1
2
एलियाह आँधी में उठा लिया गया (1-18)
एलीशा ने पानी पीने लायक बनाया (19-22)
रीछनियों ने लड़कों को मार डाला (23-25)
3
4
एलीशा ने विधवा का तेल बढ़ाया (1-7)
शूनेमी औरत की मेहमान-नवाज़ी (8-16)
बदले में बेटा मिला; बेटे की मौत (17-31)
एलीशा ने उसे ज़िंदा किया (32-37)
शोरबा खाने लायक बनाया (38-41)
रोटी की गिनती बढ़ायी (42-44)
5
6
एलीशा के चमत्कार से कुल्हाड़ी पानी के ऊपर (1-7)
सीरियाई लोगों से उसका सामना (8-23)
एलीशा के सेवक की आँखें खोली गयीं (16, 17)
सीरियाई लोग दिमागी तौर पर अंधे (18, 19)
घेराबंदी के दौरान सामरिया में अकाल (24-33)
7
एलीशा ने अकाल के अंत की भविष्यवाणी की (1, 2)
सीरियाई सेना भागी; उसकी छावनी में खाना (3-15)
एलीशा की भविष्यवाणी पूरी हुई (16-20)
8
शूनेमी औरत को ज़मीन वापस मिली (1-6)
एलीशा, बेन-हदद और हजाएल (7-15)
यहूदा का राजा यहोराम (16-24)
यहूदा का राजा अहज्याह (25-29)
9
येहू, इसराएल का राजा बना (1-13)
यहोराम और अहज्याह की मौत (14-29)
इज़ेबेल की मौत; कुत्ते माँस खा गए (30-37)
10
अहाब का घराना मिट गया (1-17)
बाल के उपासक मारे गए (18-27)
येहू के राज का सारांश (28-36)
11
अतल्याह ने राजगद्दी हड़पी (1-3)
यहोआश चुपके से राजा बनाया गया (4-12)
अतल्याह मारी गयी (13-16)
यहोयादा ने देश में सुधार किया (17-21)
12
13
इसराएल का राजा यहोआहाज (1-9)
इसराएल का राजा यहोआश (10-13)
एलीशा ने उसका जोश परखा (14-19)
एलीशा की मौत; उसकी हड्डियों से एक मुरदा ज़िंदा हुआ (20, 21)
उसकी आखिरी भविष्यवाणी पूरी हुई (22-25)
14
यहूदा का राजा अमज्याह (1-6)
एदोम और इसराएल के साथ युद्ध (7-14)
इसराएल के यहोआश की मौत (15, 16)
अमज्याह की मौत (17-22)
इसराएल का राजा यारोबाम द्वितीय (23-29)
15
16
17
इसराएल का राजा होशेआ (1-4)
इसराएल का अंत (5, 6)
बागी इसराएल बँधुआई में (7-23)
परदेसी सामरिया के शहरों में (24-26)
उनका मिला-जुला धर्म (27-41)
18
यहूदा का राजा हिजकियाह (1-8)
इसराएल के अंत पर दोबारा नज़र (9-12)
यहूदा पर सनहेरीब का हमला (13-18)
रबशाके ने यहोवा पर ताना कसा (19-37)
19
हिजकियाह ने परमेश्वर से मदद माँगी (1-7)
सनहेरीब की धमकी (8-13)
हिजकियाह की प्रार्थना (14-19)
यशायाह ने परमेश्वर का जवाब बताया (20-34)
स्वर्गदूत ने 1,85,000 अश्शूरियों को मार डाला (35-37)
20
21
22
यहूदा का राजा योशियाह (1, 2)
मंदिर की मरम्मत के बारे में निर्देश (3-7)
कानून की किताब मिली (8-13)
हुल्दा ने विपत्ति की भविष्यवाणी की (14-20)
23
योशियाह ने देश में सुधार किया (1-20)
फसह मनाया गया (21-23)
उसने और भी सुधार किया (24-27)
योशियाह की मौत (28-30)
यहूदा का राजा यहोआहाज (31-33)
यहूदा का राजा यहोयाकीम (34-37)
24
यहोयाकीम की बगावत और मौत (1-7)
यहूदा का राजा यहोयाकीन (8, 9)
बँधुआई में जानेवाला पहला समूह (10-17)
यहूदा का राजा सिदकियाह; उसकी बगावत (18-20)
25
नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम को घेरा (1-7)
यरूशलेम और मंदिर का नाश; बँधुआई में जानेवाला दूसरा समूह (8-21)
गदल्याह राज्यपाल बना (22-24)
उसका कत्ल; लोग मिस्र भागे (25, 26)
बैबिलोन में यहोयाकीन की रिहाई (27-30)