वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • g97 10/8 पेज 30
  • हमारे पाठकों से

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • हमारे पाठकों से
  • सजग होइए!–1997
  • मिलते-जुलते लेख
  • हमारे पाठकों से
    सजग होइए!–1997
  • हमारे पाठकों से
    सजग होइए!–1996
  • हमारे पाठकों से
    सजग होइए!–1997
सजग होइए!–1997
g97 10/8 पेज 30

हमारे पाठकों से

जानवरों की कहानियाँ जानवरों पर जो लेख आप लिखते हैं, मैं उन्हें पढ़ना पसंद करता हूँ। चूँकि मैंने प्लैटीपस के बारे में पहले कभी नहीं सुना था, इसलिए लेख “रहस्यमयी प्लैटीपस” (जनवरी ८, १९९७) ने मुझे ताज्जुब में डाल दिया! उसी अंक में, जानवर और इंसानों के बीच हसीन दोस्ती के बारे में “इस कूडू ने याद रखा” लेख ने भी मेरे दिल को छू लिया। कितना अच्छा लगता है जब इंसान जानवरों के लिए प्यार और आदर दिखाते हैं!

एफ. ए., ब्राज़िल

दिल का दौरा मैं एक ऐसे संगठन का हिस्सा होने का एहसानमंद हूँ जो आध्यात्मिक हिदायतें देने के साथ-साथ, हमारी शारीरिक भलाई का भी ख़्याल रखता है। “दिल का दौरा—क्या किया जा सकता है?” (जनवरी ८, १९९७) इस लेख-शृंखला ने हमें बताया कि दिल के दौरे के लक्षणों की पहचान कैसे करें। जब मेरे ससुर ने ये लक्षण दिखाए, तो हमें लगा कि उनकी हालत शायद गंभीर हो और हम उन्हें एक अस्पताल ले गए। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था; लेकिन अस्पताल में २४ दिन बिताने के बाद, वे अब ख़तरे से बाहर हैं।

ई. एस., ब्राज़िल

मेरे पिताजी की महाधमनी में अर्बुद होने की वज़ह से, सन्‌ १९९५ में उनकी मौत हो गई। सो जब मैंने इस अंक को पहली बार देखा, तो मुझमें इसे पढ़ने की हिम्मत नहीं हुई। लेकिन, मैंने इसे एक महीने बाद पढ़ा और लेखों ने मुझे तसल्ली दी कि दूसरे लोगों ने भी उस दुःख को झेला है जो कि दिल की बीमारी से एक परिवार पर आ सकता है।

एस. जे., कनाडा

पिछली जुलाई घर-घर प्रचार काम के दौरान मेरे पति गिर पड़े और उन्हें फ़ौरन अस्पताल ले जाना पड़ा। ख़ुशी की बात है कि वे बच गए। आपके लेख हमारे लिए ऐन वक़्त पर आए। और “परिवारों को सहारे की ज़रूरत है,” पढ़ने पर हमारी आँखों में आँसू छलक आए, क्योंकि हम बिल्कुल वैसा ही महसूस कर रहे हैं।

एम. ए., जापान

पिछले रविवार मैं अपने बाएँ हाथ में लगातार दर्द और उँगलियों के सिरे सुन्‍न होते महसूस कर रहा था। मैंने सोचा कि वह बस मामूली दर्द और तक़लीफ़ है। जब मैंने दिल के दौरे के बारे में आपके लेख पढ़े, तो मुझे एकदम अहसास हुआ कि मुझमें वही लक्षण नज़र आ रहे थे! मैं एक अस्पताल के एमरजन्सी रूम में गया और डॉक्टरों ने पाया कि मेरे दिल की मुख्य धमनियों में से एक अवरुद्ध हो गई थी। उन्होंने अगले दिन सरजरी की। बहुत मुमकिन है कि अगर आपके लेख नहीं लिखे जाते, तो मैं आपको शुक्रियादा का यह ख़त लिखने के लिए ज़िंदा नहीं होता!

एन. एस., अमरीका

मैंने बक्स “दिल के दौरे के लक्षण,” को ख़ासकर पसंद किया। इसने मुझे यह अहसास दिलाया कि आप हमारी समस्याओं में गहरी दिलचस्पी रखते हैं और उनका सामना करने के लिए जो हमें चाहिए वह देते हैं।

एम. बी., सेनिगल

जब से मेरे पिताजी को दिल का दौरा पड़ा है, हमारी घरेलू ज़िंदगी एकाएक बदल गयी है। इन मुश्‍किल हालात के दौरान, इन लेखों ने हमें बहुत तसल्ली दी हैं।

पी.जी., इटली

लुई पास्चर मैं १२ साल की हूँ और आपको बताना चाहती हूँ कि लेख “लुई पास्चर—उसके काम ने क्या ज़ाहिर किया” (जनवरी ८, १९९७) मुझे बहुत अच्छा लगा। हम अपनी विज्ञान की क्लास में लुई पास्चर के बारे में पढ़ रहे हैं। मैंने एक रिपोर्ट लिखने के लिए इस लेख का इस्तेमाल किया और मुझे दस नंबर ज़्यादा मिले!

ए. पी., अमरीका

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें