रुकावट के बिना हमारी सेवकाई को बढ़ाए रखना
१ जैसे हम अन्त के समय की ओर गहरी रीति से जा रहे हैं, इस संसार का दृश्य तेज़ी से बदलता जा रहा है। (१ कुरि. ७:३१) बाइबल की भविष्यवाणी की पूर्ति के अनुरुप,विश्व को हिलानेवाली घटनाएं घटित हो रही है। जैसे हम हमारे चारों ओर की दुनिया में और इस ईश्वरशासित संस्था में होनेवाली बातों पर ध्यान देते हैं, हम इस बात की कदर कर सकते हैं कि राज्य के “सुसमाचार” का प्रचार करना कितना महत्त्वपूर्ण है।—मरकुस १३:१०.
२ यीशु मसीह ने, जो हमारा अगुआ और आदर्श है, शिष्य बनाने का आदेश दिया था। ऐसा करने से उसने हमें उस कार्य की सफलता का इस प्रतिज्ञा के द्वारा आश्वासन दिया, “मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं।” (मत्ती २८: १९, २०) यीशु के शिष्यों ने उसके शब्दों को गम्भीरतापूर्वक लिया और दृढ़ उत्पीड़न के बावजूद वे “इस बात का सुसमाचार सुनाने से, कि यीशु ही मसीह है न रुके।” (प्रेरित. ५:४२) हमारे लिए उन्होंने क्या ही एक अच्छा उदाहरण स्थापित किया!
३ जैसे हम १९९० इयरबुक पढ़ते हैं, हम यह देखते हैं कि यहोवा ने हमारी सेवकाई पर, नए शिष्यों में वृद्धि लाने के द्वारा आशीष दिया है। कुछ देशों में रिपोर्ट की गयी वृद्धि सचमुच शानदार हैं। कुल विश्वव्यापी वृद्धि तो उस संख्या से कहीं अधिक बढ़ चुकी है जो हममें से किसी ने भी केवल कुछ वर्ष पहले कल्पना भी किए होंगे। (यशा. ६०:२२) लेकिन हमारे स्थानीय क्षेत्र के बारे में क्या? और हमारी वैयक्तिक सेवकाई के बारे में क्या? क्या हम सेवकाई में हमारे भाग पर और साथ ही सभी जगहों के हमारे साथियों की सामूहिक सेवकाई पर आनन्द कर रहे हैं? क्या हम सेवकाई में हमारा वैयक्तिक परिश्रम को बिना रुकावट के जारी रखते हैं?
हमारा व्यक्तिगत हिस्सा
४ प्रत्यक्ष रूप से, सभी क्षेत्र समान रूप से उत्पादनकारी नहीं है। (मत्ती १३:२३ से तुलना करें।) यह भी सच है कि कुछ क्षेत्र, जैसे आयरलैण्ड और क्यूबेक, उत्साही सेवकों की ओर से, केवल कई वर्षों के कठिन परिश्रम के बाद ही उत्पादनकारी बन गए हैं। कुछ इलाकों में बहुत विरोधी हैं, और अन्य कुछों में लोग साधारणतः राज्य संदेश की ओर निरुत्साही और अप्रतिक्रियाशील हैं। और भी कुछ जगहों में क्षेत्र में इतने सारे कार्यकर्ताएं हैं कि पूर्ण करने के लिए बहुत कम क्षेत्र रहता है। लेकिन इसके बावजूद कि हमें किस प्रकार के क्षेत्र में कार्य करना है, हमारा उत्साह कभी कम नहीं होना है। प्रेरित पतरस ने लिखा, “हम भले काम करने में हियाव न छोड़ें, क्योंकि यदि हम ढ़ीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे।” (गल. ६:९) उनके चेतावनी के ये शब्द सभी मसीहियों पर लागू होते हैं। हम यह कैसे कर सकेंगे? हमारी सेवकाई में बिना रुकावट के आगे बढ़ने के लिए कौनसी बात हमारी सहायता करेगा?
५ हम सक्रिय रह सकते हैं और हमारी सेवकाई को सफल बना सकते हैं अगर हम यहोवा में अपना भरोसा रखेंगे और हमें बनाए रखने के लिए उसकी शक्ति पर निर्भर रहेंगे। हमेशा याद रखिए कि क्षेत्र को उत्पादनकारी बनानेवाला तो यहोवा है। (१ कुरि. ३:६) मदद के लिए हमारी प्रार्थनाओं के उत्तर में यहोवा ने सलाह, व्यावहारिक आदेश, और बाइबल साहित्यों के एक प्रचुर भण्डार प्रदान किया है, जो हमारे निजी उपयोग और उसे जानने में दूसरों की सहायता करने के लिए है। क्या हम इन प्रबन्धों का पूरा लाभ उठा रहे हैं?
एक सही मनोवृत्ति बनाए रखो
६ अगर हमारे पास एक नकारात्मक मनोवृत्ति है तो यह, एक उत्पादनकारी सेवकाई के मार्ग में एक गम्भीर बाधा बन सकता है। अगर हम ने हमारे क्षेत्र के लोगों के बारे में, उनके पहले की अप्रतिक्रियाशीलता के आधार पर, एक प्रतिकूल राय बना चुके हैं तो यह मनोवृत्ति हमारे स्वर में, मुख-मुद्रा में, और क्षेत्र सेवकाई के लिए हमारी ओर से उद्यमी तैयारी की कमी में दिखाई देगी। हमने प्रचार करने और सिखाने के आदेश को पाया है और हमें यह नहीं बताया गया कि यह कार्य समाप्त हुआ है। दैवी निर्देशन की ओर आज्ञाकारी और उसके अधीन रहने की हमारी इच्छा हमें हमारी सेवकाई को बिना रुकावट के जारी रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
७ अन्त आने से पहले दुष्टों के लिए चेतावनी और शिष्यों को इकट्ठा करने के सम्बन्ध में यहोवा का उद्देश्य पूर्ण होगा। हम सेवकाई के आनन्द में अभी भाग ले सकते हैं और अगर हम बिना रुकावट, हमारी सेवकाई में आगे बढ़ने के द्वारा हमारा विश्वास और प्रेम प्रकट करेंगे, तो हम परमेश्वर के लोगों के बीच अनन्त आशिषों को पाने की प्रत्याशा रख सकते हैं।