प्रश्न पेटी
● मण्डली में परिचारकों के रूप में कार्य करनेवालों के कार्य क्या हैं?
परिचारकों ने, उन सभों को जो सभाओं में आते हैं, एक स्नेही स्वागत देना है। उनके कार्यों में, देरी से आनेवालों के लिए बिठाने, उपस्थिति अंकित करना, व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने, और राज्य हॉल का वाचूसंचार का ध्यान रखना, शामिल है। परिचारकों को मैत्रिपूर्ण, उत्तरदायी भाई होने चाहिए जो उनकी जिम्मेदारियों को पूर्ण करने में नेतृत्व लेते हैं।—om पृष्ठ ६३-४.
परिचारकों को नए व्यक्तियों की आवश्यकताओं की ओर सचेत रहना ज़रूरी है, उन्हें सुखद महसूस होने दें, और जगह प्राप्त करने में मदद दें। मण्डली के सभों को नए व्यक्तियों से परिचित होने और सुखद महसूस होने देने के लिए तैयार रहना है। देरी से आनेवालों को उपलब्ध जगहों की ओर जोने के लिए मार्गदर्शन करते समय, परिचारकों को यह प्रयत्न करना चाहिए कि जो बैठ चुके हैं उन्हें अस्तव्यस्त न कर दें। कुछ समयों में वे नए व्यक्तियों को उस पत्रिका प्रदान करते हैं जिसका अध्ययन किया जा रहा है।
सभाओं के दौरान व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक है। इसलिए कि हम माता-पिताओं को अपने बच्चों को सभाओं में लाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, कुछ समयों में विघ्न हो सकते हैं। लेकिन जब बच्चें बेचैन या बेलगाम बने रहते हैं, तब एक परिचारक को कृपापूर्वक सहायता देनी है, शायद यह सुझाव देते हुए कि माता या पिता बच्चे को उस सभा-गृह से कुछ समय के लिए बाहर जाए। अगर माता-पिता वहाँ बैठे जहाँ से वे जब आवश्यक हो जल्द ही बाहर जा सकते हैं, तो फिर उनके छोटे बच्चों की आवश्यकताओं का ध्यान बिना किसी और के ध्यान को भंग करते हुए कर सकते हैं।
उन क्षेत्रों में जहाँ, सुरक्षा एक समस्या है, विरोधियों की ओर से बर्बरता या अशांति से सुरक्षा के लिए परिचारकों को नियुक्त करना चाहिए। अगर कोई राज्य हॉल के भीतर से सभा में बाधा लाने की कोशिश करते हैं, तो उसे चले जाने के लिए कहा जाना चाहिए। अगर वह इनकार करता है और अव्यवस्था उत्पन्न करने में लगे रहता है, प्राचीनों को अधिकारियों से सम्पर्क करना होगा। कुछ क्षेत्रों में नियुक्त भाइयों को यह आवश्यक होगा कि वे सभाओं के दौरान राज्य हॉल के गाड़ी-स्थान की जाँच करें।—km १२/८४ पृष्ठ ४.
जब उपस्थिति संख्या ली जा रही हैं, उन सभी वयस्कों और साथ ही छोटे बच्चों को, जो सभाओं में एक सीमित मात्र तक भी सुन रहे हैं और लाभ उठा रहे हैं, गिने जाने चाहिए।—km ८/७९ पृष्ठ ४.