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  • क्या आप जानते थे?
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क्या आप जानते थे?

बाइबल के अलावा ऐसे और क्या सबूत हैं, जो दिखाते हैं कि यीशु एक असल शख्स था?

▪ ऐसे कई लेखक थे, जो यीशु के समय के कुछ साल बाद जीए थे। उन्होंने अपने लेखों में उसके नाम का ज़िक्र किया था। उनमें से एक था कुरनेलियुस टैसीटस। टैसीटस ने उस समय रोम का इतिहास लिखा, जब रोम पर सम्राटों का शासन था। ईसवी सन्‌ 64 में रोम में जो आग लगी थी, उसके बारे में टैसीटस ने कहा: लोगों में यह अफवाह फैली थी कि इस तबाही के लिए सम्राट नीरो ज़िम्मेदार है। उसने यह भी बताया कि नीरो ने यह इलज़ाम उस समूह के मत्थे मढ़ने की कोशिश की, जिसे लोग मसीही कहते हैं। टैसीटस ने लिखा: “तिबिरियुस की हुकूमत के दौरान, राज्यपाल पुन्तियुस पीलातुस ने मसीह को, जिससे मसीही नाम निकला है, मौत की सज़ा दी थी।”—एनल्स XV, 44.

यहूदी इतिहासकार फ्लेवियस जोसिफस ने भी यीशु का ज़िक्र किया। उसने ईसवी सन्‌ 62 में, यहूदिया के रोमी राज्यपाल फेस्तुस की मौत से लेकर अगले राज्यपाल, एल्बीनुस के पदवी सँभालने तक की घटनाएँ दर्ज़ कीं। इन घटनाओं का ब्यौरा देते वक्‍त, जोसिफस ने कहा कि महायाजक एननस (हन्‍ना) ने “महासभा के न्यायियों की एक बैठक बुलायी और उनके सामने याकूब नाम के एक आदमी के साथ-साथ दूसरे कुछ लोगों को हाज़िर किया। यह याकूब, यीशु का भाई था जिसे मसीह भी कहा जाता था।”—ज्यूइश ऐंटिक्विटीज़, XX, 200 (ix, 1)। (w10-E 04/01)

यीशु को मसीह क्यों कहा जाता था?

▪ खुशखबरी की किताबें बताती हैं कि जिब्राईल नाम का एक स्वर्गदूत मरियम के पास आया। उसने मरियम से कहा कि वह गर्भवती होगी और वह अपने बेटे का नाम यीशु रखे। (लूका 1:31) प्राचीन समय में यह नाम, यहूदियों के बीच बहुत आम था। इसलिए बाइबल में ऐसे कुछ लोगों का ज़िक्र है, जिनका नाम यीशु था। यहूदी इतिहासकार जोसिफस ने इन लोगों के अलावा, 12 और लोगों के बारे में लिखा जिनका नाम भी यीशु था। मरियम के बेटे को “यीशु नासरी” कहा जाता था, ताकि लोग पहचान सकें कि यह यीशु नासरत का रहनेवाला है। (मरकुस 10:47) वह “मसीह” या यीशु मसीह के नाम से भी जाना जाता था। (मत्ती 16:16) इस नाम का क्या मतलब है?

‘मसीह’ का अँग्रेज़ी शब्द है “ख्रीस्त” जो यूनानी शब्द ख्रीस्तौस से लिया गया है। और ख्रीस्तौस का इब्रानी शब्द है माशीआक (मसीहा)। ख्रीस्तौस और माशीआक का शाब्दिक अर्थ है, “अभिषिक्‍त जन।” यीशु से सालों पहले जीनेवाले कुछ लोगों को भी अभिषिक्‍त जन कहा गया था, जो सही था। जैसे मूसा, हारून और दाविद को। उन्हें अभिषिक्‍त जन इसलिए कहा गया क्योंकि परमेश्‍वर ने उन्हें अधिकार के पद पर ठहराया था। (लैव्यव्यवस्था 4:3; 8:12; 2 शमूएल 22:51; इब्रानियों 11:24-26) यीशु यानी वादा किया हुआ मसीहा, यहोवा का सबसे बड़ा और खास नुमाइंदा था। इसलिए उसे “जीवित परमेश्‍वर का बेटा, मसीह” कहा जाना एकदम सही था।—मत्ती 16:16; दानिय्येल 9:25. (w10-E 04/01)

[पेज 15 पर तसवीर]

एक चित्रकार की बनायी हुई, फ्लेवियस जोसिफस की तसवीर

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