परमेश्वर की सेवा स्कूल
मकसद: विद्यार्थियों को खुशखबरी के कुशल प्रचारक और शिक्षक बनने के लिए तालीम देना।
कितने समय तक चलेगा: लगातार चलता रहेगा।
जगह: आपका राज-घर।
कौन हिस्सा ले सकते हैं: वे सभी जो नियमित तौर पर मंडली के साथ संगति करते हैं, बाइबल की शिक्षाओं से सहमत हैं और मसीही सिद्धांतों के मुताबिक जीते हैं।
कैसे दाखिला लें: परमेश्वर की सेवा स्कूल के निगरान से बात कीजिए।
शैरन को एमायोट्रोफिक लेट्रल स्क्लेरोसिस नाम की बीमारी है, ऐसी बीमारी जिससे उसके पूरे शरीर को लकवा मार गया है। वह कहती है, “पेरमेश्वर की सेवा स्कूल ने मुझे खोजबीन करना और जानकारी को तर्क के मुताबिक पेश करना सिखाया है। इस स्कूल से मैंने न सिर्फ अपना ज्ञान बढ़ाना बल्कि सच्चाई समझने में दूसरों की मदद करना भी सीखा है।”
आर्नी जो लंबे समय से सफरी निगरान रहा है, कहता है: “मैं बचपन से हकलाता था और दूसरों से आँख मिलाकर बात नहीं कर पाता था। इस स्कूल ने मेरे अंदर आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास जगाया है। इस तालीम के ज़रिए मैंने कुछ ऐसे तरीके सीखे जिससे मुझे ठीक से साँस लेने और किसी बात पर अच्छे से ध्यान देने में मदद मिली है। मैं परमेश्वर का बहुत शुक्रगुज़ार हूँ कि मैं मंडली में और प्रचार में उसकी महिमा कर सकता हूँ।”
बेथेल के नए सदस्यों के लिए स्कूल
मकसद: नए सदस्यों को अपनी बेथेल सेवा में कामयाब होने में मदद देना।
कितने समय तक चलेगा: सोलह हफ्तों तक, हर हफ्ते 45 मिनट।
जगह: बेथेल।
कौन हिस्सा ले सकते हैं: बेथेल परिवार के सदस्य और ऐसे स्वयंसेवक जिन्हें एक साल या उससे ज़्यादा समय के लिए बेथेल बुलाया जाता है।
कैसे दाखिला लें: बेथेल परिवार के नए सदस्यों को खुद-ब-खुद दाखिला मिल जाता है।
डमीट्रीअस, जो 1980 के दशक में इस स्कूल में हाज़िर हुआ था, कहता है: “इस कोर्स ने मुझे अच्छी तरह अध्ययन करना सिखाया और लंबे समय तक बेथेल में सेवा करने के लिए तैयार किया। शिक्षकों के सिखाने के तरीकों, पढ़ाई के विषयों और कारगर सलाहों से मेरा यकीन बढ़ गया कि यहोवा मेरी परवाह करता है और चाहता है कि मैं अपनी बेथेल सेवा में कामयाब हो जाऊँ।”
केटलिन कहती है: “मुझे मदद दी गयी कि मैं सबसे ज़रूरी बात पर ध्यान दूँ। वह है, एक ऐसा इंसान बनना जो यहोवा के बताए तरीके के मुताबिक काम करता है। इस स्कूल ने यहोवा, उसके घर और उसके संगठन के लिए मेरी कदरदानी बढ़ायी है।”
राज-सेवा स्कूल
