पेट के कीड़ों से अपना बचाव कीजिए!
हॉण्डुरास में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
सुबह उठने पर आपका जी मिचलाता है। आप बहुत जल्दी थककर पस्त हो जाती हैं। आपका पेट हलका-सा सूज गया है। क्या ये गर्भधारण के लक्षण हैं? हो सकता है। लेकिन अगर आप गर्म क्षेत्र या किसी ऐसे क्षेत्र में रहती हैं जहाँ न ज़्यादा गर्मी पड़ती है और ना ही ज़्यादा ठंड, तो ये लक्षण पेट में कीड़े होने की वज़ह से हो सकते हैं। ये जीव क्या हैं और आप कैसे जान सकते हैं कि आपके पेट में ये बिन-बुलाए मेहमान हैं या नहीं?
सरल शब्दों में कहें तो ये ऐसे जीव हैं जो दूसरे जीवधारियों के शरीर पर या शरीर के अंदर रहकर पलते-बढ़ते हैं। ये जीव दो किस्म के होते हैं। एक है प्रोटोज़ोआ जिसमें अमीबा भी शामिल हैं और दूसरा है आंत्रकृमि (Helminth) या कृमियाँ। इन कीड़ों की वज़ह से एक व्यक्ति को कितना नुकसान होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस किस्म के कीड़े और कितने कीड़े पेट में हैं और व्यक्ति की उम्र और सेहत कैसी है।
मिसाल के तौर पर, मादा गोलकृमि (roundworm) हर दिन करीब २,००,००० अंडे दे सकती हैं। मगर, इन अंडों के अंदर के कीड़ों को पलने-बढ़ने के लिए मिट्टी चाहिए। किसी व्यक्ति के पेट में कितने गोलकृमि कीड़े हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसने अपने शरीर के अंदर कितने जीववाले अंडे या लारवा ले लिया है। कई लोगों के पेट में ये कीड़े होते हैं लेकिन उन्हें इसकी भनक भी नहीं पड़ती। लेकिन अगर इनकी संख्या काफी बढ़ जाए तो इससे आंतों को काम करने में गंभीर रूप से बाधा होती है।
आंतों में कीड़े होने के कुछ आम लक्षण हैं: पेट दुखना, मिचली आना, भूख न लगना, पेट फूल जाना, थकना और अकसर खाना हज़म न होना, दस्त, या कब्ज़ होना। साथ ही, वज़न घटना, ठीक से नींद न आना, खुजली होना, साँस लेने में परेशानी होना और बुखार होना, ये सब भी पेट में कीड़े होने के लक्षण हो सकते हैं। बेशक, ये लक्षण दूसरी कई बीमारियों के लक्षण भी होते हैं। मगर, मल की जाँच करवाने से यह साफ पता लगाया जा सकता है कि कहीं पेट में कीड़े तो नहीं।
इस रोग का इलाज सही तरीके से करना बहुत ज़रूरी है। मसलन, अगर पेट में गोलकृमि के साथ-साथ दूसरे किस्म के कीड़े भी मौजूद हैं, तो पहले गोलकृमि को खत्म करना चाहिए। क्यों भला? क्योंकि कुछ-कुछ दवाओं से गोलकृमि कीड़े मरते नहीं हैं बल्कि सिर्फ परेशान होते हैं। इसलिए वे शरीर के उस अंग को छोड़कर दूसरे अंगों में जा बसते हैं और इससे ज़्यादा नुकसान पहुँच सकता है।
इलाज से बचाव भला
हालाँकि दवा लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं, लेकिन बेहतर तो यही होगा कि हम उन्हें अपने शरीर के अंदर आने ही न दें। मगर आपके पेट में ये कीड़े पैदा ही न हों, इसके लिए आप क्या कर सकते हैं?
साफ-सफाई रखना सबसे अच्छा बचाव का तरीका है। मल को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। शौचालयों को नहाने-धोने और खाने-पीने में इस्तेमाल होनेवाले पानी से काफी दूर होना चाहिए। इंसानों के मल को खाद के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही अच्छी साफ-सफाई बनाए रखना भी बहुत ज़रूरी है। और, बच्चों को मिट्टी खाने मत दीजिए। अगर एक बच्चे के पेट में कीड़े आ जाते हैं तो परिवार के सभी सदस्यों की जाँच करवाना बेहतर होगा।
खाने-पीने की चीज़ें खरीदते और उन्हें पकाते वक्त बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसी चीज़ें ही खरीदिए जो ऐसे इलाके में उगायी गयी हों जहाँ अच्छी साफ-सफाई रखी जाती है। माँस को अच्छी तरह से पकाना चाहिए, खासकर उसके बीच के भागों को जहाँ माँस ज़्यादा होता है। कच्चा माँस कभी मत खाइए। कच्चे फलों और सब्ज़ियों को खाने या पकाने से पहले अच्छी तरह से धोना चाहिए। मगर, उसी पानी को दोबारा इस्तेमाल मत कीजिएगा क्योंकि उसमें कीड़े हो सकते हैं।
पीने के पानी को अच्छी तरह से उबालना चाहिए। पानी ठंडा हो जाने पर उसे हवा लगने देना चाहिए ताकि उसमें ऑक्सिजन फिर से आ जाए। ज़्यादातर घरेलू फिल्टरों से सारे-के-सारे कीड़े नहीं मरते हैं। सीलबंद बोतलों में जो पानी मिलता है, उसकी शुद्धता उस फैक्टरी की साफ-सफाई पर निर्भर करती है जहाँ उसे तैयार किया जाता है।
सफर करते वक्त या बाहर खाते वक्त और भी ज़्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है। बोतलों या सीलबंद डब्बों में मिलनेवाले ड्रिंक्स आम तौर पर अच्छे होते हैं अगर इन्हें बर्फ डाले बिना पीया जाता है। कुछ कीड़े शून्य तापमान में भी जी लेते हैं, इसलिए शुद्ध पानी से बनी बर्फ ही शुद्ध हो सकती है। सड़क किनारे बिकनेवाली चीज़ें खाने के बारे में भी सावधानी बरतनी होगी। काटकर और सजाकर रखे गए अनन्नास या तरबूज को देखकर शायद मुँह में पानी आ जाए मगर याद रखिए कि इन्हें ताज़ा रखने के लिए अकसर इन पर पानी छिड़का जाता है और कौन जाने वह पानी साफ है भी या नहीं। सावधानी बरतिए ज़रूर, पर इतना भी नहीं कि इससे आप अपने सफर का मज़ा ही न लूट पाएँ। सही सही सावधानी बरतने पर आप काफी हद तक इन कीड़ों से खुद का बचाव कर सकते हैं।
[पेज 24 पर तसवीर]
साफ-सफाई रखना सबसे अच्छा बचाव है
[पेज 25 पर तसवीर]
शुद्ध पानी से बनी बर्फ ही शुद्ध हो सकती है
[पेज 25 पर तसवीर]
अमीबा और कृमि पेट में होनेवाले दो किस्म के कीड़े हैं
[चित्र का श्रेय]
DPDx, the CDC Parasitology Website