बच्चों का लैंगिक शोषण एक विश्व-व्याप्त समस्या
स्वीडन में हमारे सजग होइए! संवाददाता द्वारा
मानव समाज बाल दुर्व्यवहार के एक ऐसे आघातपूर्ण रूप द्वारा दहलाया जा रहा है जिसके विस्तार और क़िस्म के बारे में हाल के वर्षों से पहले विस्तृत रूप से मालूम नहीं था। यह देखने के लिए कि इसके बारे में क्या किया जा सकता है, बच्चों के व्यापारिक लैंगिक शोषण के ख़िलाफ़ विश्व काँग्रेस में, १३० देशों के प्रतिनिधि स्टॉकहोम, स्वीडन में पहली बार मिले। स्वीडन में एक सजग होइए! संवाददाता भी वहाँ था।
जब मागदालॆन १४ साल की थी, तब उसे मनीला, फिलीपींस में एक बियर हाउस में एक “होस्टॆस” की नौकरी के लिए लालायित किया गया। वास्तव में, उसका काम पुरुष ग्राहकों को एक छोटे कमरे में ले जाना और उनके लैंगिक शोषण के लिए अपने शरीर को निर्वस्त्र करना था—एक रात में औसतन १५ आदमी और शनिवार को ३० के क़रीब। कभी-कभी, जब उसने कहा कि वह और ज़्यादा बर्दाश्त नहीं कर पाएगी, तो उसका मैनेजर उसे ऐसा करते रहने के लिए ज़बरदस्ती करता। अकसर उसका दिन सुबह चार बजे ख़त्म होता, और वह पस्त, हताश और अभागिन महसूस करती थी।
सारून पनॉम पेन, कम्बोडिया का एक अनाथ युवा सड़क पर रहनेवाला लड़का था। उसे सिफिलिस थी और विदेशियों के साथ ‘लैंगिक संबंध रखने के लिए’ वह मशहूर था। उसे एक पगोड़ा में रहने के लिए कमरा दिया गया था, जहाँ एक भूतपूर्व साधु को उसकी ‘देख-भाल’ करनी थी। लेकिन, इस आदमी ने उसके साथ लैंगिक रूप से दुर्व्यवहार किया और विदेशियों के साथ लैंगिक संबंध के लिए उसका इस्तेमाल किया। जब पगोड़ा में सारून के रहने का कमरा गिरा दिया गया, तो उसने अपनी चाची के साथ रहना शुरू कर दिया लेकिन अब भी एक लौंडे के रूप में काम करने के लिए उसके साथ ज़बरदस्ती की जाती थी।
यह उस ख़तरनाक समस्या के मात्र दो उदाहरण हैं जिस पर पिछले साल बच्चों के व्यापारिक लैंगिक शोषण के ख़िलाफ़ विश्व काँग्रेस ने ध्यान दिया। यह काम कितना व्याप्त है? लाखों बच्चे अंतर्ग्रस्त हैं—निश्चित ही, कुछ लोग कहते हैं कि करोड़ों। एक प्रतिनिधि ने समस्या का सार दिया: “बच्चे लाए जाते हैं और लैंगिक और आर्थिक वस्तुओं की तरह बेचे जाते हैं। उन्हें देश के अंदर और सीमा के पार तस्करी की वस्तुओं की तरह ले जाया जाता है, वेश्यालयों में क़ैद किया जाता है और बड़ी संख्या में लैंगिक दुर्व्यवहारकर्ताओं के अधीन होने के लिए उनके साथ ज़बरदस्ती की जाती है।”
बैठक के सामने अपनी आरंभिक टिप्पणी में, स्वीडन के प्रधान मंत्री, यूरन परसॉन ने इस शोषण को “अपराध की सबसे क्रूर, सबसे वहशी और घृणित श्रेणी” का नाम दिया। संयुक्त राष्ट्र की एक प्रतिनिधि ने कहा यह “बच्चों पर चारों ओर से एक हमला है . . . यह पूरी तरह घिनौना और कल्पना किए जानेवाले मानव अधिकारों का सबसे भर्त्सनापूर्ण उल्लंघन है।” इसके विस्तार, क़िस्म, कारणों, और प्रभावों पर ग़ौर किया गया, बच्चों के लैंगिक दुर्व्यवहार पर इसी तरह की अनेक आघात अभिव्यक्तियाँ पूरे काँग्रेस के दौरान मंच से कही गईं।
