प्रश्न बक्स
◼ जब टेलिफोन से गवाही दी जाती है तो क्या हमें दान के प्रबंध के बारे में समझाना चाहिए?
जब हम लोगों से खुद मिलकर गवाही देते हैं तब उन्हें यह समझाना मुमकिन है कि दुनिया भर में यहोवा के साक्षियों का बाइबल शिक्षा देने का काम पूरी तरह स्वेच्छा से दिए गए दान पर निर्भर है। हमें इस तरह का दान स्वीकार करने में खुशी होती है। मगर टेलिफोन पर गवाही देते वक्त, दान या दान के प्रबंध का ज़िक्र नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि लोग इस गलतफहमी में पड़ सकते हैं कि हमने टेलिफोन के ज़रिए चंदा माँगने का तरीका अपना लिया है। यहोवा के साक्षियों की सेवा का मकसद, मुनाफा कमाना हरगिज़ नहीं है।—2 कुरि. 2:17, ईज़ी-टू-रीड वर्शन।
◼ टेलिफोन से गवाही देते वक्त अगर एक इंसान गुज़ारिश करता है कि यहोवा के साक्षी उसे दोबारा फोन ना करें तब हमें क्या करना चाहिए?
उस इंसान की इच्छा का आदर किया जाना चाहिए और एक नोट पर उसका नाम और और उस दिन की तारीख लिखकर, टेरिट्री के लिफाफे में रखनी चाहिए जिससे प्रकाशक भविष्य में उस नंबर पर दोबारा फोन ना करें। साल में एक बार उन लोगों की सूची पर गौर किया जाता है जिन्होंने दोबारा फोन ना करने को कहा है। फिर सर्विस ओवरसियर के निर्देशन में अनुभवी और कुशल प्रकाशकों को फोन करके यह पता लगाने के लिए नियुक्त किया जा सकता है कि क्या अब भी वे यही चाहते हैं कि यहोवा के साक्षी उन्हें फोन न करें।—मई 1998 की हमारी राज्य सेवकाई का प्रश्न बक्स देखिए।