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  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1995
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    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1996
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1995
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हमें एक बहुमूल्य मोती दिया गया था

रिचर्ड गंथर द्वारा बताया गया

यह सितम्बर १९५९ की बात है। हम इटली के यात्री जहाज़ जूलियो सीज़र पर सवार थे और न्यू यॉर्क से काडीज़, स्पेन के लिए अटलांटिक महासागर पार कर रहे थे। वॉच टावर संस्था ने मुझे, मेरी पत्नी रीटा को, एक अन्य मिशनरी दम्पति, पॉल और इवलिन हंडर्टमार्क के साथ उस आइबेरियाई देश में नियुक्‍त किया था। हम अनेक चुनौतियों का सामना करनेवाले थे। लेकिन यह कैसे हुआ कि हमने एक मिशनरी पेशा अपनाने का फ़ैसला किया?

रीटा और मैंने १९५० में न्यू जर्सी, अमरीका में यहोवा के साक्षियों के तौर पर बपतिस्मा प्राप्त किया। जल्द ही, हमने एक फ़ैसला किया जो आख़िरकार हमारे हाथों में एक बहुमूल्य मोती रख देता। हम एक ऐसी कलीसिया में थे जहाँ क्षेत्र को पूरा करने के लिए पर्याप्त भाई-बहन थे। सो हम ऐसी जगह पर सेवा करने का प्रस्ताव रखने के लिए स्वयं बाध्य हुए जहाँ प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत थी। न्यू यॉर्क सिटी में १९५८ की गर्मियों में यहोवा के साक्षियों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हमने मिशनरी सेवा के लिए आवेदन भरा।

उसके बाद जल्द ही, हमें वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ गिलियड में आमंत्रित किया गया और एक साल के भीतर ही हम स्पेन में मिशनरियों के तौर पर जा रहे थे। अनेक प्रबन्धों में मशग़ूल और उत्तेजना से अभिभूत होकर, हमें उस समय यह एहसास नहीं हुआ कि हमें क्या दिया गया है। यीशु ने एक बहुमूल्य मोती के बारे में कहा था। (मत्ती १३:४५, ४६) हालाँकि यह उसके दृष्टान्त का मुद्दा नहीं था, फिर भी मिशनरियों के तौर पर सेवा करने का हमारा विशेषाधिकार हमारे लिए एक ऐसे ही मोती के तुल्य था। बीते समय पर ग़ौर करते हुए, यहोवा के संगठन में सेवा की इस मूल्यवान भेंट की अब हम और पूरी तरह से क़दर करते हैं।

एक स्मरणीय अनुभव

उस समय गिलियड मिशनरी कोर्स, न्यू यॉर्क स्टेट के फ़िंगर लेक्स्‌ क्षेत्र के खूबसूरत ग्रामीण इलाक़े में संचालित होता था। वहाँ हमने बाइबल अध्ययन और सच्ची मसीही संगति में तल्लीन, और इस संसार के मामलों और संकटों से दूर छः अद्‌भुत महीने गुज़ारे। हमारे संगी विद्यार्थी संसार के अनेक भागों से थे, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, बोलिविया, ब्रिटेन, यूनान, और न्यू ज़ीलैंड भी शामिल थे। लेकिन जल्द ही, स्नातकता का दिन आ गया। अगस्त १९५९ में, हमने अपनी-अपनी मिशनरी कार्य-नियुक्‍तियों पर जाते वक़्त आँसू-भरी हुई आँखों से विदा ली। एक महीने बाद हमने स्पेन की ज़मीन पर क़दम रखा।