मकसद: सफरी निगरानों, प्राचीनों और कुछ मामलों में सहायक सेवकों को संगठन में मिलनेवाली ज़िम्मेदारियाँ सँभालने और निगरानी करने के लिए प्रशिक्षण देना। (प्रेषि. 20:28) इस स्कूल में मौजूदा हालात, दुनिया में बढ़ते चलन और मंडली की खास ज़रूरतों पर चर्चा की जाती है। कुछ सालों में एक बार होनेवाला यह स्कूल कब रखा जाएगा, यह शासी निकाय तय करता है।
कितने समय तक चलेगा: हाल के सालों में यह सफरी निगरानों के लिए दो से ढाई दिन, प्राचीनों के लिए डेढ़ दिन और सहायक सेवकों के लिए एक दिन चलाया गया है।
जगह: आम तौर पर राज-घर या सम्मेलन भवन में।
कौन हिस्सा ले सकते हैं: सफरी निगरान, प्राचीन या सहायक सेवक।
कैसे दाखिला लें: सर्किट निगरान, प्राचीनों और सहायक सेवकों को न्यौता देता है। शाखा दफ्तर सफरी निगरानों को न्यौता देता है।
“हालाँकि इस स्कूल में कम समय में बहुत-सी जानकारी पर चर्चा की गयी, लेकिन इससे प्राचीनों को मदद मिली कि वे यहोवा की सेवा में अपनी खुशी बरकरार रख पाएँ और ‘दिलेर बनें।’ नए और लंबे समय से सेवा करनेवाले प्राचीनों ने सीखा कि वे कैसे भेड़ों की अच्छी रखवाली कर सकते हैं और ‘सोचने के तरीके में पूरी तरह से एकता’ ला सकते हैं।”—क्विन।
“इस तालीम ने अलग-अलग विषयों पर हमारा ध्यान दिलाया। हमें अपने विश्वास से जुड़ी बातों की बेहतर समझ मिली, खतरों से आगाह किया गया और भेड़ों की देखभाल करने की कारगर सलाह भी दी गयी। सच, यहोवा को हमारी कितनी परवाह है!”—माइकल।
पायनियर सेवा स्कूल
मकसद: पायनियरों को ‘अपनी सेवा अच्छी तरह पूरी करने’ में मदद देना।—2 तीमु. 4:5.
कितने समय तक चलेगा: दो हफ्ते।
जगह: शाखा दफ्तर तय करता है; आम तौर पर राज-घर में।
कौन हिस्सा ले सकते हैं: जो एक साल या उससे ज़्यादा समय से पायनियर सेवा कर रहे हैं।
कैसे दाखिला लें: पायनियरों को खुद-ब-खुद दाखिला मिल जाता है और उनके सर्किट निगरान उन्हें इस बारे में इत्तला कर देते हैं।
लिली कहती है, “इस स्कूल ने मुझे अपनी सेवा और ज़िंदगी में आनेवाली चुनौतियों का सामना करने में मदद दी है। जिस तरह से मैं अध्ययन करती हूँ, सिखाती हूँ और बाइबल का इस्तेमाल करती हूँ, उसमें बहुत फर्क आया है। मैं दूसरों की मदद करने, प्राचीनों को सहयोग देने और मंडली की बढ़ोतरी के लिए अपना योगदान देने के लिए पहले से ज़्यादा तैयार हूँ।”
ब्रेंडा जो दो बार इस स्कूल में हाज़िर हुई, कहती है, “इसकी बदौलत मैं तन-मन से यहोवा की सेवा कर पायी हूँ, अपने ज़मीर को परमेश्वर की सोच के मुताबिक और अच्छी तरह ढाल पायी हूँ और दूसरों की मदद करने पर ध्यान दे पायी हूँ। इसमें कोई शक नहीं कि यहोवा बहुत ही दरियादिल है!”
