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विवाह जो यहोवा का सम्मान करते हैं

मसीही विवाह पर यह निम्नलिखित लेख पहले इथियोपिया में तैयार किया गया था ताकि अम्हारिक भाषा में उस देश के अनेकों को सहायक मार्गदर्शन प्रदान करे जो हाल ही में यहोवा के साक्षी बने हैं। यह कुछ स्थानीय प्रथाओं और रिवाज़ों के बारे में बात करता है, जो आप जहाँ रहते हैं वहाँ की प्रथाओं और रिवाज़ों से शायद भिन्‍न हैं। आप यह भिन्‍नता संभवतः काफ़ी दिलचस्प पाएँ। साथ ही साथ यह लेख संतुलित बाइबलीय सलाह प्रदान करता है जिसे आप व्यावहारिक पाएँगे चाहे आपके क्षेत्र में विवाह प्रथाएँ अलग क्यों न हों।

अप्रैल १५, १९८४ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) में एक उत्तम अध्ययन लेख का शीर्षक था “मसीही विवाह जो आनंद लाते हैं।” उसी अंक के अगले लेख का शीर्षक था “विवाह दावतों में संतुलित आनंद पाइए।” (विवाह के बारे में विचार करनेवाले किसी भी व्यक्‍ति के लिए पुस्तक अपना पारिवारिक जीवन आनन्दित बनाना, [अंग्रेज़ी] अध्याय २ में और आपकी युवावस्था—इसका पूरा लाभ उठाना, [अंग्रेज़ी] अध्याय १९ और २० में अतिरिक्‍त बुद्धिमान सलाह दी गई है।)a उन लेखों के प्रकाशित होने के बाद अनेक जन यहोवा के साक्षी बने हैं और इसलिए हम कुछ मुद्दों पर पुनर्विचार करना चाहेंगे जो मुख्यतः हमारे क्षेत्र के लिए लागू होते हैं। साथ ही साथ हम अन्य उपयुक्‍त मुद्दों पर भी पुनर्विचार करना चाहेंगे जो हमारे विवाहों को ऐसे अवसर बनाने में मदद देंगे जो विवाह के आरंभक, यहोवा का सम्मान करते हैं।

एक सवाल जिस पर शायद पहले विचार किया जा सकता है वह है, विवाह कब किया जाना चाहिए? क्या तिथि का चुनाव स्थानीय पारंपरिक विवाह कालों की तिथियों द्वारा नियंत्रित होना चाहिए? सामान्य विश्‍वास यह है कि कोई भी विवाह जो दूसरे समयों में होता है, सफल नहीं होता। यह एक अंधविश्‍वास है जिसका कोई आधार नहीं क्योंकि कई विवाहित दंपति जिन्होंने पारंपरिक विवाह काल में विवाह नहीं किया ख़ुशी से और एकता में यहोवा की सेवा कर रहे हैं। हम अच्छे या बुरे शगुन में विश्‍वास नहीं करते हैं। (यशायाह ६५:११; कुलुस्सियों २:८) हम अविश्‍वासी रिश्‍तेदारों को सच्चाई और झूठ के बीच फर्क़ करने में मदद नहीं करेंगे यदि हम उनके अंधविश्‍वासों के अनुसार विवाह तिथि निर्धारित करते हैं। हक़ीकत यह है, मसीही किसी भी महीने विवाह कर सकते हैं।

जब ज़रूरी सरकारी कार्यविधि के पश्‍चात्‌ विवाह भाषण आयोजित किया जाता है तो यह बुद्धिमानी की बात होगी कि दोनों के बीच कई दिनों की समयावधि न हो। यदि दंपति चाहते हैं कि विवाह भाषण राज्यगृह में हो, तो उन्हें कलीसिया प्राचीनों से बहुत पहले बात करनी चाहिए और सभागृह के इस्तेमाल के लिए निवेदन करना चाहिए। स्थानीय प्राचीन यह निश्‍चित करेंगे कि समारोह के लिए की गई तैयारियाँ उनके स्वच्छ अंतःकरण बनाए रखने में बाधा नहीं डालेगी। समय ऐसा निर्धारित किया जाना चाहिए कि वह किसी भी कलीसिया गतिविधि में बाधा न डालें। जिस भाई को विवाह भाषण देने के लिए चुना जाता है वह पहले ही भावी दुलहा और दुलहन से मिलेगा ताकि वह सहायक सुझाव दे सके और यह निश्‍चित कर सके कि विवाह में कोई नैतिक या न्यायिक बाधाएँ तो नहीं और कि भाषण के बाद के किसी भी सामूहिक समूहन की योजनाओं के साथ वह सहमत है। विवाह भाषण क़रीब आधे घंटे का होना चाहिए और गरिमायुक्‍त रीति से दिया जाना चाहिए जिसमें आध्यात्मिक पहलू विशिष्ट किया जाता है। विवाह भाषण निश्‍चित ही उसके बाद के रिसेप्शन से अधिक महत्त्वपूर्ण है।