एक नयी संस्कृति

हम आल्जेसिरस के दक्षिणी बंदरगाह पर पहुँचे, जो विशाल रॉक ऑफ़ जिब्राल्टर की बग़ल में है। उस रात हम चारों ने, रीटा और मैंने हंडर्टमार्क दम्पति के साथ मैड्रिड के लिए ट्रेन पकड़ी। संस्था के गुप्त शाखा दफ़्तर के सदस्यों द्वारा संपर्क किए जाने तक वहीं रुकने के लिए हम होटल मरकाडोर गए। स्पेन उस समय जनरलीसिमो फ्रैंसिस्को फ्रैंको के तानाशाही शासन के अधीन था। इसका अर्थ था कि इस देश में एकमात्र कानूनी मान्यता-प्राप्त धर्म रोमन कैथोलिक चर्च था। सरे-आम किसी अन्य धर्म का पालन करना अवैध था, और यहोवा के साक्षियों के घर-घर प्रचार कार्य पर प्रतिबन्ध लगाया गया था। यहाँ तक कि धार्मिक सभाएँ भी वर्जित थीं, जिसकी वजह से उस समय स्पेन में ३० कलीसियाओं के लगभग १,२०० यहोवा के साक्षी, अन्य देशों की तरह राज्यगृह में नहीं मिल सकते थे। हमें निजी घरों में छुपकर मिलना पड़ता था।

स्पैनिश सीखना और शुरूआत करना

भाषा सीखना हमारी पहली चुनौती थी। पहले महीने स्पैनिश सीखने में हमने प्रतिदिन ११ घंटे बिताए—हर सुबह ४ घंटे क्लास में, और फिर ७ घंटे ख़ुद पढ़ाई करने में। दूसरे महीने में सुबह की सारणी वही थी, लेकिन दोपहर का समय हम घर-घर के प्रचार कार्य में लगाते थे। क्या आप कल्पना कर सकते हैं? अब भी भाषा न जानते हुए और एक कार्ड पर लिखी हुई केवल एक कंठस्थ प्रस्तावना के साथ, रीटा और मैं अकेले घर-घर के प्रचार कार्य पर निकल गए!

वॉयेकस, मैड्रिड के एक श्रमिक-वर्ग क्षेत्र में एक दरवाज़े पर खटखटाना मुझे याद आता है। एहतियात के तौर पर कार्ड को अपने हाथ में लिए हुए, मैंने स्पैनिश भाषा में कहा: “नमस्ते। हम एक मसीही कार्य कर रहे हैं। बाइबल कहती है (हम एक वचन पढ़ते)। हम चाहते हैं कि आप यह पुस्तिका रखें।” ख़ैर, उस स्त्री ने सिर्फ़ देखा और बाद में पुस्तिका ले ली। जब हमने पुनःभेंट की, उसने हमें अन्दर बुलाया और जब हम बोल रहे थे, वह सिर्फ़ देखती रही। हमने अपनी सीमित स्पैनिश भाषा में उसके साथ बाइबल अध्ययन आरंभ किया, और अध्ययन के दौरान, वह सिर्फ़ सुनती और देखती थी। थोड़े समय बाद उसने आख़िरकार हमें बताया कि हमने अपनी पहली भेंट में जो कहा था, उसे वह नहीं समझी थी, लेकिन उसने शब्द ड्योस (परमेश्‍वर) सुना था, और यही उसके यह जानने के लिए काफ़ी था कि इसमें कुछ अच्छी बात थी। समय आने पर, उसने काफ़ी बाइबलीय ज्ञान लिया, बपतिस्मा प्राप्त किया और यहोवा की एक साक्षी बन गयी।

स्पैनिश सीखना मेरे लिए बहुत ही मुश्‍किल था। शहर में सफ़र करते वक़्त, मैं क्रियारूप याद किया करता था। मैं एक हफ़्ते जो याद करता, उसे उसके अगले हफ़्ते भूल जाता था! यह बहुत निरुत्साहक था। कई बार तो मैंने हार मान ली थी। क्योंकि मैं इतनी ख़राब स्पैनिश बोलता था, जब मैं स्पैनिश भाइयों की अगुवाई करता तब उन्हें बहुत ही सब्र से काम लेना पड़ता। एक ज़िला अधिवेशन में, एक भाई ने मुझे मंच से पढ़ने के लिए एक हस्तलिखित घोषणा दी। उसकी लिखावट को पढ़ना मैंने मुश्‍किल पाया, और मैंने घोषणा की: “कल स्टेडियम में अपनी मूलेटास (बैसाखियाँ) लेकर आइएगा।” इसे ऐसा होना चाहिए था, “कल स्टेडियम में अपना मालेटास (सामान) लेकर आइएगा।” बेशक, सभी लोग हँसे, और स्वाभाविक है कि मैं लज्जित हुआ।