मंडली के प्राचीनों के लिए स्कूल
मकसद: मंडली में ज़िम्मेदारी सँभालने के लिए प्राचीनों को तालीम देना, साथ ही उनकी मदद करना कि वे यहोवा के साथ अपने रिश्ते को और भी मज़बूत बनाएँ।
कितने समय तक चलेगा: पाँच दिन।
जगह: शाखा दफ्तर तय करता है; आम तौर पर राज-घर या सम्मेलन भवन में।
कौन हिस्सा ले सकते हैं: नियुक्त किए गए प्राचीन।
कैसे दाखिला लें: शाखा दफ्तर प्राचीनों को न्यौता देता है।
ध्यान दीजिए अमरीका में रखी गयी 92वीं क्लास के कुछ भाइयों का क्या कहना है:
“इस स्कूल से मुझे बहुत फायदा हुआ है। मुझे खुद की जाँच करने और यह देखने में मदद मिली है कि मैं यहोवा की भेड़ों की देखभाल कैसे कर सकता हूँ।”
“मैं बाइबल का इस्तेमाल कर सबकी हिम्मत बढ़ाने के लिए तैयार हूँ।”
“मैं सीखी बातों को ज़िंदगी-भर याद रखूँगा।”
सफरी निगरानों और उनकी पत्नियों के लिए स्कूल
मकसद: सर्किट और ज़िला निगरानों की मदद करना ताकि वे “बोलने और सिखाने में कड़ी मेहनत” करते हुए मंडलियों की अच्छी तरह सेवा कर सकें।—1 तीमु. 5:17; 1 पत. 5:2, 3.
कितने समय तक चलेगा: दो महीने।
जगह: शाखा दफ्तर तय करता है।
कौन हिस्सा ले सकते हैं: भाई को सर्किट या ज़िला निगरान होना चाहिए।
कैसे दाखिला लें: शाखा दफ्तर सफरी निगरानों और उनकी पत्नियों को न्यौता देता है।
“संगठन पर यीशु के मुखियापन के लिए हमारी कदरदानी बढ़ गयी। हमने जाना कि जिन भाइयों की सेवा हम करते हैं, उनकी हिम्मत बढ़ाना और हरेक मंडली की एकता मज़बूत करना कितना ज़रूरी है। इस कोर्स ने हमारे दिलो-दिमाग में यह बात बिठा दी कि हालाँकि सफरी निगरान सलाह देता है और ज़रूरत पड़ने पर ताड़ना भी देता है, मगर उसका खास मकसद है भाइयों को एहसास दिलाना कि यहोवा उनसे प्यार करता है।”—जोअल, पहली क्लास, 1999.
अविवाहित भाइयों के लिए बाइबल स्कूल
मकसद: अविवाहित प्राचीनों और सहायक सेवकों को यहोवा के संगठन में ज़्यादा ज़िम्मेदारियाँ सँभालने के काबिल बनाना। स्कूल से तालीम पाने के बाद बहुत-से भाइयों को अपने ही देश के उन इलाकों में भेजा जाता है, जहाँ प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत है। इनमें से कुछ अगर तैयार हों, तो उन्हें दूसरे देश भी भेजा जा सकता है। कुछ भाइयों को थोड़े समय के लिए खास पायनियर के तौर पर नए या दूर-दराज़ इलाकों में प्रचार काम शुरू करने के लिए भेजा जा सकता है।
कितने समय तक चलेगा: दो महीने।
जगह: शाखा दफ्तर तय करता है; आम तौर पर राज-घर या सम्मेलन भवन में।
कौन हिस्सा ले सकते हैं: अविवाहित भाई जिनकी उम्र 23 से 62 के बीच है, जिनकी सेहत अच्छी है और जो उन इलाकों में जाने के लिए तैयार हैं जहाँ ज़्यादा ज़रूरत है। (मर. 10:29, 30) यह ज़रूरी है कि वे कम-से-कम दो साल से पायनियर सेवा कर रहे हों और दो साल से लगातार प्राचीन या सहायक सेवक के तौर पर सेवा कर रहे हों।
