा करने के लिए बाध्य हैं। यह बात सही है कि प्रचारकों को कलीसिया में साहित्य, बिना दाम के मिलते हैं, लेकिन उनकी यह ज़िम्मेदारी बनती है कि वे उनका इस्तेमाल सूझ-बूझ के साथ करें, ठीक वैसे ही जैसे वे खुद की चीज़ों का सही ढंग से इस्तेमाल करते हैं। जब संस्था, कलीसियाओं को बिना मूल्य किताबें देती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि इन्हें छपवाने और जगह-जगह पहुँचाने में कोई पैसा नहीं लगता। हम सभी को इन किताबों की अहमियत समझनी चाहिए क्योंकि इन्हीं के ज़रिए नेकदिल इंसानों को यहोवा परमेश्वर और उसके बेटे यीशु मसीह के बारे में सही-सही ज्ञान दिया जाता है, जिसकी उन्हें तलाश है।—यूह. 17:3.
3 मगर संस्था सभी को साहित्य बिना दाम कैसे दे पाती है? बेशक इसकी छपाई और इसके वितरण में खर्च तो लगता ही है, लेकिन संस्था यह खर्च अंशदानों के ज़रिए पूरा करती है। और यह अंशदान खासकर यहोवा के समर्पित सेवक देते हैं। यहोवा के साक्षी आज सबसे ज़रूरी काम यानी राज्य-संदेश के प्रचार काम को आगे बढ़ाने के लिए आम-जनता से मदद की कोई अपेक्षा नहीं करते। और न ही उन्होंने पहले कभी आम-जनता से ऐसी मदद की अपेक्षा की थी। लेकिन हाँ, प्रचार के दौरान अगर हमें कोई दिलचस्पी दिखानेवाला मिलता है और छोटा-मोटा दान देकर हमारे काम के लिए कदरदानी दिखाना चाहता है, तो हम उसके दान को ज़रूर कबूल करते हैं।
हमारे अंशदान से क्या-क्या किया जाता है
4 यह ज़रूरी है कि हमारे काम में दिलचस्पी लेनेवालों को हम संक्षिप्त में बताएँ कि किस तरह संसार-भर में किया जानेवाला बाइबल शिक्षा का काम, स्वेच्छा से दिए गए अंशदानों की मदद से चलता है। यह वही काम है जिसे करने की आज्ञा यीशु ने अपने चेलों को दी थी। इसे पूरा करने के लिए संस्था को शाखा दफ्तर, बेथेल घर, मिनिस्टीरियल ट्रेनिंग स्कूल, स्पेशल पायनियर, सफरी ओवरसियर वगैरह का खर्चा उठाना पड़ता है। इस तरह दुनिया-भर में वितरण के लिए साहित्य छापने के अलावा, संस्था ऐसे दूसरे कामों के लिए भी इन्हीं अंशदानों का इस्तेमाल करती है।—मत्ती 24:14; 28:19, 20.
