उन्होंने यहोवा की इच्छा पूरी की
इसहाक के लिए एक पत्नी खोजना
कुँए के पास बैठा वह वृद्ध पुरुष थका-माँदा था। वह और उसके सेवक अपने दस ऊँटों के साथ बेर्शेबा के आस-पास से उत्तरी मसोपोटामिया तक—८०० किलोमीटर से ज़्यादा की दूरी—के सारे रास्ते चलकर आए थे।a अब जबकि वे अपनी मंज़िल पर पहुँच चुके थे, इस पस्त यात्री ने अपने कठिन अभियान के बारे में ग़ौर करने लिए विश्राम लिया। यह पुरुष कौन था, और उसने इस कठिन यात्रा की ज़िम्मेदारी क्यों ली?
यह पुरुष इब्राहीम का सेवक, “उसके घर में पुरनिया” था। (उत्पत्ति २४:२) हालाँकि वृत्तान्त में उसका नाम नहीं दिया गया है, प्रत्यक्षतः यह एलीएजेर था, जिसे एक समय पर इब्राहीम ने ‘अपने घर में उत्पन्न हुआ एक जन’ कहकर सूचित किया और जिसके बारे में उसने कहा कि वह ‘उसका वारिस होने’ जा रहा था। (उत्पत्ति १५:२, ३) निश्चय ही, यह तब कि बात है जब इब्राहीम और सारा निस्संतान थे। अब उनका पुत्र इसहाक ४० वर्ष का था और हालाँकि अब एलीएजेर इब्राहीम का मुख्य वारिस नहीं था, वह अब भी उसका सेवक था। सो जब इब्राहीम ने चुनौतीपूर्ण निवेदन किया तब उसने उसका पालन किया। वह निवेदन क्या था?
एक चुनौतीपूर्ण अभियान
इब्राहीम के दिनों में एक विवाह न केवल उस परिवार को बल्कि समस्त जाति, या कुलों को भी प्रभावित करता था। इसलिए माता-पिता का अपने बच्चों के लिए एक साथी चुनना रिवाज़ी था। लेकिन, अपने पुत्र इसहाक के लिए एक पत्नी की खोज करने में इब्राहीम के सामने एक दुविधा थी। स्थानीय कनानियों के अधर्मी मार्गों की वजह से उनमें से किसी एक के साथ विवाह करने का तो सवाल ही नहीं उठता था। (व्यवस्थाविवरण १८:९-१२) और जबकि एक पुरुष के लिए अपनी ही जाति में विवाह करने का रिवाज़ था, इब्राहीम के सम्बन्धी सैकड़ों किलोमीटर दूर उत्तरी मसोपोटामिया में रहते थे। वह इसहाक को मात्र यूँ ही वहाँ वापस जाने नहीं दे सकता था, क्योंकि यहोवा ने इब्राहीम से प्रतिज्ञा की थी: “मैं यह देश” अर्थात् कनान का देश “तेरे वंश को दूंगा।” (तिरछे टाइप हमारे।) (उत्पत्ति २४:७) अतः, इब्राहीम ने एलीएजेर से कहा: “तू मेरे देश में मेरे ही कुटुम्बियों के पास जाकर मेरे पुत्र इसहाक के लिये एक पत्नी ले आएगा।”—उत्पत्ति २४:४.
इस लम्बी यात्रा को पूरा करने के बाद, अपने इस अभियान पर विचार करने के लिए एलीएजेर कुँए के पास बैठ जाता है। उसने जाना कि शीघ्र ही स्त्रियाँ कुँए पर रात के लिए पानी भरने आ रही होंगी। सो उसने यहोवा से बिनती की: “जिस कन्या से मैं कहूं, कि अपना घड़ा मेरी ओर झुका, कि मैं पीऊं; और वह कहे, कि ले, पी ले, पीछे मैं तेरे ऊंटों को भी पिलाऊंगी: सो वही हो जिसे तू ने अपने दास इसहाक के लिये ठहराया हो; इसी रीति मैं जान लूंगा कि तू ने मेरे स्वामी पर करुणा की है।”—उत्पत्ति २४:१४.