मैड्रिड में प्रारंभिक परीक्षाएँ

मैड्रिड में पहले के वे कुछ साल, रीटा और मेरे लिए भावात्मक रूप से बहुत कठिन थे। हमें अपने घर और अपने दोस्तों का अभाव बहुत महसूस होता था। हर बार जब अमरीका से ख़त आता, तब हम पर गृह-वियोग की एक लहर दौड़ जाती थी। गृह-विरह की वे अवधियाँ अभिभूत करनेवाली थीं, लेकिन वे गुज़र गयीं। आख़िरकार हमने घर, परिवार, और दोस्तों की जगह एक उससे अधिक मूल्य के मोती को पाने के लिए वह सब छोड़ जो दिया था। हमें परिस्थिति के अनुकूल बनने की ज़रूरत थी।

जब हम शुरू में मैड्रिड में रहे, तब हम एक बहुत ही टूटे-फूटे बोर्डिंगहाऊस में रहते थे। हमारे पास एक कमरा था और दिन में तीन बार खाना मिलता था। वह एक छोटा-सा अँधेरा कमरा था, और गद्दे घास-फूस के बने हुए थे। महीने के किराये में ही हमारा सीमित मासिक भत्ता चला जाता था। आम तौर पर हम दोपहर का खाना वहीं खाते थे, और घर की मालकिन हमारा रात का खाना गरम रखने के लिए अवन में रख देती थी ताकि देर रात को हमारे पास खाने के लिए कुछ हो। बहरहाल, प्रचार कार्य में सुबह-शाम सड़कों पर चलते-चलते हमें बहुत भूख लगती थी। अगर हमारे पास भत्ता नहीं बचता तो हम सबसे सस्ता चॉकलेट ख़रीदने के लिए ख़ुद अपने सीमित पैसे ख़र्च करते। बहरहाल, संस्था के ज़ोन ओवरसियर की भेंट के बाद यह परिस्थिति जल्द ही बदल गयी। उसने हमारी दुर्दशा देखी और कहा कि हम मिशनरी घर के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए एक छोटा मकान ढूँढ सकते हैं। अपना ख़ुद का एक मकान होना, रसोई के फ़र्श पर गोल टब में नहाने से काफ़ी अच्छा होता। अब हमारे पास एक स्नानघर, खाना रखने के लिए एक फ्रिज, और अपना खाना पकाने के लिए बिजली का स्टोव होता। हम इस विचारशीलता के लिए बहुत ही कृतज्ञ थे।

मैड्रिड में अद्‌भुत अनुभव

घर-घर का प्रचार कार्य बहुत ही सावधानीपूर्वक किया जाता था। मैड्रिड में रोज़ की हलचल फ़ायदेमंद थी, जिसमें हम छिप-से जाते, और सब की नज़र में नहीं आते। हमने दूसरों की नाईं कपड़े पहनने और बर्ताव करने की कोशिश की ताकि हम विदेशियों के रूप में पहचाने न जाएँ। दर-दर प्रचार करने का हमारा तरीक़ा था एक बिल्डिंग में जाना, दरवाज़े पर खटखटाना, उस व्यक्‍ति के साथ बोलना, और फिर वह बिल्डिंग, सड़क, और उस क्षेत्र को छोड़ देना। गृहस्वामी द्वारा पुलिस को बुलाए जाने की संभावना हमेशा रहती थी, और इसलिए पड़ोस में रहना बुद्धिमानी नहीं थी। दरअसल, जबकि इस तरीक़े को इस्तेमाल करने में वे बहुत सावधान थे, फिर भी पॉल और इवलिन हंडर्टमार्क को १९६० में गिरफ़्तार किया गया और देश से निष्कासित किया गया। वे पड़ोसी पुर्तगाल में चले गए, और वहाँ कई सालों तक सेवा की, जहाँ पॉल गुप्त शाखा कार्यालय की देखभाल करता था। आज वह सैन डीएगो, कैलिफॉर्निया में शहर ओवरसियर है।