एक मसीही विवाह यह दिखाने का एक अच्छा अवसर है कि हम “संसार के नहीं” हैं। (यूहन्‍ना १७:१४; याकूब १:२७) हमारी सुव्यवस्था स्पष्ट दिखनी चाहिए। इसका अर्थ है कि हम समय पर होंगे इसके बजाय कि लोगों से इंतज़ार कराएँ, जो संभवतः कलीसिया गतिविधियों में भी बाधा बन सकता है। यह विशेषकर एक ऐसी बात है जिसके बारे में दुलहन को ध्यान रखना चाहिए क्योंकि सांसारिक रिश्‍तेदार शायद उसे देर से जाने को प्रोत्साहित करें—मानो उससे उसका महत्त्व बढ़ जाता है। समय पर पहुँचने से एक प्रौढ़ मसीही बहन प्रदर्शित कर सकती है कि आध्यात्मिक गुण, जैसे कि नम्रता और लिहाज़, उसके लिए महत्त्वपूर्ण है! साथ ही जब एक फॉटोग्राफर को उस अवसर पर चित्र लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है तो अच्छी व्यवस्था महत्त्वपूर्ण है। अच्छा होगा यदि हम यह माँग करें कि फॉटोग्राफर अच्छी तरह कपड़े पहने हुए हो और कि वह चित्र खींचते समय भाषण में दखल न दें। प्रार्थना के दौरान कोई चित्र नहीं लिया जाना चाहिए। हमारी व्यवस्था यहोवा का आदर करेगी और एक अच्छी गवाही देगी। घटना के वास्तविक अर्थ को पीछे ढकेलनेवाली किसी भी सामाजिक औपचारिकताओं का पालन करने की कोई ज़रूरत नहीं है।

एक सफल विवाह के लिए रिसेप्शन की ज़रूरत नहीं है लेकिन ऐसे ख़ुशी के अवसर की कोई शास्त्रीय मनाही नहीं है। लेकिन सच्चे मसीहियों का ऐसा एक समूहन सांसारिक रिसेप्शनों से भिन्‍न होना चाहिए जो फ़िज़ूलख़र्ची, मतवालापन, अतिभोजन, जंगली संगीत, अश्‍लील नृत्य और यहाँ तक कि लड़ाइयों से चिन्हित हैं। बाइबल “लीलाक्रीड़ा” को शरीर का काम बताती है। (गलतियों ५:२१) जब समूहन बहुत बड़ा नहीं है तब उस पर सही नियंत्रण रखना ज़्यादा आसान है। सामान्य रिवाज़ों को पूरा करने के लिए एक शामियाना खड़ा करने की कोई ज़रूरत नहीं है। यदि कोई जगह या मौसम की वजह से शामियाने का इस्तेमाल करने का निर्णय करे तो यह एक व्यक्‍तिगत निर्णय है।

अनुभव से मालूम चलता है कि अतिथियों की संख्या को सीमित करने का एक अच्छा तरीक़ा है स्पष्ट लिखित आमंत्रण का इस्तेमाल करना। कलीसियाओं के बजाय व्यक्‍तियों को आमंत्रित करना ज़्यादा अच्छा होगा, और व्यवस्था का पालन करनेवाले मसीहियों के तौर पर हमें ऐसे बंधनों का आदर करना चाहिए। लिखित आमंत्रण एक बहिष्कृत व्यक्‍ति के रिसेप्शन में आने की परेशानी से भी हमें बचाएगा, क्योंकि यदि ऐसा हुआ तो कई भाई-बहन शायद वहाँ से जाने का निर्णय करें। (१ कुरिन्थियों ५:९-११) यदि एक दंपति अविश्‍वासी रिश्‍तेदारों या मित्रों को बुलाते हैं तो वे निःसंदेह सीमित संख्या में होंगे और “विश्‍वासी भाइयों” को अधिक महत्त्व दिया जाएगा। (गलतियों ६:१०) कुछ लोगों ने सांसारिक मित्रों तथा अविश्‍वासी रिश्‍तेदारों को रिसेप्शन के बजाय विवाह भाषण के लिए बुलाने का निर्णय किया है। क्यों? ऐसे अवसर रहे हैं जब सांसारिक रिश्‍तेदारों ने रिसेप्शन में परेशान करनेवाली परिस्थितियाँ खड़ी की हैं जिससे अनेक भाई-बहनों ने महसूस किया है कि वे ठहर नहीं सकते। कुछ दंपतियों ने मात्र निकटतम पारिवारिक सदस्यों और मसीही मित्रों के साथ छोटा भोज मनाने का प्रबंध किया है।