कैसे दाखिला लें: जो इस स्कूल में दिलचस्पी रखते हैं, उन्हें ज़्यादा जानकारी देने के लिए सर्किट सम्मेलन में एक सभा रखी जाती है।
अमरीका में रखी गयी 23वीं क्लास का रिक कहता है, “इस कोर्स में पूरी तरह लग जाने से मैंने देखा है कि किस तरह यहोवा की पवित्र शक्ति ने मुझमें ज़बरदस्त बदलाव किए। जब यहोवा आपको कोई ज़िम्मेदारी देता है, तो वह उसे पूरा करने में आपकी मदद भी करता है। मैंने सीखा कि अगर मैं खुद के बारे में सोचने के बजाय, परमेश्वर की मरज़ी के बारे में सोचूँ, तो वह मुझे उसकी मरज़ी पूरी करने की हिम्मत ज़रूर देगा।”
आनड्रेआस जो जर्मनी में सेवा करता है, कहता है, “वाकई परमेश्वर का संगठन आज के ज़माने में किसी अजूबे से कम नहीं! इस तालीम ने मुझे ज़िम्मेदारियाँ उठाने के लिए तैयार किया है। साथ ही, बाइबल की बहुत-सी मिसालों से मैंने यह बुनियादी सच्चाई सीखी: यहोवा और अपने भाइयों की सेवा करने से सच्ची खुशी मिलती है।”
मसीही जोड़ों के लिए बाइबल स्कूल
मकसद: शादीशुदा जोड़ों को खास तालीम देना ताकि वे यहोवा और उसके संगठन के निर्देशन में ज़्यादा-से-ज़्यादा सेवा कर सकें। स्कूल से तालीम पाने के बाद बहुत-से जोड़ों को अपने ही देश के उन इलाकों में भेजा जाता है, जहाँ प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत है। इनमें से कुछ अगर तैयार हों, तो उन्हें दूसरे देश भी भेजा जा सकता है। कुछ भाई-बहनों को थोड़े समय के लिए खास पायनियर के तौर पर नए या दूर-दराज़ इलाकों में प्रचार काम शुरू करने के लिए भेजा जा सकता है।
कितने समय तक चलेगा: दो महीने।
जगह: यह स्कूल अमरीका में चलाया जा रहा है और सितंबर 2012 से यह कुछ शाखा दफ्तरों की निगरानी में आनेवाले देशों में भी रखा जाएगा; आम तौर पर राज-घर या सम्मेलन भवन में।
कौन हिस्सा ले सकते हैं: शादीशुदा जोड़े जिनकी उम्र 25 से 50 के बीच है, जिनकी सेहत अच्छी है, जिनके हालात उन्हें ज़्यादा ज़रूरतवाले इलाकों में सेवा करने की इजाज़त देते हैं और जो ऐसा रवैया रखते हैं, “मैं यहां हूं! मुझे भेज।” (यशा. 6:8) इसके अलावा, ज़रूरी है कि उनकी शादी को कम-से-कम दो साल हो गए हों और वे पिछले दो सालों से लगातार पूरे समय की सेवा कर रहे हों। यह ज़रूरी है कि पति कम-से-कम दो साल से लगातार प्राचीन या सहायक सेवक के तौर पर सेवा कर रहा हो।
कैसे दाखिला लें: जो इस स्कूल में दिलचस्पी रखते हैं, उन्हें ज़्यादा जानकारी देने के लिए ज़िला अधिवेशन में एक सभा रखी जाती है। अगर आपके देश के अधिवेशनों में यह सभा न रखी जाए और आप इस स्कूल के लिए अरज़ी भरना चाहते हों, तो ज़्यादा जानकारी के लिए अपने शाखा दफ्तर को लिखिए।
“इन आठ हफ्तों ने हमारी ज़िंदगी बदल दी! जो जोड़े यहोवा की सेवा में ज़्यादा करना चाहते हैं, उनके लिए यह क्या ही बढ़िया मौका है। हमने ठान लिया है कि हम अपनी ज़िंदगी में संतुलन बनाए रखेंगे जिससे हम अपने समय का सही इस्तेमाल कर पाएँ।”—एरिक और कॉरीना, पहली क्लास, 2011.
वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ गिलियड
मकसद: विद्यार्थियों को घनी आबादीवाले इलाकों में फील्ड मिशनरी के तौर पर भेजा जाएगा। या फिर उन्हें सफरी काम या बेथेल सेवा के लिए भेजा जाएगा। ये मिशनरी, क्षेत्र में प्रचार काम को और शाखा दफ्तर में संगठन को सहयोग देंगे।
कितने समय तक चलेगा: पाँच महीने।
जगह: अमरीका, न्यू यॉर्क राज्य के पैटरसन में वॉचटावर शिक्षा केंद्र।
कौन हिस्सा ले सकते हैं: शादीशुदा जोड़े जो पहले से खास पूरे समय की सेवा कर रहे हैं। जैसे खास पायनियर, सफरी निगरान, बेथेल में सेवा करनेवाले भाई-बहन या वे जो मिशनरी के तौर पर सेवा कर रहे हैं, मगर अब तक गिलियड नहीं गए हैं। यह ज़रूरी है कि उन्हें एक-साथ पूरे समय की सेवा करते हुए लगातार तीन साल हो चुके हों। साथ ही, उन्हें अच्छे से अँग्रेज़ी बोलनी, पढ़नी और लिखनी आनी चाहिए।
कैसे दाखिला लें: शाखा-समिति, जोड़ों को इस स्कूल के लिए अरज़ी भरने का न्यौता देगी।
अमरीका के रहनेवाले लाडे और मॉनीक अब अफ्रीका में सेवा कर रहे हैं। लाडे कहता है, “गिलियड स्कूल ने हमें तैयार किया कि हम दुनिया के किसी भी हिस्से में जाकर अपने प्यारे भाइयों के साथ काम में जुट जाएँ।”
मॉनीक कहती है, “परमेश्वर के वचन से सीखी बातों को लागू करने से मुझे अपनी सेवा में बहुत खुशी मिलती है। यह खुशी इस बात का एक और सबूत है कि यहोवा मुझसे प्यार करता है।”
शाखा-समिति के सदस्यों और उनकी पत्नियों के लिए स्कूल
मकसद: शाखा-समिति के सदस्यों को बेथेल घरों की निगरानी करने, मंडलियों से जुड़े सेवा के मामलों पर ध्यान देने, साथ ही सर्किटों और ज़िलों की अच्छी देख-रेख करने में मदद देना। इनके अलावा, वे साहित्य के अनुवाद, छपाई और उसे जगह-जगह भेजने के बारे में भी सीखते हैं।
कितने समय तक चलेगा: दो महीने।
जगह: अमरीका, न्यू यॉर्क राज्य के पैटरसन में वॉचटावर शिक्षा केंद्र।
कौन हिस्सा ले सकते हैं: भाई को शाखा-समिति या देश-समिति का सदस्य होना चाहिए या जिसे इस ज़िम्मेदारी के लिए नियुक्त किया जाएगा।
कैसे दाखिला लें: शासी निकाय ऐसे भाइयों और उनकी पत्नियों को न्यौता देता है।
पच्चीसवीं क्लास के लोअल और कारा, नाइजीरिया में सेवा करते हैं। लोअल कहता है, “इस स्कूल से मुझे याद दिलाया गया कि अगर हम हर काम यहोवा के बताए तरीके से करेंगे, तो हम उसे खुश कर पाएँगे, फिर चाहे वह काम छोटा हो या बड़ा या उसे करने के लिए हमारे पास समय की कमी क्यों न हो। कोर्स ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि हमें अपने भाइयों को वैसा प्यार दिखाना चाहिए जैसा यहोवा अपने सेवकों को दिखाता है।”
कारा कहती है, “एक बात जिस पर मैंने बहुत मनन किया वह यह है कि अगर मैं दूसरों को कोई बात आसानी से समझा नहीं पा रही हूँ, तो पहले मुझे खुद उस बारे में अच्छे से अध्ययन करना होगा।”