और जब वह प्रार्थना कर ही रहा था, रिबका नामक एक सुन्दर युवती आई। “अपने घड़े में से थोड़ा पानी मुझे पिला दे,” एलीएजेर ने उससे कहा। रिबका ने वैसा ही किया, और उसके बाद वह बोली: “मैं तेरे ऊंटों के लिये भी तब तक पानी भर भर लाऊंगी, जब तक वे पी न चुकें।” यह एक बहुत-ही उदार पेशकश थी, क्योंकि एक प्यासा ऊँट मात्र दस मिनट में ९५ लीटर पानी पी सकता है! चाहे एलीएजेर के ऊँट उतने प्यासे थे या नहीं, रिबका यह ज़रूर जानती होगी कि जिस कार्य को करने की उसने पेशकश रखी थी वह कष्टदायक होता। असल में, उसने “फुर्ती से अपने घड़े का जल हौदे में उण्डेलकर फिर कुंए पर भरने को दौड़ गई, और उसके सब ऊंटों के लिये पानी भर दिया।”—उत्पत्ति २४:१५-२०.
यहोवा के मार्गदर्शन को भाँपते हुए, एलीएजेर ने रिबका को एक सोने की नत्थ और सोने के दो कंगन दिए, जो आज के हिसाब से $१,४०० की क़ीमत रखते हैं। जब रिबका ने उसे बताया कि वह इब्राहीम के भाई, नाहोर की पोती है, तो एलीएजेर ने सिर झुकाकर यहोवा को दण्डवत किया। उसने कहा: “यहोवा ने मुझ को ठीक मार्ग पर चलाकर मेरे स्वामी के भाईबन्धुओं के घर पर पहुंचा दिया है।” (उत्पत्ति २४:२२-२७) एलीएजेर को रिबका के परिवार में लाया गया। कुछ समय पश्चात्, रिबका इसहाक की पत्नी बन गई, और उसने मसीहा, यीशु की पुरखिन होने का विशेषाधिकार प्राप्त किया।
हमारे लिए सबक़
यहोवा ने इसहाक के लिए परमेश्वर का भय माननेवाली साथी खोजने के एलीएजेर के प्रार्थनापूर्ण प्रयासों पर आशिष दी। लेकिन, यह याद रखिए कि इसहाक का विवाह इब्राहीम के माध्यम से वंश उत्पन्न करने के परमेश्वर के उद्देश्य से सीधे रूप से जुड़ा हुआ था। सो इस वृत्तान्त से हमें यह निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि हरेक व्यक्ति जो एक विवाह-साथी के लिए प्रार्थना करता है उसे चमत्कारिक रूप से एक साथी दे दिया जाएगा। फिर भी, यदि हम यहोवा के सिद्धान्तों का पालन करते हैं, तो वह जीवन की किसी भी परिस्थिति—विवाहित या अविवाहित—में आनेवाली चुनौतियों को बर्दाश्त करने के लिए हमें शक्ति देगा।—१ कुरिन्थियों ७:८, ९, २८. फिलिप्पियों ४:११-१३ से तुलना कीजिए।
एलीएजेर को यहोवा के तरीक़े से कार्य करने में अधिक प्रयास करना पड़ा था। हम भी शायद यह पाएँ कि यहोवा के स्तरों के अनुसार चलना हमेशा आसान नहीं होता। उदाहरण के लिए, ऐसी नौकरी ढूँढना जो ईश्वरशासित गतिविधि में बाधा न डालती हो, एक ऐसा साथी ढूँढना जो परमेश्वर का भय माननेवाला हो, ऐसा संगी ढूँढना जो प्रोत्साहक हो, ऐसा मनोरंजन ढूँढना जो गिरा हुआ न हो, शायद कठिन हो। (मत्ती ६:३३; १ कुरिन्थियों ७:३९; १५:३३; इफिसियों ४:१७-१९) फिर भी, यहोवा उन लोगों को संभाल सकता है जो बाइबल सिद्धान्तों का समझौता करने से इनकार करते हैं। बाइबल प्रतिज्ञा करती है: “तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा।”—नीतिवचन ३:५, ६.
[फुटनोट]
a ऊँटों की औसत गति को ध्यान में रखते हुए, इस यात्रा को पूरा करने में शायद २५ से भी ज़्यादा दिन लगे होंगे।