जीएँ मसीहियों की तरह
सच्ची आज़ादी—परमेश्वर और मसीह की बदौलत
क्या आपको हर दिन ज़िंदगी में बहुत संघर्ष करना पड़ता है? क्या आप एक पिता हैं और आपको एक साथ बहुत-सी ज़िम्मेदारियाँ निभानी पड़ती हैं? क्या आप अकेले घर चलाते हैं और आपको रोज़ी-रोटी के लिए बहुत जद्दोजेहद करनी पड़ती है? क्या आपको स्कूल में बच्चे तंग करते और डराते-धमकाते हैं? क्या आप बीमार रहते हैं या बुढ़ापे की वजह से कई तकलीफें झेल रहे हैं? हर किसी की ज़िंदगी में कोई- न-कोई परेशानी है। और ऐसे कई भाई-बहन हैं जिनकी ज़िंदगी में एक नहीं बहुत सारी परेशानियाँ हैं। लेकिन हम जानते हैं कि बहुत जल्द हमें इन सारी तकलीफों से छुटकारा मिल जाएगा।—2कुर 4:16-18.
उस समय के आने तक हमें इस बात से दिलासा मिलता है कि यहोवा हमारी तकलीफें समझता है। वह देख रहा है कि हम कैसे धीरज धर रहे हैं और उसके वफादार हैं। और उसने वादा किया है कि वह भविष्य में हमें बहुत-सी आशीषें देगा। (यिर्म 29:11, 12) यीशु भी हममें से हर किसी का दुख-दर्द समझता है। उसने वादा किया है, ‘मैं तुम्हारे साथ रहूँगा।’ (मत 28:20) इसलिए अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाते समय हम भरोसा रख सकते हैं कि यीशु हमारी मदद करेगा। जब हम थोड़ा समय निकालकर मनन करते हैं कि बहुत जल्द परमेश्वर के राज में हमें छुटकारा मिलनेवाला है, तो हमें इस बात का पक्का यकीन होता है कि हमारी आशा ज़रूर पूरी होगी। यही नहीं, मनन करने से हमें अपनी तकलीफें सहने की हिम्मत मिलती है।—रोम 8:19-21.
जब तूफान जैसी मुश्किलें आएँ, तो अपना ध्यान यीशु पर लगाए रखिए!—भविष्य में राज से मिलनेवाली आशीषें वीडियो देखिए। फिर सवालों के जवाब दीजिए।
इंसान परमेश्वर से कैसे दूर हो गए? इसका क्या अंजाम हुआ?
जो लोग यहोवा की बात मानते हैं, उन्हें भविष्य में क्या मिलेगा?
हमें किसकी बदौलत यह भविष्य मिलेगा?
आप नयी दुनिया में खासकर कौन-सी आशीष पाने के लिए बेताब हैं?
कल्पना कीजिए कि आप नयी दुनिया में हैं