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हमारी राज-सेवा—1990
km 6/90 पेज 4

बाइबल का अधिक उपयोग करना

१“परमेश्‍वर का वचन जीवित और प्रबल है।” (इब्रा. ४:१२) जिस से कि वह पूर्ण रूप से अपनी शक्‍ति का प्रयोग कर सके और जीवित हो सके, उसे पढ़ाया जाना और लागू होना आवश्‍य है। इसे अधिक साध लेने के लिए, यहोवा की संस्था ने, खास १९५४ से आरम्भ करते हुए, हमें अपनी घर-घर की सेवकाई में बाइबल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। घर-घर के भेंटों में हमें तीन-से-आठ मिनट के प्रवचन देने और महत्त्वपूर्ण विषयों पर बाइबल क्या कहती हैं उसे गृहस्वामी के ध्यान पर खींचने का प्रशिक्षण दिया गया।

२ अभी हाल के वर्षों में हमारी राज्य सेवा ने नियमित रीति से हमें वार्तालाप का विषय दिया हैं, जो क्षेत्र सेवा में उपयोग करने के लिए किसी विषय पर दो या तीन शास्त्रवचनों को रेखांकित करता है। उदाहरण के लिए, वर्तमान वार्तालाप का विषय का शीर्षक हैं: “परमेश्‍वर के राज्य जो करेगा।” उपयोग करने के लिए शास्त्रवचनों भविष्य के लिए परमेश्‍वर जो अद्‌भुत आशा देते हैं उसे प्रदर्शित करते हैं।

३ बाइबल को प्रभावकारी रीति से उपयोग करने के लिए अभ्यास और लोगों को प्रत्यक्ष कराने की इच्छा कि यह सचमुच परमेश्‍वर का वचन है और जीवित और प्रबल है, आवश्‍यक हैं। हालाँकि पत्रिका-दिन के कार्य में हमें संक्षिप्त, विषय से लगता हुआ प्रस्तुतिकरण देने की उत्साह दी जाती है, क्षेत्र सेवा के अन्य पहलुओं में हम बाइबल का उपयोग करने की उपेक्षा नहीं करना चाहेंगे। और खुद परमेश्‍वर के वचन से ही दिखाना कि यहोवा ने मनुष्यजाति और इस पृथ्वी के लिए क्या सोच रखा हैं, उस से इस बात का, कि आखिर हम बाइबल के अध्येता ही तो हैं, प्रमाण देने का और कौन-सा बेहत्तर तरीका हो सकता है?

रीसनींग पुस्तक से सहायता

४ हमारी राज्य सेवा में वार्तालाप का विषय के अतिरिक्‍त हमारे पास रीसनींग फ्रॉम द स्क्रिपचर्स पुस्तक हैं। जैसे आप पृष्ठ ९ से १५ पर दिये गये प्रस्तावनाओं को दोहराएंगे, आपको बाइबल के शास्त्रवचन प्राप्त होंगे जिसे आप राज्य सन्देश को प्रस्तुत करने में उपयोग कर सकते हैं। उसका क्या कहना है उसे लोगों को दिखाने के लिए बाइबल की ओर निदेर्शन करने के लिए हमारे पास कई विभिन्‍न रीतियां हैं।

५ उदाहरण के लिए, यदि कोई गृहस्वामी वृद्धों के बारे में चिन्तित हो, यह लाभदायक हो सकता है कि रीसिनींग पुस्तक का पृष्ठ १४ पर “ओल्ड एज/डेथ” के विषय पर जो सुझाव दिये हैं उसे अपनाएं। यह प्रश्‍न कितना उचित होगा: “क्या आपने कभी सोचा है कि हम क्यों वृद्ध होकर मर जाते हैं? मैं आपको दिखाना चाहूंगा कि एक उत्तप्रेरित बाइबल लेखक ने रीमियों ५:१२ में क्या कहा।” फिर आप कह सकते हैं: “परन्तु हालाँकि बाइबल बताती है कि हम क्यों वृद्ध होकर मर जाते हैं, जैसे प्रकाशितवाक्य २१:३, ४ में बताया है, वह हमें भविष्य के लिए एक बहुत अद्‌भुत आशा भी देती है।” फिर वर्तमान साहित्य भेंट को प्रस्तुत किया जा सकता है।

६ बहुधा आज-कल लोग कहते हैं, “नहीं, मैं व्यस्त हूँ।” कई सचमुच हैं, और हमें कदर करनी चाहिये कि उनके सम्बन्ध में यह सच हो सकता है। फिर भी, यदि परिस्थितियां बराबर हैं, आप कह सकते हैं: “मैं इस भावना को समझता हूँ, क्योंकि यह व्यस्त होने का काल हैं। परन्तु मैं आपको मात्र इस एक विचार के साथ छोड़ना चाहता हूँ,” और हमारे वर्तमान वार्तालाप का विषय से किसी एक शास्त्रवचन को खोलें। उसे पढ़ने के बाद, आप फुर्ती से बता सकते हैं कि आप किस साहित्य का भेंट कर रहे हैं, एक उचित ट्रेक्ट छोड़ सकते हैं, या कह सकते हैं कि आप शीघ्र उस क्षेत्र में फिर होंगे और मृत्यु रहित जीवन की दिलचस्प सम्भावना के बारे में अधिक सूचना बांटने के लिए आप फिर भेंट करेंगे।

७ यह कितना अच्छा है जब लोग देखते हैं कि हम बाइबल के अध्येता हैं, और हमारी सेवकाई में परमेश्‍वर का वचन उपयोग करने में कुशल हैं! इस से उन्हें उन लोगों को पहचानने में सहायता मिलती हैं जो आज परमेश्‍वर के वचन पर भरोसा करते हैं और अपने दैनिक जीवन में उसका उपयोग करते हैं। तो फिर, पत्रिका-दिन को छोड़, आम साहित्य भेंट करते समय बाइबल का उपयोग करने के लिए तैयार रहो। बाइबल का उपयोग करने के हमारे प्रयासों हमारी सेवकाई पर यहोवा का आशीर्वाद लाएंगे, और अनेक के मन में इस बात को स्पष्ट करेंगे कि परमेश्‍वर का वचन सचमुच जीवित है, प्रबल है, और उनके जीवन को प्रभावित कर सकता है।

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