बहरहाल, हमारे लिए एक बराबरी हो गयी। केवल कुछेक महिनों बाद, पुर्तगाल के लिए नियुक्‍त किए गए छः मिशनरियों को देश छोड़ने का आदेश दिया गया! इसका एक आनन्दप्रद परिणाम निकला क्योंकि एरिक और हेज़ल बॆवरिज को, जो गिलियड में हमारी ही क्लास में थे, पुर्तगाल छोड़कर स्पेन आने के लिए कहा गया। सो हम फरवरी १९६२ में एक बार फिर होटल मरकाडोर में थे—इस बार एरिक और हेज़ल के आने पर उनका स्वागत करने के लिए।

मैड्रिड में इन प्रारंभिक दिनों के दौरान ही रीटा और मैंने एक धार्मिक पाखण्ड का व्यक्‍तिगत अनुभव किया। हम एक दम्पति, बर्नार्डो और मारीया के साथ बाइबल अध्ययन करते थे। यह दम्पति एक झोपड़े में रहता था जो भवन-निर्माण की सामग्रियों से फेंके गए ऐसे टुकड़ों से बना था जिन्हें बर्नार्डो ढूँढ लाता था। हम उनके साथ देर रात को अध्ययन करते थे, और अध्ययन के बाद वे हमें ब्रेड, दाखमधु, और कुछ पनीर या उनके पास जो भी हो, दिया करते। मैंने ध्यान दिया कि वह पनीर बिलकुल अमरीकी पनीर की तरह था। एक रात अध्ययन के बाद, वे उस कनस्तर को बाहर लाए जिसमें वह पनीर था। उस पर अंग्रेज़ी में बड़े अक्षरों में लिखा था, “अमरीकी लोगों की ओर से स्पैनिश लोगों के लिए—बिक्री के लिए नहीं।” इस ग़रीब परिवार को यह पनीर कैसे प्राप्त हुआ? इसे ग़रीबों में बाँटने के लिए सरकार कैथोलिक चर्च का इस्तेमाल कर रही थी। लेकिन वह पादरी उसे बेच रहा था!

फ़ौजियों के साथ फलदायक सेवकाई

जल्द ही कुछ ऐसी अद्‌भुत बात हुई जो हमारे और अन्य अनेक लोगों के लिए भरपूर आशिष में परिणित होती। हमें शाखा कार्यालय से एक सूचना मिली जिसमें हमें वॉल्टर कीडाश नामक एक युवक से भेंट करने के लिए कहा गया। वह मैड्रिड से कुछ मील बाहर स्थित, टोरेकोन के अमरीकी वायु-सेना के अड्डे पर तैनात था। हमने उससे और उसकी पत्नी से भेंट की, और उनके साथ तथा एक अन्य वायु सेनानी दम्पति के साथ बाइबल अध्ययन आरंभ किया।

उस दौरान, मैं अमरीकी वायु-सेना के कर्मचारियों के साथ क़रीब पाँच बाइबल अध्ययन संचालित कर रहा था, और बेशक सभी अंग्रेज़ी में। उनमें से, बाद में सात लोगों ने बपतिस्मा प्राप्त किया, और अमरीका लौटने के बाद, उनमें से चार पुरुष कलीसिया प्राचीन बन गए।

यह वही समय था जब हमारे काम पर पाबंदी के कारण पुस्तकों, पत्रिकाओं, और बाइबलों को देश में लाने के रास्ते बहुत कम थे। बहरहाल, पर्यटक और हमारी जान-पहचान के अमरीकी लोग कुछ साहित्य लाते थे। मुझे एक गुप्त साहित्य गोदाम चलाने के लिए शाखा द्वारा नियुक्‍त किया गया। यह गोदाम वॉयेकस में एक लेखन-सामग्री की दुकान के पिछले भाग में एक भण्डार में था। उसके मालिक की पत्नी यहोवा की एक साक्षी थी। हालाँकि वह मालिक ख़ुद एक साक्षी नहीं था, वह हमारे काम का आदर करता था, और अपने तथा अपने व्यवसाय के लिए बड़ा ख़तरा होते हुए भी, उसने मुझे इजाज़त दी कि देश-भर के शहरों में साहित्य के पैकेट बनाकर भेजने के लिए पीछे के इस भाग का इस्तेमाल करूँ। क्योंकि इस कमरे को हमेशा एक गोदाम की तरह ही दिखना चाहिए था—धूल तथा बक्सों से भरा अस्तव्यस्त कमरा—मुझे एक ऐसी बेंच और पुस्तकों की अलमारी बनानी पड़ी जो काम करने के लिए जल्दी से लगाई जा सके और फिर झट से छिपाई जा सके। दिन के अन्त में, मैं तब तक रुकता जब तक दुकान में और कोई नहीं रह जाता, और फिर जल्दी से अपने पैकेटों के साथ निकल जाता।

