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सजग होइए!–1996
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हमारे पाठकों से

भरोसा कुछ दोस्तों और रिश्‍तेदारों द्वारा विश्‍वासघात किए जाने की वजह से मैं हताश महसूस कर रहा था। मैं अपने चारों ओर के सभी लोगों की विश्‍वसनीयता पर संदेह करने लगा। लेकिन श्रंखला “आप किस पर भरोसा कर सकते हैं?” (मार्च ८, १९९६, अंग्रेज़ी) से मुझे भरोसे का एक ज़्यादा संतुलित दृष्टिकोण मिला। ऐसी समयोचित जानकारी के लिए आपका शुक्रिया।

ई. आई., कोरिया

सालों के दौरान मैंने अपने पिता द्वारा, जिसने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया, दो पतियों द्वारा, और एक मसीही भाई द्वारा विश्‍वासघात का अनुभव किया है। मैं एक ऐसे मुकाम पर पहुँची जहाँ मैंने किसी पर भरोसा न करने का फ़ैसला किया। मैंने अपने आपको विश्‍वास दिलाया कि मुझे लोगों की ज़रूरत नहीं है। लेकिन इस लेख ने मुझे ज़्यादा संतुलित होने में मदद दी। हालाँकि भरोसा करना मेरे लिए बहुत कठिन है, मैं कोशिश करते रहनेवाली हूँ। किस पर भरोसा करना है, इस बारे में मैं इस बार ज़्यादा सावधान रहूँगी।

सी. एच., अमरीका

मैटरहॉर्न मैंने लेख “अनोखा मैटरहॉर्न” पढ़ा। (फरवरी ८, १९९६, अंग्रेज़ी) इस खूबसूरत पहाड़ की तस्वीर ने सचमुच मेरे ध्यान को आकर्षित किया! लेख ने मुझसे परमेश्‍वर की सृष्टि का और भी ज़्यादा मूल्यांकन करवाया।

जे. डब्ल्यू., अमरीका

सेब लेख “सोने से पहले एक सेब खाएँ, डॉक्टर के पास कभी न जाएँ” के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। (मार्च ८, १९९६, अंग्रेज़ी) इसने मेरी दिलचस्पी को जगाया, क्योंकि हमारे छोटे-से फ़ार्म पर हमारे पास १०० से भी अधिक सेब के पेड़ हैं। इन पेड़ों से अच्छी तरह फल उत्पन्‍न करवाने के लिए काँट-छाँट और देखभाल करना हमें पसन्द है। हम आपके सभी लेखों की यथार्थता का मूल्यांकन करते हैं। ये तरो-ताज़ा करनेवाली, भरोसेमन्द जानकारी देते हैं।

पी. बी., अमरीका

मनोग्रस्त व्यवहार उत्तम लेख “मनोग्रस्त व्यवहार—क्या यह आपके जीवन पर क़ाबू रखता है?” के लिए आपका शुक्रिया। (मार्च ८, १९९६ अंग्रेज़ी) मैं केवल २० साल की हूँ, और मैं मनोग्रस्त व्यवहार से पीड़ित हूँ। बारम्बार मैंने प्रार्थना में यहोवा से इस बारे में मुझे जानकारी भेजने के लिए कहा है कि मुझे क्या हो रहा है।

एम. ए. सी., स्पेन

उस समय के आस-पास जब मैंने पायनियर-कार्य, अर्थात्‌ पूर्ण-समय प्रचारक के तौर पर सेवा करना शुरू किया, परमेश्‍वर के बारे में अनैच्छिक, अनादरपूर्ण विचारों से मैं परेशान होने लगी। मैंने सोचा कि मैंने एक अक्षम्य पाप किया है, और मैं कई बार रोई। आप कल्पना नहीं कर सकते कि मेरी भावनाओं को लिखित में वर्णित देखकर मैं अब कैसा महसूस करती हूँ। मैं कभी नहीं सोची कि कोई और व्यक्‍ति भी इससे पीड़ित होगा। हमारे लिए हमेशा मौजूद होने के लिए आपका शुक्रिया भाइयों।

सी. बी., नाइजीरिया

मैंने बारम्बार लेख को आँसू बहाते हुए पढ़ा। इसने इतनी बारीक़ी से मुझे वर्णित किया! मैंने कल्पना की थी कि कहीं मैं पागल तो नहीं हो रही या कहीं पिशाच मेरे दिमाग़ पर क़ब्ज़ा तो नहीं कर रहे थे। यह जानने से राहत मिली कि दूसरे भाई भी उसी मानसिक गड़बड़ी से पीड़ित हैं।

के. टी., जापान

इस समस्या को लेकर सहायता के लिए मैं अकसर यहोवा की ओर मुड़ा। लेकिन मैंने हार मानने का फ़ैसला किया क्योंकि मैंने महसूस किया कि यह व्यर्थ था और कि कुछ भी मेरी मदद नहीं कर सकता। अब मैं अपने आपको समझता हूँ, और मैं राहत महसूस करता हूँ। मुझे नहीं लगता कि लेख को इससे ज़्यादा प्रेमपूर्वक लिखा जा सकता था। मैं निश्‍चित हूँ कि यहोवा वास्तव में हमारी परवाह करता है।

जे. एफ़., चेक गणराज्य

अब सात सालों से मनोग्रस्त विचारों से मैं मानसिक रूप से उत्पीड़ित हुई हूँ। इसकी वजह से मैं थकी-थकी और हताश महसूस करती हूँ। किसी और के साथ इसकी चर्चा करने के लिए मैं बहुत शर्मिंदा और दोषी महसूस कर चुकी हूँ। मैंने वास्तव में सोचा कि मैं पागल हो चुकी हूँ। जब मैंने इस लेख को पढ़ा, तो मुझे विश्‍वास नहीं हुआ। वहाँ कोई और भी था जिसने वह अनुभव किया था जिससे मैं गुज़र रही थी! मेरी आँखों में आँसू आ गए। मैं अब और अकेली नहीं थी। मैंने अक्षम्य पाप नहीं किया था, और यहोवा मुझसे क्रुद्ध नहीं था।

एस. बी., दक्षिण अफ्रीका

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