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  • फोन कैसे बिगाड़ सकता है दोस्ती को?

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  • फोन कैसे बिगाड़ सकता है दोस्ती को?
  • सजग होइए!—2021
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g21 अंक 2 पेज 4-6
कुछ दोस्त जो अलग-अलग देशों में रहते हैं, वीडियो कॉल करके एक-दूसरे से बात कर रहे हैं।

फोन कैसे बिगाड़ सकता है दोस्ती को?

आज फोन और कंप्यूटर की वजह से दोस्तों से जुड़े रहना बहुत आसान हो गया है। हमारे दोस्त चाहे सात समुंदर पार रहते हों, फिर भी हम उन्हें मैसेज, ईमेल या वीडियो कॉल कर सकते हैं। हम उन्हें सोशल मीडिया पर वीडियो या फोटो भी भेज सकते हैं।

लेकिन जो लोग सिर्फ इन्हीं तरीकों से अपने दोस्तों से संपर्क करते हैं, उनमें से कुछ . . .

  • अपने दोस्तों से हमदर्दी नहीं रख पाते।

  • अकेला महसूस करते हैं।

  • मतलबी हो जाते हैं।

क्या आप जानते हैं?

एक लड़की देर रात को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट देख रही है। उस पोस्ट को लोगों ने कुल मिलाकर 7,23,000 बार देखा है।

हमदर्दी

हम एक दोस्त से हमदर्दी तभी रख पाएँगे जब हम उसके लिए वक्‍त निकालेंगे और इत्मीनान से उसके बारे में सोचेंगे। लेकिन अगर हम ढेर सारे लोगों को मैसेज पर मैसेज भेजते रहें और सोशल मीडिया पर घंटों बिताएँ, तो अपने दोस्त के बारे में सोचने के लिए हमारे पास समय ही नहीं बचेगा।

अगर हमें ढेरों मैसेज आते रहते हैं, तो हमारा ध्यान बस इस बात पर होगा कि हम जल्द-से-जल्द उनके जवाब दे दें। इस चक्कर में हम शायद ऐसे दोस्त के मैसेज पर ज़्यादा ध्यान न दे पाएँ जो बहुत परेशान है और जिसे हमारी मदद चाहिए।

ज़रा सोचिए: आप अपने दोस्तों को मैसेज में क्या लिख सकते हैं ताकि उन्हें एहसास हो कि आप उनके बारे में सोचते हैं और उनका “दर्द महसूस” करते हैं?—1 पतरस 3:8.a

अकेलापन

कई लोग अपना खालीपन और अकेलापन दूर करने के लिए सोशल मीडिया पर दूसरों की नयी-नयी फोटो और वीडियो देखते रहते हैं। मगर एक खोजबीन से पता चला है कि ऐसा करने से एक व्यक्‍ति और भी खाली और अकेला महसूस करता है। उसे यह सोचकर बुरा लगता है कि उसने कितना वक्‍त बरबाद कर दिया।

यही नहीं, दूसरों की फोटो देखते रहने से एक व्यक्‍ति को अपनी ज़िंदगी बहुत बेकार लगने लगती है। वह सोचता है, ‘वो देखो कितने मज़े कर रहे हैं और एक मैं हूँ, बस किसी तरह ज़िंदगी काट रहा हूँ।’

ज़रा सोचिए: आप किस बात का ध्यान रख सकते हैं ताकि सोशल मीडिया पर दूसरों की फोटो देखते वक्‍त आप खुद को बेकार न समझें?​—गलातियों 6:4.

मतलबी

एक टीचर ने कहा कि उसकी क्लास के कुछ बच्चे बहुत मतलबी हैं। वे उन्हीं से दोस्ती करते हैं जिनसे उन्हें फायदा होता है। वे अपने दोस्तों को फोन का ऐप समझते हैं, जब मन किया तब चला लिया वरना छोड़ दिया।

ज़रा सोचिए: आप इंटरनेट पर किस तरह की फोटो डालते हैं? क्या आपकी फोटो देखकर लोगों को यह लगेगा कि आप दूसरों से हमेशा आगे रहना चाहते हैं? या चाहते हैं कि सबका ध्यान आप पर हो?​—गलातियों 5:26.

इसे आज़माइए

सोचिए कि आप फोन का कैसे इस्तेमाल करते हैं

अगर आप तय करें कि आप फोन का कितना इस्तेमाल करेंगे, तो यह फायदेमंद साबित हो सकता है। आप अपने दोस्तों से जुड़े रहेंगे और आपकी दोस्ती और गहरी हो जाएगी।

पवित्र शास्त्र की सलाह: ‘प्यार सिर्फ अपने फायदे की नहीं सोचता।’​—1 कुरिंथियों 13:4, 5.

उन बातों पर निशान लगाइए जो आप करना चाहते हैं या फिर खुद लिखिए कि आप क्या करेंगे।

  • हर बार मैसेज या ईमेल भेजने के बजाय, हो सके तो मैं लोगों से बात करूँगा

  • दूसरों से बात करते वक्‍त मैं अपना फोन एक तरफ रख दूँगा (या सायलेंट कर दूँगा)

  • मैं सोशल मीडिया पर लोगों की फोटो देखने में और उनके पोस्ट पढ़ने में ज़्यादा वक्‍त नहीं बिताऊँगा

  • जब कोई मुझसे बात करता है, तो मैं ध्यान से सुनूँगा

  • मैं किसी ऐसे दोस्त से बात करूँगा जो परेशान है

a यह पवित्र शास्त्र बाइबल का एक वचन है। इस अंक में बाइबल की और भी बातें बतायी गयी हैं।

खुद से पूछिए . . .

  • क्या मैंने ऐसे लोगों से दोस्ती की है जो सच में मेरी परवाह करते हैं? क्या मैं भी उनकी परवाह करता हूँ?

  • जब मैं किसी दोस्त से आमने-सामने बात कर रहा होता हूँ, तो बीच-बीच में कितनी बार मैसेज चेक करता हूँ या फोन उठाता हूँ?

  • क्या मैं सोशल मीडिया पर ऐसी फोटो डालता हूँ या ऐसी बातें लिखता हूँ जिससे सबका ध्यान मुझ पर जाए?

  • सोशल मीडिया पर काफी समय बिताने के बाद मुझे कैसा लगता है?

  • फोन के मामले में मुझे कौन-सी आदतें बदलनी होंगी ताकि अच्छे दोस्त बनाने के लिए मेरे पास समय हो?

    पवित्र शास्त्र की सलाह: “हर एक सिर्फ अपने भले की फिक्र में न रहे, बल्कि दूसरे के भले की भी फिक्र करे।”​—फिलिप्पियों 2:4.

एमिली।

“कहने को तो हम हज़ारों दोस्त बना सकते हैं, लेकिन अच्छे दोस्त बनाने में वक्‍त लगता है, मेहनत लगती है, इसलिए हम हर किसी के साथ पक्की दोस्ती नहीं कर सकते। भले ही हमारे कम दोस्त हों, पर अच्छे होने चाहिए। अच्छे दोस्त हमेशा हमारा भला चाहते हैं और हम उनका।”​—एमिली

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