देश-भर में कलीसियाओं को आध्यात्मिक सामग्री, जैसे कि प्रहरीदुर्ग और अवेक! पत्रिकाएँ और अन्य साहित्य को वितरित करने में हिस्सा लेना एक वास्तविक विशेषाधिकार था। वह बहुत ही उत्तेजक समय था!

रीटा को १६ गृह बाइबल अध्ययन संचालित करने का आनन्द मिला, जिनमें से आधे लोग यहोवा के बपतिस्मा-प्राप्त साक्षी बन गए। डोलोरस एक जवान विवाहिता थी जिसे हृदय की बीमारी के कारण ठँडी सर्दियों का मौसम बिस्तर में ही गुज़ारना पड़ता था। वसंत-ऋतु में वह उठ सकती थी और कुछ क्रियाशील हो सकती थी। डोलोरस का विश्‍वास मज़बूत था, सो जब टुलूज़, फ्रांस में हमारे ज़िला अधिवेशन का समय आया, उसे जाने की बहुत इच्छा थी। उसके डॉक्टर ने उसे सावधान किया कि हृदय की स्थिति के कारण उसका जाना ठीक नहीं होगा। घर के कपड़े और चप्पल पहनकर और कोई सामान लिए बग़ैर, वह अपने पति, अपनी माँ, और दूसरों को विदा करने के लिए स्टेशन गयी। आँखों में आँसू भर आए, और वह उन्हें उसे अकेला छोड़कर जाते हुए नहीं देख सकी, इसलिए वह ट्रेन में चढ़ गयी और फ्रांस के लिए निकल पड़ी! रीटा नहीं जानती थी कि यह सब हुआ था। लेकिन वहाँ अधिवेशन में, डोलोरस को देखने पर वह हक्का-बक्का रह गयी, जिसके चेहरे पर बड़ी-सी मुस्कान थी!

एक असाधारण बाइबल अध्ययन

मैड्रिड की कार्य-नियुक्‍ति का यह अभिलेख हम डॉन बेनीग्नो फ्रैंको, “एल प्रोफेसोर” को शामिल किए बग़ैर नहीं समाप्त कर सकते। एक स्थानीय साक्षी मुझे एक वृद्ध श्रीमान से भेंट कराने के लिए ले गया जो अपनी पत्नी के साथ एक टूटी-फूटी बिल्डिंग में रहता था। मैंने उसके साथ बाइबल अध्ययन आरंभ किया। क़रीब डेढ़ साल अध्ययन करने के बाद, उसने कहा कि उसे बपतिस्मा प्राप्त करना है और यहोवा का एक साक्षी बनना है।

यह वृद्ध श्रीमान, डॉन बेनीग्नो फ्रैंको, स्पेन के उस समय के तानाशाह, फ्रैंसिस्को फ्रैंको का रिश्‍तेदार था। ऐसा लगता है कि डॉन बेनीग्नो हमेशा एक ऐसा व्यक्‍ति था जिसे आज़ादी पसन्द थी। स्पैनिश गृह युद्ध के दौरान, उसने गणतंत्र का पक्ष लिया और वह अपने रिश्‍तेदार के ख़िलाफ़ था—वह जनरल जिसने युद्ध जीतकर कैथोलिक तानाशाही को स्थापित किया। वर्ष १९३९ से, डॉन बेनीग्नो को काम करने के अधिकार से वंचित किया गया था और उसे बहुत ही थोड़ी आजीविका तक सीमित रखा गया था। सो जनरलिसिमो फ्रैंसिस्को फ्रैंको, स्पेन के अधिनायक का रिश्‍तेदार यहोवा का एक साक्षी बन गया।