5 यहोवा के लोगों में हो रही बेमिसाल बढ़ोतरी को देखते हुए कई भाई-बहन यह जानना चाहते हैं कि वे इस काम में किस तरीके से मदद कर सकते हैं। हममें से ज़्यादातर लोग नए ब्राँच और किंगडम हॉल बनाने के लिए खुद उस जगह पर जाकर मदद नहीं कर सकते या दूर देशों में जाकर प्रचार काम नहीं कर सकते। इसलिए संसार-भर में किए जा रहे इस दिलचस्प काम में मदद देने के लिए कई प्रचारकों और उनके परिवारों ने अपने हालात के मुताबिक कुछ कदम उठाए हैं। उन्होंने नियमित रूप से कुछ निश्चित रकम देते रहने का फैसला किया है। (1 कुरिन्थियों 16:1, 2 से तुलना कीजिए।) तो अंशदानों के ज़रिए न सिर्फ किताबें छापने और उनके वितरण का काम होता है, बल्कि संस्था के दूसरे काम भी किए जाते हैं। इसलिए किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि दिए जा रहे दान से सिर्फ किताबों का ही खर्च पूरा किया जाता है।
6 गवाही देने के लिए गृहस्वामी या किसी और से मिलने से पहले हमें बाइबल के किसी एक विषय पर चर्चा करने के लिए अच्छी तैयारी करनी चाहिए। रीज़निंग फ्रॉम द स्क्रिपचर्स में तरह-तरह की दिलचस्प प्रस्तावनाएँ और चर्चा के लिए बाइबल के कई विषय दिए गए हैं। हमारी राज्य सेवकाई में दिए गए सुझावों का भी हम इस्तेमाल कर सकते हैं। एक व्यक्ति हमारे संदेश में कितनी दिलचस्पी दिखाता है, उसके आधार पर ही हम अपनी किताबें देने या न देने का फैसला कर सकते हैं। अगर व्यक्ति कुछ खास दिलचस्पी नहीं दिखाता तो हम उसे किताबें नहीं देंगे और बड़ी कुशलता से बातचीत वहीं खत्म करके अगले घर में बात करेंगे। या अगर वह व्यक्ति कहे कि वह संदेश को ज़रूर पढ़ेगा तो आप उसे हैंडबिल या ट्रैक्ट दे सकते हैं। और हाँ, दिलचस्पी दिखानेवालों का पता ज़रूर नोट कीजिए ताकि उनसे दुबारा भेंट कर सकें। ऐसा ही हम दूसरे मौकों पर भी कर सकते हैं, जब व्यक्ति दिलचस्पी तो दिखाता है मगर बहुत व्यस्त होने या हमारे गलत वक्त पर पहुँचने की वजह से ठीक से बातचीत नहीं कर पाता।
7 साहित्य के वितरण की सरल व्यवस्था से सभी लोग यह देख पाएँगे कि हमारा बाइबल से लोगों को सिखाना कोई व्यापार या बिज़नेस नहीं है। इस इंतज़ाम से हम यह भी कभी नहीं भूलेंगे
कि हमारा खास मकसद है, राज्य के सुसमाचार का प्रचार करना और लोगों को यीशु का चेला बनाना। हम ‘चंदा माँगनेवाले’ संगठनों जैसे बिलकुल भी नहीं है। यहोवा के साक्षियों को इस बात से खुशी मिलती है कि वे अपने साहित्य सभी लोगों को बिना किसी कीमत के देते हैं। लेकिन जो हमारे संदेश में सच्ची दिलचस्पी नहीं दिखाते, हम उनसे इस विश्वव्यापी काम के लिए दान कभी नहीं माँगते। (नवंबर 1, 2000 के प्रहरीदुर्ग के पेज 28-31 देखिए।) हम मिलनेवाले सारे अंशदान को शत-प्रतिशत विश्वव्यापी बाइबल की शिक्षा देने के काम में ही लगाते हैं। क्योंकि इस काम में हिस्सा लेनेवाले सभी लोग स्वयंसेवक हैं और संगठन में किसी को भी कोई तनख्वाह या कमीशन नहीं मिलती। अंशदान से चलाए जा रहे इस विश्वव्यापी काम के बारे में बातचीत हम सिर्फ उन्हीं लोगों से करते हैं जो इसके बारे में पूछते हैं या जो हमारे कामों में सच्ची दिलचस्पी दिखाते हैं।
8 अगर हम ज़्यादा-से-ज़्यादा प्रचार काम में हिस्सा लें और बुद्धिमानी से अपने प्रकाशनों का इस्तेमाल करें, तो यहोवा हमारे इस काम पर आशीष देता रहेगा। और ऐसे नेकदिल इंसान अकसर मिल ही जाते हैं कि जब हम उन्हें अपने काम के बारे में समझाते हैं तो वे इसके लिए अपनी कदरदानी दिखाते हुए खुशी-खुशी दान देते हैं।