“इसका विस्तार अंतर्राष्ट्रीय है, और इसका प्रभाव पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहता है,” एक स्रोत कहता है। अन्य पत्र ने कहा: “ऐसा माना जाता है कि हर साल अनुमानित दस लाख बच्चे अरबों डॉलरों के अवैध लैंगिक बाज़ार में प्रवेश करते हैं।” इसके परिणाम क्या होते हैं? “बच्चे का अपनी गरिमा, पहचान और आत्म-सम्मान का भाव खो जाता है और भरोसा करने की उनकी क्षमता कमज़ोर पड़ जाती है। उनका शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य ख़तरे में होता है, उनके अधिकारों का उल्लंघन किया जाता है और उनका भविष्य दाँव पर लगा दिया जाता है।”
कुछ कारण
इस समस्या में विस्फोटक वृद्धि के कुछ कारण क्या हैं? यह कहा गया था कि कुछ बच्चों को “वेश्यावृत्ति में ऐसे हालातों द्वारा धकेल दिया जाता है जैसे, सड़कों पर ज़िंदा रहने के लिए, अपने परिवारों को मदद देने के लिए, या अपने कपड़ों और चीज़ों के गुज़ारे के लिए। बाक़ियों को विज्ञापन संचार माध्यमों में उपभोक्ता तसवीरों की भरमार द्वारा ललचाया जाता है।” दूसरों का अपहरण किया जाता है और वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता है। हर जगह नैतिकता में लगातार गिरावट, साथ ही लोगों में कोई आशा न होने की भावना, को इसके कुछ कारणों में बताया गया।
अनेक लड़कियाँ और लड़के लैंगिक धंधे में पारिवारिक दुर्व्यवहार के कारण शामिल हो जाते हैं—हिंसा और कौटुम्बिक व्यभिचार उन्हें सड़कों पर ले आते हैं। वहाँ वे, लौंडेबाज़ों और अन्य लोगों, यहाँ तक कि ऐसा दिखता है कि पुलिस-कर्मियों द्वारा शोषण के ख़तरे का सामना करते हैं। इस समस्या के बारे में भाड़े पर बच्चे नामक एक रिपोर्ट ब्राज़ील की छः वर्षीया कातया के बारे में बताती है। जब उसे एक पुलिसकर्मी द्वारा पकड़ा गया, तो उसने उसे गंदे काम के लिए मजबूर किया और धमकी दी कि अगर वह उसके चीफ़ को बताएगी तो वह उसके परिवार को जान से मार देगा। अगले दिन वह पाँच आदमियों को साथ लेकर वापस आया, वे सभी चाहते थे कि वह उनकी वैसी ही लैंगिक सेवा करे।
बच्चों की लोकपाल नामक एक स्वीडी संस्था ने प्रतिनिधियों को बताया: “जब इस बारे में सर्वेक्षण किए गए कि बाल वेश्यावृत्ति के कारण क्या हैं, तो इसमें कोई संदेह नहीं कि [लैंगिक] पर्यटन इसके मुख्य कारणों में से एक है।” एक रिपोर्ट ने कहा: “पिछले दस सालों में बाल वेश्यावृत्ति में असाधारण बढ़ोतरी के लिए पर्यटन व्यापार सीधे रूप से ज़िम्मेदार है। बाल वेश्यावृत्ति विकासशील देशों द्वारा दिया जानेवाला नवीनतम पर्यटक आकर्षण है।” यूरोप, अमरीका, जापान, और अन्य स्थानों से “लैंगिक यात्रा” पूरे संसार में बाल वेश्यावृत्ति की बड़ी माँग पैदा करती है। एक यूरोपीय विमान-सेवा ने लैंगिक यात्रा की बिक्री के लिए एक बच्चे की लैंगिक रूप से सुस्पष्ट कार्टून ड्राईंग का प्रयोग किया। यात्रा एजॆन्सियाँ हर साल हज़ारों लोगों के लिए लैंगिक यात्राओं की व्यवस्था करती हैं।
साथ ही कारणों की लम्बी लिस्ट में नई तकनीक के माध्यम से बाल-लैंगिक उद्योग का अंतर्राष्ट्रीय बढ़ावा भी शामिल है। इंटरनॆट, अन्य संबंधित कंपयूटर तकनीक के साथ, अश्लील चित्रण का एकमात्र सबसे बड़ा स्रोत बताया गया है। कम-दाम के वीडियो उपकरण ने उसी प्रकार बाल अश्लील चित्रण के उत्पादन को सुविधाजनक बना दिया है।
वे कौन हैं?