आश्‍चर्यजनक आमंत्रण

वर्ष १९६५ में स्पेन के शाखा कार्यालय ने हमें बार्सिलोना में सर्किट कार्य करने के लिए आमंत्रित किया। इसका अर्थ था उन सभी प्यारे भाइयों को छोड़ना जो मैड्रिड में हमारे बहुत क़रीब आ गए थे। अब सिर्फ़ एक नए अनुभव की ही नहीं, बल्कि मेरे लिए एक परीक्षा की भी शुरूआत होनेवाली थी। वह अनुभव बहुत ही डरावना था क्योंकि मैंने अपनी क़ाबिलीयत पर हमेशा शक किया है। मैं यह बहुत अच्छी तरह जानता हूँ कि यहोवा ने ही मुझे सेवा के इस क्षेत्र में प्रभावकारी होने में समर्थ किया।

हर हफ़्ते एक कलीसिया को भेंट करने का अर्थ था भाइयों के घरों में रहना। हमारे पास कोई स्थायी निवास नहीं था, और हम लगभग हर दो हफ़्ते बाद एक अन्य घर में रहते। एक स्त्री के लिए यह ख़ासकर मुश्‍किल है। लेकिल जल्द ही होसे और रोसर एस्कूडे ने, जो बार्सिलोना में रहते थे, हमें एकसाथ कई दिनों तक अपने साथ रहने के लिए आमंत्रित किया। यह उनकी ओर से बहुत प्रेममय बात थी, क्योंकि इसका अर्थ होता कि हमारे पास अपना सामान रखने के लिए स्थायी जगह होती और हर रविवार शाम को घर आने के लिए एक नियमित स्थान होता।

रीटा और मैंने अगले चार साल भूमध्यसागरीय तट पर स्थित कैटलोनिया के प्रान्त में सर्किट कार्य करने में गुज़ारे। हमारी सभी बाइबल सभाएँ निजी घरों में गुप्त रीति से आयोजित की जाती थीं, और हमारा घर-घर का प्रचार कार्य भी समझदारी के साथ किया जाता था ताकि हम ध्यान आकर्षित न करें। कभी-कभी एक पूरी कलीसिया एकसाथ रविवार के दिन जंगलों में “पिकनिक” के लिए जाती थी, ख़ासकर एक सर्किट सम्मेलन आयोजित करते वक़्त।

हम हमेशा उन अनेक समर्पित आध्यात्मिक भाइयों की सराहना करेंगे जिन्होंने अपने काम और आज़ादी को ख़तरे में डाला, और कलीसिया को संयुक्‍त और क्रियाशील बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की। उनमें से अनेक लोगों ने शहर के बाहर क़सबों में कार्य को फैलाने में पहल की। यह १९७० में पाबंदी हटाए जाने और धार्मिक आज़ादी दिए जाने के बाद स्पेन में बड़ी वृद्धि का आधार बना।

अपनी विदेशी कार्य-नियुक्‍ति को छोड़ने के लिए विवश होना

स्पेन में हमारे दस सालों के दौरान, यहोवा की सेवा करने की इस ख़ास आशिष का हमारा आनन्द उठाना, हमारे माता-पिता की हालत से कम हुआ था। कई अवसरों पर, हमें अपनी कार्य-नियुक्‍ति को क़रीब-क़रीब छोड़कर मेरे माता-पिता की देखभाल करने के लिए घर जाना पड़ा था। बहरहाल, मेरे माता-पिता के निकट की कलीसियाओं के प्यारे भाई-बहनों के कारण हम स्पेन में कार्य जारी रख सके। जी हाँ, मिशनरी कार्य में उतने साल बिताने के विशेषाधिकार को अंशतः दूसरों ने संभव बनाया था जिन्होंने परमेश्‍वर के राज्य हितों को प्रथम स्थान पर रखने में हमारे साथ हिस्सा लिया।

आख़िरकार, दिसम्बर १९६८ में मेरी माँ की देखभाल करने के लिए हम घर चले गए। उसी महीने मेरे पिताजी चल बसे, और मेरी माँ अब अकेली हो गयी थी। अब भी पूर्ण-समय की सेवा करने के लिए काफ़ी हद तक खाली होने के कारण, हमें सर्किट कार्य में सेवा करने की कार्य-नियुक्‍ति मिली, लेकिन इस बार अमरीका में। अगले २० सालों तक हमने स्पैनिश सर्किटों में सेवा की। हालाँकि हमने अपना बहुमूल्य मिशनरी मोती खो दिया था, लेकिन हमारे हाथों में दूसरा रख दिया गया था।

