विवेकी बनो—सीखी हुई बातों का विनियोग करो
१ एक आनन्दमय, शांतिपूर्ण जीवन बिताना, अधिकांश मनुष्यों का लक्ष्य है। हज़ारों लेख और पुस्तकें एक सफल विवाह, बच्चों के पालन-पोषण, आर्थिक रूप से सफल बनने, अच्छा स्वास्थ्य पाने और बनाए रखने, और कई अन्य विषय, जो लोगों को खुशी पाने में मदद देने से सम्बन्धित है, सलाह देती हैं। यद्यपि, सांसारिक प्रकाशनों में कुछ व्यावहारिक बुद्धि पायी गयी है, संसार के अधिकतम लोग खुश और शांतिपूर्ण नहीं है। ऐसा क्यों है?
२ इसका उत्तर बाइबल के नीतिवचन १:७ में पाया गया है, जहाँ कहा है: “यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है; बुद्धि और शिक्षा को मूढ़ ही लोग तुच्छ जानते हैं।” एक व्यक्ति शांति और आनन्द की अपेक्षा नहीं कर सकता अगर वह वास्तविक ज्ञान और विवेक का स्त्रोत, यहोवा परमेश्वर, को मान और आदर नहीं देता है।
३ यह संसार आध्यात्मिक रूप से कंगाल है—मरा हुआ है। व्यंग्यात्मक रूप से, मामलों की यह दुःखद अवस्था स्वगृहोत्त है, क्योंकि सारी पृथ्वी में आध्यात्मिक भोजन उपलब्ध है, और यह मुफ्त में पाया जा सकता है। (नीति. १:२०, २१; प्रका. २२:१७) इसलिए कि दुनिया के लोग यहोवा की ओर की बुद्धि को अस्वीकार करते हैं, वे आध्यात्मिक अँधेरे में लड़खड़ाते रहते हैं। (नीति. १:२२-३२) दूसरी ओर, यहोवा के लोग होने के नाते, जो उसके नियमों का आदर करते हैं और उसके आज्ञाओं का पालन करते हैं, हम आध्यात्मिक रीति से सुपोषित और खुश हैं। (यश. ६५:१३, १४) साथ ही, वह प्रेम जो यहोवा की संस्था में भरपूर है, हमें मसीह के सच्चे शिष्यों के रूप में पहचान देता है। (योहान १३:३५) जी हाँ, यहोवा के गवाहों का विश्वव्यापी भ्रातृत्व यह सजीव प्रमाण देता है कि बाइबल शिक्षाओं का पालन करना ही सचमुच विवेकी मार्ग है।
४ फिर भी, कुछ जो यहोवा की संस्था के साथ सम्बन्ध रखते हैं, इस खुशी का अनुभव नहीं करते होंगे, जो उनकी हो सकती है। वे शायद उनकी बातों और उनके कार्यों के द्वारा, उनकी खुशी पर भी बुरा प्रभाव डाल सकते हैं, जो उनके चारों ओर हैं। यह कैसे हो सकता है? केवल इसलिए कि वे परमेश्वर के विवेक को अपनी ज़िन्दगियों में लागू नहीं करते। वे मण्डली की सभाओं में, सर्किट सम्मेलनों, और ज़िला अधिवेशनों में उपस्थित हो सकते हैं। वे संस्था के प्रकाशनों की अद्यतन जानकारी से परिचित होंगे, लेकिन उनकी जीवन-चर्य्या और दूसरों के साथ, जिन में साथी मसीही भी हैं, उनके व्यवहार की रीति, उन्होंने जो सच्चाई सीखी थी उसके विनियोग का संकेत नहीं करती। क्या करने की ज़रूरत है? ऐसे व्यक्तियों को ‘आत्मा के लिए बोने’ पर ध्यान केंद्रित करना है ताकि वे उनकी अपनी ज़िन्दगियो में सच्ची खुशी ला सकेंगे और उनके चारों ओर के लोगों को भी खुशी दे सकेंगे।—गल. ६:७, ८.