अनेक वयस्क जो बच्चों के साथ लैंगिक रूप से दुर्व्यवहार करते हैं लौंडेबाज़ होते हैं। एक लौंडेबाज़ का बच्चों के प्रति एक विकृत लैंगिक आकर्षण होता है। स्वीडन की बच्चों के लोकपाल के अनुसार, “ज़रूरी नहीं कि वे बुड्ढे बाबा, बरसाती पहने गन्दे आदमी हों या हिंसक हट्टेकट्टे या इसी क़िस्म के हों। एक पक्का लौंडेबाज़ एक पढ़ा-लिखा अधेड़ उम्र का आदमी है, जो अकसर बच्चों के साथ अध्यापक, डॉक्टर, समाज-सेवक या एक पादरी के रूप में कार्य करता है।”
स्वीडन के समूह ने रोसारियो नामक, १२ वर्षीया फिलिपिनो लड़की का उदाहरण दिया जिसके साथ एक लैंगिक पर्यटक ने दुर्व्यवहार किया, जो कि ऑस्ट्रिया का एक डॉक्टर था। उसके कुकर्म के कारण वह मर गयी।
जिनीवा में यूनीसेफ (यूनाइटिड नेशनस् चिल्ड्रनस् फंड) की कार्यकारी निदेशक कैरल बेलामी ने इस १२ वर्षीया फिलिपिनो लड़की के बारे में यह टिप्पणी की: “अकसर वही वयस्क लोग जिन पर बच्चों की देखभाल और सुरक्षा की ज़िम्मेदारी होती है, इस कार्य की अनुमति देते और इस असहनीय कार्य को जारी रखते हैं। ऐसे अध्यापक, स्वास्थ्य पेशेवर, पुलिस अधिकारी, राजनीतिज्ञ, और पादरीवर्ग के सदस्य हैं जो अपनी प्रतिष्ठा और अधिकार का इस्तेमाल बच्चों का लैंगिक रूप से शोषण करने के लिए करते हैं।”
धर्म शामिल है
स्टॉकहोम काँग्रेस में रोमन कैथोलिक चर्च के एक प्रतिनिधि ने यह घोषणा की कि बच्चों का शोषण “सबसे जघन्य अपराध” है और “घोर विकृति और मान्यताओं में गिरावट का नतीजा है।” फिर भी, कैथोलिक चर्च उसके अपने पादरियों के बीच ऐसे कामों द्वारा बुरी तरह से प्रभावित रहा है।
अगस्त १६, १९९३, के न्यूज़वीक, अंक में “पादरी और दुर्व्यवहार” नामक लेख ने “अमरीकी कैथोलिक चर्च के आधुनिक इतिहास में पादरीवर्ग पर सबसे बदतर दोषारोपण” पर रिपोर्ट की। इसने कहा: “जबकि १९८२ से अनुमानित ४०० पादरियों के ख़िलाफ़ आरोप दर्ज किए गए हैं, कुछ चर्च अधिकारी अंदाज़ा लगाते हैं कि कम-से-कम २,५०० पादरियों ने बच्चों या किशोरों के साथ लैंगिक दुर्व्यवहार किया है। . . . पैसे से कहीं ज़्यादा चर्च को उन दोषारोपणों के लिए गहरी शर्मिंदगी—और उसके कुछ नैतिक अधिकार से इसकी क़ीमत चुकानी पड़ी है।” पूरे संसार में बाक़ी धर्म भी इसी परिस्थिति में हैं।
रे वायर, इंग्लैंड के एक लैंगिक-अपराध सलाहकार ने स्टॉकहोम काँग्रेस को उन दो लड़कों के बारे में बताया जिनके साथ एक पादरी द्वारा परपीड़न कामुक रीति से दुर्व्यवहार किया गया था। उनमें से एक लड़का पादरियों द्वारा बाल दुर्व्यवहार के शिकारों के लिए अब एक एजॆन्सी चला रहा है, और दूसरा ख़ुद एक दुर्व्यवहारकर्ता है।
मिडानानडू बाईकू, थाइलैंड के एक बौद्ध विद्वान ने रिपोर्ट किया कि “बौद्ध धर्म की कुछ रीतियाँ थाइलैंड में बच्चों के व्यापारिक लैंगिक दुर्व्यवहार के लिए अनेक स्तरों पर ज़िम्मेदार हैं। थाइलैंड के स्थानीय गाँवों में, उन बच्चों द्वारा जिन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया है, समाज को दिए गए पैसों से साधुओं ने कभी-कभी लाभ उठाया है।”
क्या किया जा सकता है?
इंग्लैंड में लॆस्टर विश्वविद्यालय की डॉ. जूलिआ ओकोनल डैविडसन ने काँग्रेस को सुझाव दिया कि वह दुर्व्यवहारकर्ताओं से उनके इस व्यवहार का जवाब माँगे। दुर्व्यवहारकर्ता अकसर बच्चे की तथाकथित लैंगिक गिरावट और अनैतिकता की ओर ध्यान दिलाते हैं, वे तर्क करते हैं कि बच्चा पहले से ही गंदा और ख़राब है। बाक़ी दुर्व्यवहारकर्ता इस टेढ़े और झूठे दावे का इस्तेमाल करते हैं कि उनके इस काम से कोई नुक़सान नहीं होगा और बच्चे ने कमाया है।
लैंगिक पर्यटन से संबंधित एक पैनल ने स्कूल पाठ्यक्रम में शिक्षण के माध्यम से इससे लड़ने की सिफ़ारिश की। इसके साथ, बच्चों के लैंगिक शोषण के ख़िलाफ़ यात्रियों को पूरी यात्रा के दौरान जानकारी दी जानी चाहिए—चलने से पहले, यात्रा के दौरान, और मंज़िल तक पहुँचने पर।
नई संचार तकनीकों के बारे में, एक पैनल ने राय दी कि उस सामग्री को जो बच्चों का शोषण करती है, समाप्त करने के लिए राष्ट्रों को मार्गदर्शक दिए जाने चाहिए। इस क्षेत्र में गतिविधि के तालमेल के लिए एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय एजॆन्सी की स्थापना पर विचार किया गया। एक अन्य पैनल ने सिफ़ारिश की कि कंपयूटर-निर्मित बाल अश्लील चित्रण और सामान्य रूप से बाल अश्लील चित्रण को रखना सभी देशों में एक दण्डनीय अपराध होना चाहिए, जिसके साथ कानून द्वारा घोषित सज़ा भी दी जानी चाहिए।
माता-पिता क्या कर सकते हैं? संचार माध्यम की भूमिका से संबंधित एक पैनल ने सलाह दी कि माता-पिता को अपने बच्चों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लेनी है। इसने कहा: “माता-पिता न केवल अपने बच्चों को मार्गदर्शन दे सकते हैं, बल्कि जैसे-जैसे बच्चे संचार माध्यम के उपभोक्ता बनते हैं, वे उन्हें अतिरिक्त पृष्ठभूमि, समझ और जानकारी के विभिन्न स्रोत प्रदान कर सकते हैं और बच्चे को संचार प्रभाव के बारे में संतुलन रखने और समझदार बनने में मदद कर सकते हैं।”
काँग्रेस पर रिपोर्ट कर रहे स्वीडन के एक टीवी कार्यक्रम ने माता-पिता को अपने बच्चे पर कड़ी नज़र रखने और इन ख़तरों से उनको सावधान करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। लेकिन, इसने सलाह दी: “बच्चों को केवल ‘गंदे बुड्ढे बाबा,’ के ख़िलाफ़ ही सावधान न करें, क्योंकि बच्चे . . . इसलिए सोचते हैं कि उन्हें केवल बुड्ढे, मैले कपड़े पहने आदमियों से ही सावधान रहना है, जबकि एक व्यक्ति जो ऐसे अपराध करता है बहुत अच्छी वर्दी या एक साफ़ सूट पहने हो सकता है। इसलिए, उन्हें ऐसे अजनबियों के प्रति सावधान कीजिए जो उनमें हद-से-ज़्यादा रुचि दिखाते हैं।” निश्चय ही, बच्चों को ऐसे व्यक्ति के ख़िलाफ़ भी सावधान करना चाहिए—और बड़ों को बताने के लिए सिखाया जाना चाहिए—जो उनसे अश्लील व्यवहार करने की कोशिश करता है, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें वे जानते हैं।