यूहन्‍ना २:८, ९ के अनुसार एक “भोज के प्रधान” को चुनना शायद व्यावहारिक हो। दुलहा एक विश्‍वासयोग्य मसीही को चुनना चाहेगा जो यह निश्‍चित करेगा कि व्यवस्था और उच्च स्तर बनाए रखे जाते हैं। जहाँ मित्र भेंट लाते हैं यह “घमण्ड” के बिना किया जाना चाहिए। (१ यूहन्‍ना २:१६) संगीत संदेहास्पद गीत-शब्दों, अत्यधिक आवाज़, या जंगली धुन के बिना सुखदायक हो सकता है। अनेक लोगों ने पाया है कि बजाया जानेवाला संगीत पहले ही एक प्राचीन को सुनाना अच्छा है। नाचना शायद फंदे पेश करे क्योंकि अनेक पारंपरिक नृत्य जनन-क्षमता के लिए किए गए नृत्य से आते हैं और अनुचित लैंगिकता प्रदर्शित करते हैं। “केक और शामपॆन क्षण” कभी-कभी सांसारिक लोगों के लिए छूट का प्रतीक रहा है। वास्तव में अनेक मसीही दंपतियों ने निर्णय किया है कि विवाह रिसेप्शनों में वे मदिरा का इस्तेमाल नहीं करेंगे और इस प्रकार समस्याओं से दूर रहेंगे।

क्योंकि हम यहोवा का आदर करना चाहते हैं, हम अपनी ओर अत्यधिक ध्यान आकर्षित करने के लिए दिखावा करने से दूर रहेंगे। यहाँ तक कि सांसारिक प्रकाशनों में भी फ़िज़ूलख़र्ची के विरुद्ध बताया गया है। एक दंपति का एक फ़िज़ूलख़र्ची विवाह की वजह से कर्ज़ में डूब जाना और फिर उस एक दिन के ख़र्च को चुकाने के लिए कई साल हानि उठाना कितनी बेवकूफ़ी की बात होगी! जी हाँ, उस अवसर पर पहनी गयी कोई भी पोशाक शालीन और सुहावनी होनी चाहिए, एक ऐसे व्यक्‍ति के योग्य जो परमेश्‍वर की भक्‍ति प्रदर्शित करता है। (१ तीमुथियुस २:९-१०) लेख “मसीही विवाहों को संयम प्रदर्शित करना चाहिए” (जनवरी १५, १९६९ के प्रहरीदुर्ग [अंग्रेज़ी]) ने पोशाक के बारे में ये दिलचस्प टिप्पणियाँ की:

“एक व्यक्‍ति का विवाह एक ख़ास अवसर है। इसलिए सामान्यतः ध्यान दिया जाता है कि वह ख़ुश और आकर्षक दिखे। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि एक व्यक्‍ति को किसी ख़ास प्रकार का गाउन या सूट पहनना चाहिए। अच्छा होगा यदि एक व्यक्‍ति स्थानीय स्टाइल, ख़र्चे और व्यक्‍तिगत रुचियों को ध्यान में रखे। . . . लेकिन क्या यह तर्कसंगत होगा कि एक महँगी पोशाक ख़रीदी जाए जिससे उन पर स्वयं या दूसरों पर आर्थिक भार पड़े? . . . कुछ दुलहनों ने किसी ख़ास मित्र या रिश्‍तेदार का गाउन आनंदपूर्वक इस्तेमाल किया है। दूसरों ने स्वयं अपने वैवाहिक कपड़े बनाने में बड़ी संतुष्टि प्राप्त की है, और संभवतः इस प्रकार एक ऐसी पोशाक तैयार कर पाते हैं जो भविष्य में अन्य अवसरों पर भी इस्तेमाल की जा सकती है। और यह बिलकुल ठीक है कि एक दंपति अपनी सबसे आकर्षक साधारण पोशाक में विवाह करें . . . दूसरे जो एक विस्तृत विवाह समारोह के समर्थ हैं समय के इतने कठिन होने की वजह से शायद व्यक्‍तिगत तौर पर एक ‘शांत विवाह’ करने की इच्छा करें।”

