क्षेत्र सेवा में बाइबल का प्रयोग कीजिए
बाइबल के उत्प्रेरित वचन लोगों पर एक शक्तिशाली असर डाल सकते हैं। इस कारण, पहली सदी के मसीहियों ने सुसमाचार सुनाते समय शास्त्रों का अच्छा उपयोग किया। पौलुस ने ‘शास्त्रों से तर्क किया,’ और अपनी बातों के सन्दर्भ दे-देकर समझाया और साबित किया। (प्रेरितों १७:२, ३) यहूदियों को गवाही देते वक़्त, अपुल्लुस ने “पवित्र शास्त्र से” प्रमाणित किया, “कि यीशु ही मसीह है।”—प्रेरितों १८:२४-२८.
२ आज यहोवा के गवाह इस आदर्श का अनुसरण करते हैं। जैसे मार्च १, १९८६ के वॉचटावर के पृष्ठ २६ में कहा गया था: “जब वे आम सेवकाई में हिस्सा लेते हैं, तब वे चाहते हैं कि लोग समझें कि जो संदेश वे घोषित कर रहे हैं, वह अपनी ही मौलिकता से नहीं है, बल्कि परमेश्वर के वचन से है। तो वे बाइबल का सीधा प्रयोग करते हैं, और जहाँ कहीं संभव है, वहाँ वे वास्तव में दूसरों को यह पढ़कर सुनाते हैं।” क्या आप अपनी सेवकाई में बाइबल का पूरा उपयोग कर रहे हैं? क्यों न यह निश्चित करें कि आप अपने क्षेत्र की मुख्य प्रान्तीय भाषा में बाइबल की एक प्रति अपने साथ ले जाएँ और जहाँ कहीं संभव हो, वहाँ उसका प्रयोग करें?
यह प्रभावकारी क्यों है
३ बाइबल इतनी प्रभावकारी क्यों है? इसलिए कि यह परमेश्वर का वचन है और यह “मन की भावनाओं और विचारों को जाँचता है।” (इब्रा. ४:१२) लोगों की सच्ची प्रेरणाएँ सामने आती हैं जब उन्हें धर्मशास्त्रीय सच्चाई के प्रभाव में डाला जाता है। सच्चे दिलवाले उसकी ओर खिंचे जाते हैं। उदाहरण के लिए, एक युवा दंपति से, जिन्होंने यहोवा की सेवा करने में शीघ्र प्रगति की थी, पूछा गया कि उन्होंने इतनी जल्दी सुसमाचार की ओर प्रतिक्रिया क्यों दिखायी थी। उनका जवाब? “यह बाइबल के कारण हुआ।” उन्हें भेंट करनेवाले प्रचारकों ने जब उनका ध्यान बाइबल की ओर आकर्षित किया, तब उन्होंने “उत्तम चरवाहे” की आवाज़ पहचान ली।—यूहन्ना १०:१४; w७८ ६/१ पृष्ठ २२-३.
४ क्षेत्र सेवकाई में अपनी बाइबल इस्तेमाल करते वक़्त क्या आप कभी कभी अपर्याप्त महसूस करते हैं? एक अच्छा निजी बाइबल अभ्यास कार्यक्रम, जिस में मण्डली की सभी सभाओं के लिए तैयारी करना और उन में उपस्थित होना शामिल है, आपको हर एक अच्छे काम के लिए तैयार करेगा और आपको अधिक आत्म-विश्वास देगा। (२ तीमु. ३:१६, १७) सेवा के साथी और पारिवारिक सदस्य एक दूसरे के साथ वार्तालाप के विषय का अभ्यास कर सकते हैं। और, रीज़निंग पुस्तक के पृष्ठ ९-१५ पर दिए अधिकांश प्रस्तावनाओं में बातचीत के प्रारंभिक हिस्से में ही एक शास्त्रपद पढ़ना सम्मिलित है। क्यों न इन में से कुछेकों का अभ्यास करें? उन प्रस्तावनाओं को इस्तेमाल करें, जो प्रायोगिक हैं और आपके क्षेत्र के लोगों की दिलचस्पी आकर्षित करते हैं।
अच्छी परख इस्तेमाल करें
५ ऐसे समय हैं जब हम गृहस्थ को बाइबल की उसकी अपनी प्रति लाने और हमारे साथ शास्त्रपद पढ़ने के लिए निवेदन करेंगे। ऐसी परिस्थितियों में अच्छी परख इस्तेमाल करें। (रीज़निंग पुस्तक, पृष्ठ ६७, परि. ३, और पृष्ठ २७९, परि. २ देखें।) जब संक्षितप्तता आवश्यक हो, तब हम अपने वार्तालाप के विषय का शायद एक ही शास्त्रपद पढ़ने का निश्चय करेंगे। या अगर ज़ाहिर हो कि गृहस्थ व्यस्त है, तो हम शायद एक उचित पदांश ही उद्धृत करेंगे, और गृहस्थ को बताएँगे कि यह बाइबल में से है। यीशु और उनके प्रेरितों के पास इब्रानी शास्त्रों की निजी प्रतियाँ नहीं थीं, कि वह उन्हें प्रचार करते समय साथ ले जा सकें। फिर भी उन्होंने उनसे व्यापक रूप से उद्धरण किया। हमें भी शास्त्रपदों को कण्ठस्थ करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि अपनी सेवकाई में प्रयोग करने के लिए हम उन्हें ध्यान में रखें।
६ पौलुस ने तीमुथियुस को प्रोत्साहित किया कि वह ‘सत्य का वचन ठीक रीति से काम में लाए।’ (२ तीमु. २:१५) यही प्रबोधन आज हम पर भी लागू होता है। हम अपनी क्षेत्र सेवकाई में बाइबल का उपयोग बारंबार करने से यीशु और प्रेरितों का अनुकरण करना चाहते हैं। जब कभी संभव हो, तब इस में से पढ़िए, पर अगर ज़रूरी हो, तो स्मरण से उद्धरण कीजिए। हमारा प्रभावकारी रूप से इस तरह करना यह स्पष्ट करेगा कि हम परमेश्वर के सेवक हैं और कि हमारा संदेश उनके वचन पर पूर्ण रूप से आधारित है।