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प्रभावकारी प्रस्तावनाएं

१ घर-घर के कार्य में भाग लेते वक्‍त, हमारे सामने यह प्रश्‍न हमेशा आता है, “मैं पहले क्या कहूँगा?” अनुभवी प्रचारक जो क्षेत्र सेवकाई में अच्छे परिणाम पाते हैं कई सहायक सुझाव प्रदान करते हैं। इनमें से कुछ क्या हैं?

२ पहला, उन लोगों में वास्तविक रूप से रुचि रखना महत्त्वपूर्ण है जिन से हम बात कर रहे हैं। ऐसी निजी रुचि दोनों शब्दों और कार्यों से प्रदर्शित हैं। गृहस्वामी के दृष्टिकोण को ध्यान में रखना महत्त्वपूर्ण है। उचित सवालों को पूछिए और फिर उसकी प्रतिक्रिया को ध्यानपूर्वक सुनिए। सभी तरह से हम उस गृहस्वामी को यह जानने में मदद देना है कि कैसे वह व्यक्‍तिगत रूप से उस विषय पर ध्यान देने से जिसकी हम चर्चा कर रहे हैं, लाभ पा सकता है।

उनकी प्रतिक्रिया पर विचार करें

३ सूखार के निकट एक कुए के पास जब यीशु एक सामरी स्त्री को गवाही दे रहा था, उसकी कुछ अभिव्यक्‍तियाँ उस स्त्री के लिए अपरिचित थीं। वे उसके चिन्तन या उपासना की उसकी रीति के अनुरुप नहीं थीं। यीशु ने ध्यानपूर्वक सुना, और उत्तर देते समय, उस स्त्री ने जो कहा उस पर विचार किया। वह उसकी मदद करना चाहता था। (यूहन्‍ना ४:१३, १४, १९-२६) जब हम गवाही कार्य में भाग लेते हैं क्या हम यीशु के इस उदाहरण का अनुकरण करने की कोशिश करते हैं?

४ अगर आपके क्षेत्र के लोग आपके प्रारंभिक शब्दों की ओर इन शब्दों के साथ प्रतिक्रिया दिखाते हैं, “मुझे मेरा अपना धर्म है,” तब आप क्या कर सकते हैं? बाइबल लेखक ने कहा: “धर्मी मन में सोचता है कि क्या उत्तर दूँ?” (नीति. १५:२८) क्या आप यह करते हैं? क्या आपने रीज़निंग पुस्तक के पृष्ठ १८-१९ में दी गयी जानकारी पर, इस सिद्धान्त को मन में रखते हुए, विचार किया है? आप उन प्रचारकों के साथ भी कार्य कर सकते हैं जो क्षेत्र सेवकाई में प्रभावकारी हैं ताकि आपकी प्रस्तावनाओं को और प्रभावकारी बनाने के लिए सीख सकते हैं।

५ कई क्षेत्रों में, जहाँ लोग इस आपत्ति का उपयोग करते हैं कि उनके पास उनका अपना धर्म है, आप यह लाभदायक पाएंगे कि उनकी टीका के लिए पहले से ही तैयार रहें और खुद उस विषय को पहले लाएं। उदाहरणार्थ, प्रारंभिक अभिवादन के बाद आप कह सकते हैं: “क्या आपको आपका अपना धर्म है? [उनका उत्तर सुनें।] मैंने सोचा कि आपको होगा क्योंकि इस क्षेत्र के अधिकांश लोगों के पास उनका अपना धर्म है। किन्तु, इस सुबह मेरी भेंट का कारण है . . . ” फिर उस विषय से आगे बढ़िए जिसकी चर्चा आप करना चाहते हैं।

६ अगर कई गृस्वामी कहते हैं कि, “मैं व्यस्त हूँ,” तब आप रीज़निंग पुस्तक के पृष्ठ १९-२० पर दिए गए विचारों में से एक या दो को चुन सकते हैं और उन्हें आपके क्षेत्र की आवश्‍यकताओं के अनुरूप बना सकते हैं। बहुधा सुनी जानेवाली आपत्तियों की प्रत्याशा में इन अभिव्यक्‍तियों में परिवर्त्तन लाए जा सकते हैं।

रीज़निंग पुस्तक की प्रस्तावनाओं का उपयोग करना

७ कई रीज़निंग पुस्तक के पृष्ठ ९-१५ में दी गयी प्रस्तावनाओं का उपयोग करने से अच्छी सफलता पाते हैं। आप देख सकते हैं कि ये उन विषयों पर विचार करते हैं जिन के बारे में लोग साधारणतः चिन्तित हैं, जैसे कि वर्त्तमान घटनाएं, निजी सुरक्षा, नौकरी, घर का प्रबन्ध, पारिवारिक जीवन, और भविष्य। किन्तु, ध्यान दें कि रीज़निंग पुस्तक में सुझाव दी गयी प्रस्तावनाओं की शब्द रचना उस गृहस्वामी को अपने शब्दों में व्यक्‍त करने के लिए आमन्त्रित करती है। यह उसे प्रस्तुत विषय के महत्त्व को जानने में और यह जानने में कि यह उस पर वैयक्‍तिक रूप से असर करता है सहायता देती है। इन प्रस्तावनाओं का प्रभावकारी उपयोग गृहस्वामी को कुछ अधिक सामान्य आपत्तियों का उपयोग ना करने में सहायता देती है।

८ उन प्रस्तावनाओं पर विशेष ध्यान दें जो आपके अनुसार आपके क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभावकारी होंगी। रीज़निंग पुस्तक की प्रस्तावनाओं का उपयोग करना सीखें। दूसरे प्रचारकों के अनुभव से लाभ उठाएं। आपके परिश्रमों पर आशिष के लिए यहोवा से प्रार्थना करें। अच्छे परिश्रम और यहोवा की आशिष के साथ, शायद ऐसा हो कि आपके क्षेत्र के अधिक लोग उद्धार के सुसमाचार की ओर अनुकूल प्रतिक्रिया दिखाएंगे।

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