दिलचस्पी बढ़ाने के वास्ते प्रस्तावनाएँ
प्रस्तावनाओं के अपने उपयोग में यीशु कौशलपूर्ण थे। चाहे एक बड़े समूह से या एक ही व्यक्ति से बोलते हुए, यीशु अपने श्रोतागण का ध्यान आकर्षित करते थे। ऐसा वे उन्हें वैयक्तिक रूप से शामिल करने के ज़रिये करते थे। वे अपने सुननेवालों को अपने विषय की क़ीमत दिखाते थे।—मत्ती ५:३-१२; यूहन्ना ४:७-३०.
२ पहले से तैयारी आवश्यक: हमारे संदेश में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए, हमें अपनी प्रस्तावनाओं में आवश्यक परिवर्तन लाने की ज़रूरत है। इस तरह ये प्रस्तावनाएँ उस व्यक्ति को शामिल कर सकेंगी, उसकी दिलचस्पी के विषयों से संबंधित होंगी, और यह दिखा सकेंगी कि राज्य का संदेश उसकी व्यक्तिगत रूप से मदद कर सकता है।
३ सेवकाई के लिए तैयारी करते समय, बिरादरी के लोगों की तात्कालिक चिन्ताओं पर पुनर्विचार करें। क्या हाल ही के किसी समाचार ने सबका ध्यान आकर्षित किया है? किसी युवक, बुज़ुर्ग व्यक्ति, पति-पत्नी, या माँ-बाप को क्या दिलचस्प लगेगा? हर दरवाज़े पर वही प्रस्तावना उपयोग करने के बजाय, बहुत से अलग-अलग प्रस्तावनाओं को तैयार करना और गृहस्थ की प्रतिक्रिया को देखकर उन्हें अनुकूल बनाने के लिए तैयार रहना सामान्यतः ज़्यादा प्रभावकारी है। कुछ प्रचारकों को रीज़निंग किताब से विभिन्न प्रस्तावनाओं को तैयार और इस्तेमाल करने की वजह से, जब भी उन्होंने घर-घर की सेवकाई में भाग लिया है, काफ़ी सफ़लता मिली है। (rs pp. 9-15) इस प्रकार उनकी प्रस्तावना ताज़ा और दिलचस्प रहती है।
४ सितम्बर महीने के दौरान, आप शायद एक ऐसे प्रस्तुतीकरण को उपयोग करना चाहेंगे:
▪“नमस्ते। हम अपने पड़ोसियों से बात कर रहे हैं कि वे एक ऐसे मनुष्य में कौनसे गुण देखना चाहते हैं जो दूसरों पर शासन करता है। क्या मैं आप से पूछ सकता हूँ कि आप किन एक या दो गुणों को सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण समझते हैं? [जवाब के लिए समय दें। मुद्दों को स्वीकार करें। अगर जवाब उचित है तो सहमति दिखाइए।] क्या आप जानते हैं कि बाइबल एक ऐसे व्यक्ति की योग्यताओं का वर्णन करती है जिसे मनुष्यजाति का शासक होने के लिए स्वीकृति दी गयी है? यह यहाँ यशायाह ९:६, ७ में दिया गया है। [पढ़ें.] आप क्या सोचते हैं ऐसे शासक के अधीन जीना कैसा होगा?” प्रतिक्रिया के लिए समय दें और फिर, भजन १४६:३, ४ और यीशु के शासन की गारंटी की गयी कोटि के बारे में रीज़निंग किताब के पृष्ठ १५३-४ पर दिए गए विषय की ओर गृहस्थ का ध्यान आकर्षित करें। विचार-विमर्श को और आगे बढ़ाने के लिए सर्वदा जीवित रहना किताब के पृष्ठ ११२ और ११३ को इस्तेमाल किया जा सकता है। इस के बाद आप प्रकाशन को पेश कर सकते हैं।
५ अगर आप ऐसे व्यक्तियों से बोल रहे हैं जिन के लिए अपना परिवार अहमियत रखता है, तो सर्वदा जीवित रहना किताब पेश करते समय निम्नलिखित प्रस्तुतीकरण शायद अच्छा परिणाम ला सकता है।
अभिवादन के बाद, शायद आप कहेंगे:
▪“क्या आप ने ग़ौर किया है कि रोज़मर्रा दबाव और समस्याएँ आज परिवार के लिए एक असली चुनौती पेश करती है? [जवाब के लिए समय दें.] परिवार सही परामर्श के लिए कहाँ जा सकता है इस के बारे में आपका क्या ख़याल है? [जवाब के लिए समय दें.] इस विषय से संबंधित बाइबल को क्या कहना है इस पर हम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ग़ौर करें कि पहले मानवी जोड़े को विवाह के आरंभक ने क्या कहा।” उत्पत्ति १:२८ पढ़ें और फिर सर्वदा जीवित रहना किताब का पृष्ठ २३८ खोलकर अध्याय २९ से चुने हुए मुद्दों को इस्तेमाल करके अपने विचार-विमर्श को जारी रखें।
६ दिलचस्पी आकर्षित करने और बातचीतों में श्रोताओं को सम्मिलित करने के यीशु के तरीक़ों का अनुकरण करने से, हम सच्चे दिलवालों को आध्यात्मिक बातों की क़ीमत दिखाते हैं।