हमारे राज्य प्रचार में उन्नति करने के तरीक़े
हमारा प्रचार कार्य पहले से कहीं ज़्यादा अभी अत्यावश्यक है। चाहे लोग जीएँगे या मरेंगे यह सुसमाचार के प्रति उनकी प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। (१ पत. ४:५, ६, १७; प्रका. १४:६, ७) इस कारण हमें हमेशा अपने राज्य प्रचार में उन्नति करने के तरीक़ों को ढूँढना चाहिए। उन्नति करने के कुछ तरीक़े कौन-से हैं?
२ अच्छी तैयारी कीजिए: हमारी राज्य वकाई के सामयिक अंक को इस्तेमाल करते हुए, ऐसी प्रस्तुति चुनिए जो आपको लगता है कि आपके क्षेत्र के अधिकतर लोगों को आकर्षित करेगी। स्थानीय परिस्थितियों के मुताबिक अपनी टिप्पणियों को अनुकूल बनाना महत्त्वपूर्ण है। या आप शायद उन विचारों और शास्त्रवचनों को इस्तेमाल करते हुए, जिन्हें आपने व्यक्तिगत रूप से प्रभावकारी पाया है, ख़ुद की एक प्रस्तुति तैयार करना पसन्द करेंगे। आपको एक दिलचस्पी जगानेवाली प्रस्तावना की ज़रूरत होगी। (बाइबल चर्चा पुस्तिका के पृष्ठ २-७ देखिए।) शायद आपने एक विचार-उत्तेजक सवाल पूछने या स्थानीय दिलचस्पी के किसी समाचार पर गृहस्वामी से टिप्पणी लेने की योजना बनायी हो। जब आपके मन में आपकी प्रस्तुति है, तो उसे परिवार के एक ऐसे सदस्य या अन्य प्रकाशक के साथ अभ्यास कीजिए जो आपकी उन्नति के लिए सुझाव दे सकता है।
३ लोगों से वार्तालाप कीजिए: एक महत्त्वपूर्ण संदेश देना हमारा उद्देश्य है। अपने सुननेवाले को एक अर्थपूर्ण वार्तालाप में लगाने के द्वारा ऐसा किया जा सकता है। यदि गृहस्वामी कोई आपत्ति खड़ी करता है या एक विचार पेश करता है, तो उसकी बात ध्यानपूर्वक सुनिए। उसकी टिप्पणियाँ आपको अपनी आशा का एक शास्त्रीय जवाब देने में मदद करेंगी। (१ पत. ३:१५) यदि उसका विचार बाइबल से सहमत नहीं है, तो आप शायद व्यवहार-कुशलता से कह सकते हैं: “अनेक लोग आपकी तरह ही महसूस करते हैं। फिर भी, विषय को देखने का यह एक दूसरा तरीक़ा है।” फिर एक उपयुक्त शास्त्रवचन पढ़िए, और उसकी टिप्पणी लीजिए।
४ एक नम्य सारणी रखिए: अच्छी तरह से तैयार रहने का कोई महत्त्व नहीं होगा यदि आप लोगों से बात करने में असमर्थ हैं। आजकल जब हम भेंट करते हैं तो केवल कुछ ही गृहस्वामियों को घर पर पाना आम हो गया है। यदि आपके क्षेत्र में ऐसी स्थिति है, तो अपनी सारणी में समंजन करने की कोशिश कीजिए ताकि जब ज़्यादा लोग घर पर हों तब आप घर-घर कार्य कर सकें। आप शायद पाएँ कि भेंट करने के लिए सप्ताहांत सर्वोत्तम समय है; अन्य लोग शायद सप्ताह के दौरान ज़्यादा सुलभ हों लेकिन शाम के समय। कुछ क्षेत्रों में प्रकाशकों ने सांसारिक छुट्टियों के समय गवाही देना अनुकूल पाया है क्योंकि वे ज़्यादा लोगों को घर पर पाते हैं। लोग सामान्यतः तनावमुक्त मूड में रहते हैं और ऐसे समयों में वार्तालाप करने के लिए ज़्यादा इच्छुक हो सकते हैं। अपनी प्रस्तावना को अवसर के अनुकूल बनाना और फिर अपनी टिप्पणियों को एक शास्त्रीय विषय के साथ जोड़ना अच्छा होगा।
५ अपनी प्रस्तुति की प्रभावकारिता का विश्लेषण कीजिए: हरेक घर को छोड़ने के बाद, अपने आप से पूछिए: ‘क्या मैं गृहस्वामी के हृदय तक पहुँचा? क्या मैंने उसे अपने विचार व्यक्त करने को प्रेरित किया और उसकी बातों पर ध्यान दिया? क्या मैंने व्यवहार-कुशलता से जवाब दिया? परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, क्या मैंने सर्वोत्तम तरीक़ा इस्तेमाल किया?’ समय-समय पर एक अनुभवी प्रकाशक या पायनियर के साथ कार्य करना और सेवकाई में अपनी प्रभावकारिता में उन्नति करने के उद्देश्य से उसकी प्रस्तुतियों को ध्यानपूर्वक सुनना सहायक हो सकता है।
६ यदि आप अपने कार्य में कुशल हैं, तो आप ऐसी राज्य सच्चाइयों को बाँटने में समर्थ होंगे जो ‘आपके और आपके सुननेवालों के लिये भी उद्धार का कारण होंगी।’—१ तीमु. ४:१६; नीति. २२:२९.