सेवकों के रूप में हमारी प्रभावकारिता को सुधारना
१ इसलिए कि राज्य हित हमारे जीवन में पहला स्थान लेता है, हमारी चुनी हुई जीवन-वृत्ति में हम प्रकर्ष पाने के लिए प्रेरित रहें। (मरकुस १३:१०) हम चाहे कितने भी समय से प्रचार करते होंगे, हम सेवकों के रूप में हमारी प्रभावकारिता में सुधार करते रहेंगे। हम यह कैसे कर सकते हैं?
२ कई लोग जो व्यावसायिक क्षेत्रों में सफल हैं निरन्तर उनके ज्ञान और निपुणताओं को आधुनिक बनाते रहते हैं। उनकी जीविका इस पर निर्भर होगी। कर्तव्यनिष्ठ सेवकों के रूप में, हम भी शिष्य बनाने की हमारी योग्यता को सुधारने में परिश्रमी बनना है, परमेश्वर के राज्य के बारे में दूसरों को सिखाते हुए। हमें नये और रोचक तरीक़ों की खोज करनी है जो कि सभी प्रकार के लोगों को पसन्द आएगी।—मत्ती २८:१९, २०.
चुनौती का सामना करो
३ यहोवा परमेश्वर अब भेड़ समान लोगों के संचयन की गति बढ़ाने के कारण हम में से कई हमारे पड़ोसियों से अधिकाधिक भेंट कर रहे हैं। इतने सारे पायनियरों और प्रचारकों के द्वारा किये गये बढ़ते गवाही कार्य विश्व क्षेत्र को हिला रहा है। हमारे बढ़ते हुए गवाही कार्य के कारण, प्रस्तुतीकरण जो एक समय प्रभावकारी थे अब, हमें मिलनेवाले लोगों को पसन्द नहीं आएंगे। हमारी सेवकाई के गुण को सुधारने की आवश्यकता है।
४ हमारे कार्य में सचमुच निपुण बनने के लिए लोगों से बात करते वक्त एक सकारात्मक मनोवृत्ति रखना आवश्यक है। जुलाई १५, १९८८ के द वॉचटावर के अंक में दिए गए व्यावहारिक सुझावों का अच्छा उपयोग करना हमें इस में सहायता देगी। उदाहरणार्थ, पृष्ठ १६, के छटवे परिच्छेद में यह चर्चा की गयी है कि कैसे आप एक प्रीतिकर और सकारात्मक रूप से अपना परिचय दे सकते हैं वहाँ जहाँ आप हर सप्ताह भेंट करते हैं और आप सुप्रसिद्ध हैं। उस व्यक्ति से बात करने की रीति पर जानकारी पृष्ठ १६, परिच्छेद ५ में दी गयी है, जिसने आप से गए सप्ताह कहा था, “मैं अपने खुद के गिरजा में शामिल हूँ, और वह मेरी हर आध्यात्मिक ज़रूरत का ख़्याल करती है।”
५ क्या आपने आपके क्षेत्र में एक मुफ्त गृह-बाइबल अध्ययन का सीधा प्रस्ताव किया है? क्या आप आपकी मण्डली के व्यापार क्षेत्र में कार्य करते हैं? क्या उचित और उत्पादक समयों पर सड़क गवाही कार्य करना सम्भव है? अवश्य, जुलाई १५, १९८८ के वॉचटावर के सुझावों पर पुनर्विचार करें। ऐसे सुझावों का विनियोग करना हमें सेवकों के रूप में हमारी प्रभावकारिता में सुधार लाने में सहायता दे सकती हैं।
६ प्रभावकारी होने में सम्पूर्णता भी शामिल है। (इफि. ६:१३) इस पर ध्यान देने में सतर्क रहें जहाँ एक से ज़्यादा परिवार एक ही घर में रहते हैं। कुछ लोग, तहखानो में, गराजों के ऊपर, या अन्य स्थलों में जो सामने के द्वार से सीधे रूप से प्रवेश्य नहीं है, रहते हैं। विभिन्न पारिवारिक सदस्यों को खोज निकालो—एक अधिक उमरवाला जो साधारणतः द्वार पर नहीं आता या कोई जो कार्य पर होता है जब घरों की साधारणतः भेंट की जाती है। शायद किसी और समय भेंट करने के द्वारा, आप परिवार के अन्य सदस्यों से मिल सकते हैं। संध्या गवाही कार्य बहुधा ऐसे अवसरों को प्रदान करता है।
इसे अपना लक्ष्य बनाइए
७ सेवकाई में हमारी प्रभावकारिता को बढ़ाना एक ऐसा समुचित लक्ष्य है जो हम सब पा सकते हैं। इसके लिए निष्कपट प्रार्थना और पूर्व तैयारी की ज़रूरत है। जैसे सेवकाई में हमारी प्रभावकारिता बढ़ती है, हम किसी और को समान प्रगति करने के लिए मदद कर सकते हैं।—गल. ६:६.
८ याद रखिए, हमारा शिक्षण कार्य “भारी क्लेश” के साथ समाप्त नहीं होगा। (मत्ती २४:२१) यहोवा के मार्गों के बारे में पुनरुत्थान पाए हुए व्यक्तियों को मदद देने के कई वर्षों की प्रत्याशा हम रखते हैं। हज़ार वर्ष के दौरान हमारी खुशी सचमुच बढ़ेगी, जब हम सिखाए हुओं को वफादारी के साथ मसीह के शासन के अधीन बनते हुए दखेंगे। हमारे प्रचार और शिक्षण कार्य में हमारी प्रभावकरिता में सुधार लाने के द्वारा, हम हमारी सेवकाई में—यहोवा की महिमा और स्तुति में— अधिक सम्पादित कर सकते हैं।