नशीली दवाओं और हिंसा के बीच प्रचार करना

अब हम अनेक भाई-बहनों के साथ-साथ सेवा कर रहे थे जो शहर के अपराध-ग्रस्त भागों में रहते थे। ब्रुकलिन, न्यू यॉर्क में सर्किट कार्य में पहले हफ़्ते ही किसी ने रीटा का हैंडबैग चुरा लिया।

एक बार रीटा और मैं, न्यू यॉर्क शहर के एक अन्य भाग में एक समूह के साथ घर-घर का प्रचार कार्य कर रहे थे। सड़क के एक कोने पर मुड़ते वक़्त, हमने कुछ लोगों को एक त्यागी हुई बिल्डिंग की दीवार के एक छेद के सामने क़तार में खड़े देखा। जब हमने सड़क पर कुछ और क़दम बढ़ाए, तब हमने एक युवक को देखा जो फुटपाथ पर खड़े होकर हमें देख रहा था। और एक व्यक्‍ति दूर कोने पर खड़े होकर नज़र रख रहा था कि कहीं पुलिस कार न आ जाए। हम नशीली दवाओं के व्यापार के बीच आ गए थे! पहला व्यक्‍ति चौंक गया, लेकिन बाद में उसने प्रहरीदुर्ग पत्रिका देखी और राहत की साँस ली। आख़िरकार, मैं एक पुलिस अफ़सर भी तो हो सकता था! बाद में उसने स्पैनिश भाषा में पुकारा, “¡लॉस आटालयास! ¡लॉस आटालयास!” (प्रहरीदुर्ग! प्रहरीदुर्ग!)। वे लोग जानते थे कि हम कौन थे, और पत्रिका की वजह से हमें पहचान लिया, और सब कुछ ठीक हो गया। जब मैं उसके नज़दीक से गुज़रा, मैंने कहा, “¿ब्वेनोस डीऑस, कोमो एस्टॉ?” (नमस्ते, आप कैसे हैं?) उसने मुझे जवाब में कहा कि मेरे लिए दुआ माँगिए!

एक मुश्‍किल फ़ैसला

वर्ष १९९० में यह स्पष्ट हो गया कि मुझे अपनी माँ के साथ हर रोज़ रहना पड़ेगा। हमने सफ़री कार्य में रहने के लिए बहुत कोशिश की थी, लेकिन बुद्धिमानी इस बात को स्वीकार करने में थी कि दोनों बाध्यताओं को पूरा करना संभव नहीं था। बेशक हम यह निश्‍चित करना चाहते थे कि माँ की प्रेममय रूप से देखभाल की जाए। लेकिन फिर एक बार हमें एक बहुमूल्य मोती को खोना पड़ा, वह जो हमारे लिए बहुत ही मूल्यवान था। इस संसार के सभी शाब्दिक रत्न और एक व्यक्‍ति के लिए वे जो कुछ कर सकते हैं, वे यहोवा के संगठन में एक मिशनरी या सफ़री ओवरसियर के रूप में सेवा करने के रत्न की तुलना में कुछ भी नहीं हैं।

रीटा और मैं अब अपनी साठादि में हैं। हम बहुत संतुष्ट हैं और एक स्थानीय स्पैनिश भाषी कलीसिया के साथ सेवा करने में ख़ुश हैं। जब हम यहोवा की सेवा में बितायी अपनी ज़िन्दगी की याद करते हैं, तब हमें कुछ बहुमूल्य मोती सौंपने के लिए हम उसका धन्यवाद करते हैं।

[पेज 23 पर तसवीरें]

रीटा तथा पॉल और इवलिन हंडर्टमार्क (दाएँ) के साथ मैड्रिड बुलरिंग के बाहर

[पेज 24 पर तसवीरें]

जंगल में एक “पिकनिक” के समय एक कलीसिया के साथ कार्य करना

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