एकमात्र समाधान
जिस बात की सलाह स्टॉकहोम काँग्रेस नहीं दे पाई वह थी कि बच्चों के लैंगिक शोषण के कारणों पर कैसे विजय पायी जाए। इनमें शामिल हैं, चारों ओर नैतिक मूल्यों का तेज़ी-से गिरना; बढ़ता स्वार्थ और भौतिक वस्तुओं की लालसा; लोगों को अन्याय से सुरक्षा देने के लिए बनाए गए नियमों के लिए बढ़ता अनादर; दूसरों के हित, मर्यादा, और दूसरों के जीवन के प्रति लिहाज़ न दिखाने में बढ़ोतरी; पारिवारिक प्रबंध का तेज़ी से पतन; बढ़ती जनसंख्या, बेरोज़गारी, शहरीकरण, और प्रवास के कारण सर्व-व्याप्त ग़रीबी; विदेशियों और शरणार्थियों के ख़िलाफ़ बढ़ता जातिवाद; नशीले पदार्थों का बढ़ता उत्पादन और तस्करी; और विकृत धार्मिक दृष्टिकोण, रीतियाँ, और परम्पराएँ।
हालाँकि बच्चों का लैंगिक शोषण आघातपूर्ण है, लेकिन ऐसी बुराई सतर्क बाइबल पाठकों के लिए आश्चर्य की बात नहीं। ऐसा क्यों? क्योंकि हम अब उस समय में जी रहे हैं जिन्हें बाइबल ‘अन्तिम दिन’ कहती है और, परमेश्वर के वचन के अनुसार, यह “कठिन समय” है। (२ तीमुथियुस ३:१-५, १३) सो क्या इसमें कोई ताज्जुब है कि नैतिक मूल्य बद से बदतर हो गए हैं?
लेकिन, बाइबल संसार की विशालकाय समस्याओं के एकमात्र समाधान की ओर इशारा करती है—सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा एक संपूर्ण सफ़ाई। शीघ्र ही वह अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगा और उन सभी को जो उसके धार्मिक सिद्धांतों और नियमों का पालन नहीं करते समाप्त कर देगा: “क्योंकि धर्मी लोग देश में बसे रहेंगे, और खरे लोग ही उस में बने रहेंगे। दुष्ट लोग देश में से नाश होंगे, और विश्वासघाती उस में से उखाड़े जाएंगे।”—नीतिवचन २:२१, २२; २ थिस्सलुनीकियों १:६-९.
जो “उखाड़े जाएंगे” उनमें वे सभी शामिल हैं जो बच्चों को वेश्या बनाते हैं और वे भ्रष्ट लोग जो बच्चों का शोषण करते हैं। परमेश्वर का वचन कहता है: “न वेश्यागामी, . . . न परस्त्रीगामी, . . . न पुरुषगामी [या लौंडेबाज़] . . . परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे।” (१ कुरिन्थियों ६:९, १०) इसके अलावा यह कहती है कि “घिनौनों . . . और व्यभिचारियों” का भाग “दूसरी मृत्यु” होगा।—प्रकाशितवाक्य २१:८.