क्या विनियोग करना है
५ अगर हम वैयक्तिक रूप से लापरवाह बन जाएंगे, असर्तक बनते हुए और शैतान, यह संसार, या हमारे असंपूर्ण शरीर के अधीन हो जाएंगे, तो हम यहोवा के साथ एक निकट संबन्ध रखने के आनन्द को खो देंगे। किसी और समय से अधिक, अब यह आवश्यक है कि हम उन बातों का विनियोग करने में सतर्क रहें जो हम हमारी मण्डली की सभाओं और सम्मेलनों में सीखते हैं और साथ ही संस्था के अन्य प्रबन्धों के द्वारा सीखते हैं। यह संसार जिस में हम जी रहे हैं, एक खतरनाक जगह है जो लगातार बदलते रहता है। हमें उस सलाह की ओर, उसे सही समय पर दिए गए भोजन के रूप में पहचानते हुए, चौकस रहने की आवश्यकता है, जो यहोवा प्रेममय रीति से उसके “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” के द्वारा प्रदान कर रहा है।—मत्ती. २४:४५-४७.
६ हमारे विशेष सम्मेलन दिन के अगले कार्यक्रम में, एक झुण्ड के रूप में कैसे दृढ़ रहना है, इस विषय में बहुत अच्छी जानकारी दी गयी है। कैसे निर्बल करनेवाले प्रभावों का सामना करना है, जैसे कि, निराशाजनक परिस्थितियाँ, स्वतंत्रता की सांसारिक आत्मा, और समय का अपव्यय करनेवाले विकर्षण, ऐसे विषयों पर व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं। क्या हम यहोवा में और उसके मार्गों में पूरी तरह भरोसा रखने, ईश्वरशासित अधिकार को पहचानने और उसके अधीन होने, नम्र और विनयशील रहने, और ईश्वरशासित लक्ष्यों के लिए उपयुक्त समय खरीदने के उन अच्छी सलाहों को कार्यान्वित करते हैं? (मीका ६:८; इफि. ५:१५, १६; इब्रा. ६:१०; १३:१७) क्या परिवार के सदस्य एक दूसरे को एक मसीही जीवन चर्य्या अपनाने में मदद दे रहे हैं? मनोरंजन का हमारा चयन, हमारी आदतें, और हमारे दैनिक नित्यक्रम पर उन सलाहों का प्रभाव होना चाहिए जो हम शास्त्रों से पाते हैं। जब तक सीखी हुई बातों का विनियोग करने के लिए परिश्रमपूर्ण कोशिश नहीं होगी, तब तक बिल्कुल नहीं या बहुत कम आध्यात्मिक प्रगति होगी, और हमारे मन की शांति और खुशी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।—फिलि. ४:७-९; याकूब १:२२-२५.
७ वैयक्तिक और पारिवारिक अध्ययन के लिए एक संगठित मेहनत की ज़रूरत है। बाइबल सिद्धान्तों के विनियोग के बारे में विस्तृत जानकारी की ओर हमें वॉच टावर पब्लिकेशन्स इन्डेक्स निर्देशित कर सकती है। यंग पीपल आस्क पुस्तक माता-पिताओं के लिए अपने बच्चों को इस जटिल शैतानी दुनिया का सामना करने के लिए, एक उत्कृष्ट सहायता है। ऐसी जानकारी की मदद लेने से हम मामलों पर यहोवा का दृष्टिकोण पाएंगे और धार्मिक सिद्धान्तों के द्वारा मार्गदर्शित होंगे। ऐसा नहीं करना इसके समान होगा, मानो एक बीमारी के लिए दवाई जानने के बावजूद न लेना यह जानते हए भी कि वह उस रोग को कम कर देगा जो हमें पीड़ित कर रहा है। नियमित वैयक्तिक और पारिवारिक अध्ययन हमारे विश्वास को बढ़ाएगा और सहन करने की शक्ति प्रदान करेगा। परीक्षा के समय, गिर जाने का कारण न बनते हुए, हमारा विश्वास मुरझा नहीं जाएगा।—मत्ती. १३:६; लूका ८:१३; इब्रा. २:१.
८ प्राचीनों और सहायक सेवकों को अपने अपने परिवारों को चलाने में एक उदाहरण प्रस्तुत करना है। इस में उनकी पत्नियों और बच्चों को उन बातों का विनियोग करने में मदद देना शामिल है, जो वे परमेश्वर के वचन से और संस्था से सीख रहे हैं ताकि वे आध्यात्मिक रूप से दृढ़ रहे। इस तरह, वह परिवार पूर्ण रूप से मसीही जीविका में उदाहरणीय बन सकते हैं, और दूसरों को जो मण्डली के बाहर और अन्दर हैं प्रोत्साहन प्रदान कर सकते है।—इफि. ६:४; १ तीमु. ३:४, १२, १३.
किन्हे मदद करना है
९ उन में से जो हर वर्ष स्मारक दिन में उपस्थित होते हैं, वे हैं जिन्हें सीखी हुई बातों का विनियोग करने और मण्डली के साथ सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए अधिक प्रोत्साहन की आवश्यकता है। हमारे बाइबल विद्यार्थियों को उनके अपने जीवन में कैसे बाइबल सिद्धान्तों को प्रयोग में लाना है और कैसे परमेश्वर के धार्मिक आदेशों का पालन करना है, इसके बारे में सिखाने के द्वारा प्रेममय लिहाज़ दिखाया जा सकता है। हमें उनकी ओर चिन्ता प्रदर्शित करना है जो विश्वास में हमारे भाई और बहन बनने की ओर प्रगति पा रहे हैं।
१० अनियमित या निष्क्रिय बननेवाले को, संस्था के साथ नियमित कार्य में भाग लेने की आवश्यकता जानने में सहायता दी जानी चाहिए। उन्हें उस शांति और खुशी को पुनःप्राप्त करने की आवश्यकता है, जिसे वे पहले अधिक पूर्णता से यहोवा की सेवा करते समय प्राप्त करते थे। (यूहन्ना १३:१७) सच्चाई के लिए उनकी क़दर को पुनरुत्तेजित करने और परमेश्वर को “स्तुतीरूपी बलिदान” चढ़ाने में उनकी मदद करने के द्वारा वे उन बातों का, जो वे सीखते हैं, विनियोग करने में और जीवन के मार्ग में बने रहने के योग्य बनेंगे।—इब्रा. ३:१५; हमारी राज्य सेवा, अगस्त १९७९, पृष्ठ ३, और अप्रैल १९७७, पृष्ठ ३ देखें।
११ सभी परमेश्वर के लोगों को यहोवा के शीघ्र-बढ़नेवाली संस्था के साथ बढ़ना है। हमें अपने आप को आत्मसंतोष की ओर प्रलोभित करने नहीं देना है। हमें हमेशा हमारी आध्यात्मिकता को बनाए रखना है, परमेश्वर की संस्था के द्वारा प्रदान की गयी अद्यतन जानकारी से परिचित रहना है, और उसका तत्पर विनियोग करना है। यह परिश्रमपूर्ण मेहनत की, और कभी-कभी, वैयक्तिक बलिदान की भी माँग करती है। लेकिन यहोवा हम से वह नहीं पूछता जिसे करने के लिए हममें योग्यता नहीं हैं। वह हमारा सृष्टिकरता है, और वह जानता है कि हमारे लिए सबसे उत्तम क्या है। इसलिए चलो हम यहोवा के द्वारा सिखलाए जाने और उन बातों का विनियोग करने के द्वारा, जो हम सीखते हैं, अपने आप को विवेकी सिद्ध करें। यह उसके लिए स्तुति लाएगी और हमारे लिए अनन्त आशिषों में परिणत होगा।—यश. ४८:१७; ५४:१३.