बच्चों को सभाओं से अधिक लाभ उठाने में मदद करें
जब आपके बच्चे सभाओं में उपस्थित होते हैं, क्या वे सचमुच सुनते हैं? क्या बाद में वे आप से उन बातों को बता सकेंगे जो उन्होंने प्रत्येक सभा से सीखी थी? क्या आपने उन्हें ध्यान देने और सतर्क अवलोकन के द्वारा पाए गए ज्ञान का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया है? क्या आपने सभाओं में अपनी अभिव्यक्तियों के द्वारा एक सक्रिय उदाहरण स्थापित किया है, जो कि वे देख सकते हैं, सुन सकते हैं, और अनुकरण कर सकते हैं? क्या आपके बच्चे आपके विश्वास का अनुकरण करते हैं? इन प्रश्नों के लिए सकारात्मक उत्तर अनिवार्य महत्त्व रखता है, अगर उन्हें यहोवा के समर्पित सेवकों के रूप में बढ़ना है।
सभा में उपस्थिति के महत्त्व को मन में स्थापित करो
२ एक बच्चे को बाइबल निर्देशों की ज़रूरत है अगर उसे अनन्त जीवन पाना है। (यूहन १७:३) अगर एक बच्चा आध्यात्मिक बातों की कदर करना सीखना है, तो सभा में उपस्थिति आवश्यक है। कभी-कभी, माता पिता अपने बच्चों को सभाओं में लाने के लिए हिचकिचाते हैं क्योंकि वे डरते हैं कि बच्चे दूसरों की शान्ति भंग कर देगे। कुछ अपने बच्चों को घर में अपना स्कूल गृह-कार्य करने के लिए छोड़ देते हैं। लेकिन विवेकी माता-पिता, अपने बच्चों को सभाओं में ले आते है।—व्यवस्था ३१:१२.
३ शैशव से एक बच्चा पहले यह सीखना है कि वह राज्य हॉल में सुनने के लिए जाता है। लेकिन अगर उसे व्यस्त रखने के लिए खाद्य पर्दाथ या खिलौने जैसी चीज़े दी जाए, या उसे अपने जगह में खेलने की अनुमति दी जाए तो, क्या वह सुनना सीखेगा और राज्य हॉल की सभाओं में क्यों उपस्थित होना है, इस बात की क़दर कर सकेगा? यह सच है, कि कुछ बच्चे दूसरों से ज़्यादा ध्यान देते हैं। तथापि, जब एक बच्चा अनुचित व्यवहार करता है, विवेकी माता-पिता उस में सुधार लाते हैं और प्रेममय रीति से उसे सुनना सिखाते हैं, मिठाईयों या खिलौनों से उसे घूस देने के द्वारा नहीं बल्कि परमेश्वर के वचन के अनुशासन का विनियोग करने के द्वारा ऐसा करेंगे।—नीति. १३:२४; इफि. ६:४.
माता-पिता के रूप में आपका उदाहरण
४ जनवरी १५, १९८२ के द वॉचटवर, पृष्ठ १७, ने निम्नलिखित प्रश्नों पूछे: “क्या आपके बच्चे जानते हैं कि आप बाइबल अध्ययन के सभाएं गम्भभीरतापूर्ण दृष्टि से देखते हैं? क्या वे यह देखते हैं कि आप इन सभाओं में केवल उपस्थित रहने के लिए ही नहीं बल्कि, जब भी अपेक्षा की जाती है, टीकाएं प्रस्तुत करते हुए, भाग लेने में भी महत्त्व देते हैं?” अगर आपके बच्चे आपको, सभाओं के दौरान, अनावश्यक रीति से बातें करते देखेंगे या आप या दूसरे उनके साथ खेलते रहें, तो उन पर इसका क्या प्रभाव होगा? वे सभा के समयों को किस दृष्टि से देखेंगे? इसलिए कि बच्चे अच्छे अनुकारक हैं, आपका उदाहरण उन पर गहरा असर कर सकता है।
५ कुछ माता-पिताओं ने छोटे बच्चों को भी सभाओं में उपयोग किए गए प्रकाशनों की उनकी अपनी प्रतियाँ देना सहायक पाया है। शायद पारिवारिक अध्ययन के दौरान, वे अपने बच्चों को उचित टीकाएं तैयार करने में सहायता देते हैं। साथ ही, माता-पिता अपने बच्चों को उन मुद्दों पर पुनर्विचार करने के द्वारा जो सभाओं के दौरान चर्चा की गयी थी और उन्हें जो प्रश्न होंगे उनके उत्तर देने के लिए समय निकालने के द्वारा प्रोत्साहन दे सकते हैं। सभाओं में उनकी सहभागिता के लिए अपने बच्चों की प्रशंसा करने में भी माता-पिता को सचेत रहना है।
६ यह सच है कि इस शिक्षण में माता-पिताओं के लिए कठिन परिश्रम सम्बद्ध है। किन्तु, परमेश्वर की रीति से कार्य करना अच्छा परिणाम लाता है। जैसे शास्त्र वचन कहता है: “धर्मी जो खराई से चलता रहता है, उसके पीछे उसके लड़केबाले धन्य होते हैं।”—नीति. २०:७.