परमेश्वर पृथ्वी को साफ़ करेगा और इसमें पूरी तरह से नयी और धार्मिक रीति-व्यवस्था होगी, “नए आकाश और नई पृथ्वी।” (२ पतरस ३:१३) तब, उसके बनाए हुए नए संसार में, भ्रष्ट, विकृत लोग कभी-भी मासूम बच्चों का फ़ायदा नहीं उठाएँगे। और फिर कभी-भी मासूम लोगों को शिकार बनाए जाने का ख़तरा नहीं होगा, क्योंकि “कोई उनको न डराएगा।”—मीका ४:४.
[पेज 12 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
“अपराध की सबसे क्रूर, सबसे वहशी और घृणित श्रेणी।”—स्वीडन के प्रधान मंत्री
[पेज 13 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
“हर सप्ताह, १ करोड़ से १.२ करोड़ आदमी युवा वेश्याओं के पास आते हैं।”—दि इकॉनॉमिस्ट, लंदन
[पेज 14 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
विकासशील देशों में लैंगिक पर्यटन बाल शोषण का मुख्य कारण है
[पेज 13 पर बक्स]
लैंगिक पर्यटन—क्यों?
(पर्यटक बच्चों से लैंगिक व्यवहार क्यों करते हैं इसके कुछ कारण)
(१) गुमनाम रहने के कारण पर्यटक अपने देश के सामाजिक प्रतिबंधों से ख़ुद को आज़ाद समझता है
(२) स्थानीय भाषा का थोड़ा या कोई ज्ञान न होने के कारण, पर्यटक को आसानी से यह विश्वास करने के लिए धोखा दिया जा सकता है कि बच्चे के साथ लैंगिक व्यवहार करना स्वीकार्य है या यह बच्चे को ग़रीबी से बाहर निकालने का एक तरीक़ा है
(३) प्रजातिवादी दृष्टिकोण यात्रियों को उनके साथ शोषण करने के लिए प्रेरित करता है जिन्हें वे नीचा समझते हैं
(४) पर्यटक अमीर महसूस करते हैं जब वे देखते हैं कि विकासशील देशों में लैंगिक सेवाएँ आसानी से हासिल की जा सकती हैं
[पेज 15 पर बक्स]
इस समस्या का विश्व-व्याप्त विस्तार
(निम्नलिखित विभिन्न सरकारी अधिकारियों और अन्य संगठनों द्वारा अनुमानित हैं)
ब्राज़ील: कम-से-कम २,५०,००० बाल वेश्याएँ
कनाडा: संघटित भंडुआ गिरोहों द्वारा हज़ारों किशोरियों को वेश्याओं के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है
चीन: २,००,००० से ५,००,००० वेश्या बच्चे। हाल के वर्षों में लगभग ५,००० चीनी लड़कियों को सीमा से बाहर ले जाने के लिए ललचाया गया और म्यानमार में वेश्याओं के तौर पर बेच दिया गया
कोलम्बिया: बोगोटा की सड़कों पर लैंगिक रूप से शोषण किए जानेवाले बच्चों की संख्या पिछले सात सालों में पंचगुना हो गई है
पूर्वी यूरोप: १,००,००० सड़क पर रहनेवाले बच्चे। अनेक पश्चिमी यूरोप के वेश्यालयों में भेजे जाते हैं
भारत: ४,००,००० बच्चे लैंगिक व्यापार में शामिल मोज़म्बीक: राहत एजॆन्सियों ने संयुक्त राष्ट्र की शांति सेनाओं पर बच्चों का लैंगिक शोषण करने का आरोप लगाया
म्यानमार: हर साल थाइलैंड में १०,००० लड़कियों और स्त्रियों को वेश्यालयों में पहुँचाया जाता है
फिलीपींस: ४०,००० बच्चे शामिल
श्री लंका: ६ से १४ की उम्र के १०,००० बच्चे वेश्यालय में ग़ुलामी और १० से १८ की उम्र के बच्चे स्वतंत्र रूप से पर्यटक आवासों में काम कर रहे हैं
ताइवान: ३०,००० बच्चे शामिल
थाइलैंड: ३,००,००० बच्चे शामिल
अमरीका: सरकारी सूत्रों का कहना है १,००,००० से ज़्यादा बच्चे शामिल हैं