वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • wp17 अंक 5 पेज 4-5
  • स्वर्गदूतों के बारे में सच्चाई

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • स्वर्गदूतों के बारे में सच्चाई
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2017
  • मिलते-जुलते लेख
  • स्वर्गदूत कौन हैं और वे कैसे होते हैं?
    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए
  • “जन-सेवा करनेवाले स्वर्गदूत”
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2009
  • स्वर्गदूत—हमारी ज़िंदगी पर उनका असर
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2006
  • स्वर्गदूत
    सजग होइए!—2017
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2017
wp17 अंक 5 पेज 4-5
प्रधान स्वर्गदूत और लाखों-करोड़ों दूसरे स्वर्गदूत

पहले पेज का विषय | स्वर्गदूत—उनके बारे में जानना क्यों ज़रूरी है?

स्वर्गदूतों के बारे में सच्चाई

क्या आप स्वर्गदूतों के बारे में सच्चाई जानना चाहते हैं? जैसे, वे कौन हैं, वे कैसे वजूद में आए और वे क्या करते हैं? इन सवालों के सबसे बढ़िया जवाब परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखी किताब बाइबल में ही मिल सकते हैं। (2 तीमुथियुस 3:16) आइए देखें कि बाइबल में इस बारे में क्या बताया गया है।

  • जिस तरह हम परमेश्‍वर को नहीं देख सकते, उसी तरह हम स्वर्गदूतों को भी नहीं देख सकते, क्योंकि उनका शरीर “हाड़-माँस” का नहीं होता। परमेश्‍वर के वफादार स्वर्गदूत उसके साथ स्वर्ग में रहते हैं और उसके सामने जा सकते हैं।—लूका 24:39; मत्ती 18:10; यूहन्‍ना 4:24.

  • कुछ मौकों पर स्वर्गदूत इंसानों के रूप में धरती पर आए, ताकि परमेश्‍वर का दिया काम पूरा कर सकें। फिर वे अपना रूप बदलकर स्वर्ग लौट गए।—न्यायियों 6:11-23; 13:15-20.

  • हालाँकि बाइबल में स्वर्गदूतों का ज़िक्र पुरुषों के तौर पर किया गया है और उन्होंने हमेशा पुरुषों का ही रूप धारण किया, लेकिन उनमें स्त्री-पुरुष का फर्क नहीं होता। वे न तो शादी करते हैं, न ही उनके बच्चे होते हैं। ऐसा भी नहीं है कि पहले वे कोई शिशु, बच्चे या जवान इंसान के रूप में धरती पर थे। स्वर्गदूतों को यहोवा ने बनाया है, इसलिए बाइबल में उन्हें “सच्चे परमेश्‍वर के बेटे” कहा गया है।—अय्यूब 1:6; भजन 148:2, 5.

  • बाइबल में ‘इंसानों और स्वर्गदूतों की भाषाओं’ का ज़िक्र किया गया है। इससे पता चलता है कि स्वर्गदूतों की भाषा और बोली होती है। हालाँकि परमेश्‍वर ने स्वर्गदूतों के ज़रिए इंसानों से बात की, लेकिन उसने कभी इस बात की इजाज़त नहीं दी कि हम स्वर्गदूतों की उपासना करें या उनसे प्रार्थना करें।—1 कुरिंथियों 13:1; प्रकाशितवाक्य 22:8, 9.

  • शास्त्र में लिखा है कि स्वर्गदूतों की गिनती लाखों-करोड़ों में है, वे अनगिनत हैं।—दानियेल 7:10; प्रकाशितवाक्य 5:11.

  • स्वर्गदूत बहुत “शक्‍तिशाली” होते हैं, इंसानों से कहीं ज़्यादा शक्‍तिशाली। वे इंसानों से कहीं ज़्यादा बुद्धिमान भी हैं। वे बहुत तेज़ रफ्तार से कहीं भी जा सकते हैं, इस विश्‍वमंडल में इतनी तेज़ रफ्तार से चलनेवाला और कुछ भी नहीं।—भजन 103:20; दानियेल 9:20-23.

  • इंसानों से ज़्यादा बुद्धिमान और काफी ताकतवर होने के बावजूद स्वर्गदूतों की कुछ सीमाएँ हैं। कुछ बातें ऐसी हैं, जो वे नहीं जानते।—मत्ती 24:36; 1 पतरस 1:12.

  • स्वर्गदूतों में परमेश्‍वर के जैसे गुण हैं, मगर उनकी अपनी-अपनी शख्सियत है। उन्हें अपने फैसले खुद करने की आज़ादी है, इसलिए इंसानों की तरह वे चुन सकते हैं कि वे सही काम करेंगे या गलत। दुख की बात है कि कुछ स्वर्गदूतों ने परमेश्‍वर के खिलाफ जाने का फैसला किया।—यहूदा 6.

स्वर्गदूत किस तरह संगठित हैं?

प्रधान स्वर्गदूत का नाम मीकाएल है, जिसके पास बाकी स्वर्गदूतों के मुकाबले सबसे ज़्यादा ताकत और अधिकार है। शास्त्र में साफ-साफ बताया गया है कि मीकाएल यीशु मसीह का ही दूसरा नाम है।—1 थिस्सलुनीकियों 4:16; यहूदा 9.

साराप ऊँचे ओहदे के स्वर्गदूत हैं। उन्हें दूसरे स्वर्गदूतों से ज़्यादा परमेश्‍वर की सेवा की ज़िम्मेदारी और सम्मान मिला है। वे परमेश्‍वर की राजगद्दी के चारों ओर हाज़िर रहते हैं।—यशायाह 6:1-3.

करूब भी ऊँचे ओहदे के स्वर्गदूत हैं। वे खास ज़िम्मेदारियाँ निभाते हैं यानी वे परमेश्‍वर की महानता की पैरवी करते हैं। अकसर उनका ज़िक्र इस तरह किया गया है कि वे परमेश्‍वर के करीब रहकर उसकी सेवा कर रहे हैं।—उत्पत्ति 3:24; यहेजकेल 9:3; 11:22.

लाखों-करोड़ों दूसरे स्वर्गदूत परम-प्रधान परमेश्‍वर के दूत के तौर पर सेवा करते हैं और उसकी मरज़ी पूरी करते हैं। वे परमेश्‍वर की तरफ से लोगों को संदेश देते हैं।a—इब्रानियों 1:7, 14.

a स्वर्गदूतों के बारे में ज़्यादा जानने के लिए बाइबल हमें क्या सिखाती है? किताब का अध्याय 10 पढ़ें। यह किताब www.jw.org पर भी उपलब्ध है। एक अप्रैल 2010 की प्रहरीदुर्ग के पेज 19 पर दिया लेख, “क्या यीशु ही प्रधान स्वर्गदूत मीकाएल है?” भी देखें। इन्हें यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें