गृहस्थों का ध्यान आकर्षित करने की प्रस्तावनाएँ
आपके घर-घर के प्रस्तुतीकरण का सबसे अहम हिस्सा क्या है? हम में से अधिकांश लोग सहमत होंगे कि यह प्रस्तावना है। अगर आप पहले के तक़रीबन ३० सेकंदों में गृहस्थ की दिलचस्पी जगाने में असफ़ल हैं, तो संभव है कि वह बातचीत को ख़त्म कर डालेगा।
२ एक प्रभावकारी प्रस्तावना को तैयार करने में आपको कौनसे तत्त्वों पर ग़ौर करना चाहिए? उन लोगों के रिवाजों और ज़रूरतों का विश्लेषण करें जिनसे आपकी मुलाक़ात संभवतः होगी। क्या पहले अभिवादन-विनिमय करने की प्रथा है, या क्या आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप जल्द से जल्द मुद्दे पर पहुँचे? क्या आपके इलाके में कई जवान दम्पति रहते हैं? उनकी चिन्ताएँ क्या हैं? क्या आपके पड़ोस में लोग आम मनुष्यजाति के सम्मुख समस्याओं के बारे में सचेत हैं?
ऐसा कुछ कहने से शायद आप उनका ध्यान आकर्षित कर सकते हैं:
▪ “नमस्ते। मेरा नाम ․․․ है। मुझे परेशानी होती है जब मैं लोगों को भूखा मरते और युद्धों में उनकी हत्या होते पढ़ता हूँ। क्या आप भी इसी तरह महसूस करते हैं?” बातचीत को शुरू करने के लिए अन्य सवाल इस प्रकार हैं: “इस दुनिया की समस्याओं का हल क्या है?” “क्या आपको लगता है कि कोई भी इस पृथ्वी से आज की समस्याओं को हटा सकता है?” “मान लो कि एक शासक में वैसी योग्यताएँ थीं, जिनका उल्लेख यशायाह ९:६, ७ में किया गया है? [शास्त्रपद को पढ़कर उस पर व्याख्या करें।]”
३ कुछेक क्षेत्रों में, लोग शायद विश्व शान्ति जैसे विश्व-मामलों से ज़्यादा, अपने घर और परिवार के बारे में ज़्यादा चिन्ता व्यक्त करते हैं।
आप शायद यह पूछकर दिलचस्पी जगा सकते हैं:
▪ “दस सालों में आप अपने लिए और अपने परिवार के लिए किस तरह की ज़िन्दगी देख सकते हैं? भविष्य के सम्बन्ध में बाइबल का दृष्टिकोण बहुत ही प्रोत्साहक है इसलिए कि यह एक ऐसे शासक के बारे में पूर्वबतलाता है जो परिपूर्ण मानदण्डों के आधार पर राज्य करेगा। ग़ौर कीजिए कि यशायाह ९:६, ७ उसके बारे में क्या कहता है।”
४ क्या आप एक ऐसे इलाके में रहते हैं जहाँ अपराध और सुरक्षा चर्चा का वर्तमान विषय है? शायद कुछ लोग ध्यान से सुनेंगे अगर आप रीज़निंग किताब के पृष्ठ १० पर “अपराध/सुरक्षा” शीर्षक के नीचे पहली प्रस्तावना का उपयोग करेंगे।
आप शायद कह सकते हैं:
▪ “हैलो। हम निजी सुरक्षा के मामले के बारे में लोगों से बातचीत कर रहे हैं। हमारे इर्द-गिर्द बहुत अपराध है, और इसका असर हमारी ज़िन्दगी पर भी होता है।” फिर इस तरह का सवाल कि “हल क्या है?” या “क्या आपको लगता है कि कोई भी इस पृथ्वी पर से ऐसी समस्याएँ हटा सकता है?” या “क्या होता अगर किसी शासक में ऐसी योग्यताएँ होतीं?” बातचीत को शुरू करने में मददगार साबित होगा। फिर आप यशायाह ९:६, ७ पढ़ सकते हैं।
५ हम सब, पाठशाला जानेवाले उम्र के युवजन भी, इन सरल एक-शास्त्रपद वाले प्रस्तुतीकरण इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, आप पत्रिकाएँ पेश करते समय इन में से किसी एक को प्रयोग में लाना चाहेंगे। याद रखें, हमारा लक्ष्य साहित्य पेश करने से पहले गृहस्थ की दिलचस्पी जगाना है। क्या आपको भी नहीं लगता कि ऐसे धर्मशास्त्रीय प्रस्तुतीकरण का प्रयोग हमारे सुननेवाले में असली दिलचस्पी प्रोत्साहित करने का एक उत्तम तरीक़ा है? हमें यक़ीन है कि फरवरी और मार्च के दौरान, दोनों, पत्रिकाओं को पेश करते वक़्त और महीने की नियत भेंट को पेश करते वक़्त, इन प्रस्तुतीकरणों का प्रयोग करने में अनेक लोगों को मज़ा आएगा।
६ अगर आप अपनी मुलाक़ात के पहले ३०-सेकंदों का प्रभावकारी उपयोग करेंगे, तो संभव है कि दोनों, आपके बरताव से और आपकी प्रस्तावना से, आप गृहस्थ का ध्यान आकर्षित करने के अहम लक्ष्य को पूरा करेंगे।