वैसे ही, विवाह दल (दुलहे के मित्र और दुलहन की सहेलियाँ) बहुत बड़ा होने की ज़रूरत नहीं। वे भी अपने वस्त्र और कार्यों के द्वारा अपनी ओर अनुचित ध्यान आकर्षित नहीं करना चाहेंगे। जबकि एक बहिष्कृत व्यक्‍ति को राज्यगृह में एक भाषण में उपस्थित होने की अनुमति दी जा सकती है, अप्रैल १५, १९८४ के प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) ने कहा: “यह अनुचित होगा कि एक विवाह दावत में ऐसे लोग हों जो बहिष्कृत हों या जिनकी निन्दात्मक जीवन-रीति बाइबल सिद्धांतों के बिलकुल विपरीत हों।”

हालाँकि यीशु एक विवाह में उपस्थित था, हम यह अंदाज़ा नहीं लगा सकते हैं कि बड़ी आवाज़ के साथ कारों के जलूस का सारे शहर में घूमने की सामान्य परंपरा को वह स्वीकार करता। पुलिस ने चालकों से विवाह जलूस में हॉर्न बजाने के लिए जुर्माना भी लिया है। (मत्ती २२:२१ देखिए) सारांश में, सांसारिक लोगों के दिखावे को या उनके सामान्य कार्यों की नक़ल करने के बजाय मसीही ऐसी बुद्धि प्रदर्शित करते हैं जो नम्र लोगों के पास होती है।—नीतिवचन ११:२.

लेकिन पड़ोसियों, सांसारिक सहकर्मियों, या दूर के रिश्‍तेदारों और जान-पहचानवालों के विवाहों में उपस्थित होने के बारे में क्या? हरेक मसीही को इस बारे में स्वयं निर्णय करना चाहिए। यह ध्यान में रखना अच्छा है कि हमारा समय बहुमूल्य है, क्योंकि हमें अपनी सेवकाई, व्यक्‍तिगत अध्ययन, और अन्य पारिवारिक और कलीसियाई गतिविधियों के लिए समय की ज़रूरत होती है। (इफिसियों ५:१५, १६) साप्ताहांतों में सभाएँ और क्षेत्र सेवकाई कार्य है जिनसे हम चूकना नहीं चाहते। (इब्रानियों १०:२४, २५) कई विवाह, सम्मेलनों या प्रभु के संध्या भोज से संबंधित ख़ास सेवा कार्यों के समय में होते हैं। हमें अपने आपको उस ख़ास प्रयास से विकर्षित नहीं होने देना चाहिए जो प्रभु के संध्या भोज में उपस्थित होने के लिए हमारे भाई संसार भर में कर रहे हैं। सच्चाई का ज्ञान प्राप्त करने से पहले हमने सांसारिक लोगों के साथ बहुत समय बिताया, संभवतः ऐसी परिस्थितियों में जिन्होंने परमेश्‍वर का अनादर किया। (१ पतरस ४:३, ४) अब हमारी प्राथमिकताएँ अलग हैं। यह हमेशा संभव है कि एक सांसारिक दंपति को एक कार्ड भेजकर या दूसरे किसी दिन एक संक्षिप्त भेंट करने के द्वारा शुभकामनाएँ दी जाएँ। कुछ लोगों ने ऐसे अवसरों को गवाही देने के लिए इस्तेमाल किया है और कुछ ऐसे शास्त्रवचनों को दिखाया है जो नवविवाहितों के लिए उपयुक्‍त हैं।

एक विवाह जहाँ सांसारिक तौर-तरीक़ों पर आध्यात्मिक पहलू हावी है वास्तव में यहोवा का सम्मान करता है। यह निश्‍चित करते हुए कि वे संसार से और उसके अंधविश्‍वासों तथा आत्यंतिकताओं से अलग रहते हैं, इसे नियमित ईश्‍वरशासित गतिविधियों में बाधा न बनने देने के द्वारा और दिखावे के बजाय शालीनता प्रदर्शित करते हुए, मसीही उस अवसर का आनंद लेंगे। इसके अलावा वे उस घटना को एक अच्छे अंतःकरण और सुखद यादों के साथ याद कर सकेंगे। बुद्धि और तर्कसंगतता के प्रदर्शन से ऐसा हो कि हमारे सभी मसीही विवाह सत्हृदयी दर्शकों को एक गवाही दें।

[फुटनोट]

a वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित।

[पेज 24, 25 पर तसवीर]

मसीही सभी स्थानीय विवाह परंपराओं के दास नहीं हैं

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