अपने भाइयों को अच्छी तरह जानिए
संगी उपासकों के साथ हमारे संबंधों में मात्र राज्यगृह में उनके साथ सभाओं के लिए उपस्थित होने से अधिक सम्मिलित है। हम परमेश्वर की इच्छा के करनेवाले हैं, और वह हमें यीशु के साथ एक आध्यात्मिक संबंध में लाता है। (मरकुस ३:३४, ३५) वह क्रमशः, हमें मसीही कलीसिया के अन्य लोगों के साथ एक आध्यात्मिक पारिवारिक संबंध में लाता है। ये लोग हमारे आध्यात्मिक भाई और बहन हैं जिन्हें प्रेम करने के लिए हमें आज्ञा दी गई है। (यूहन्ना १३:३५) अतः, ‘परमेश्वर के घराने के सदस्यों’ से संगति रखनेवालों को एक दूसरे को अच्छी तरह जानने के लिए प्रयत्न करना चाहिए।—इफि. २:१९, NW.
२ अपने भाइयों को नाम से जानिए: क्या आप अपनी कलीसिया पुस्तक अध्ययन के सभी भाइयों और बहनों के नाम जानते हैं? सामान्यतः समूह छोटा होता है जिससे उपस्थित होनेवाले यदि सब लोगों के नहीं तो अधिकतर लोगों के नाम जानना सरल हो जाता है। यदि आप उनके नाम भी नहीं जानते हैं, तो क्या आप कह सकते हैं कि आप उन्हें अच्छी तरह जानते हैं?
३ राज्यगृह की सभाओं में उपस्थित होनेवाले अन्य लोग और बच्चों को जानने के बारे में क्या? हम शायद दोस्तों के सिर्फ़ एक छोटे समूह के साथ ही संगति करने के लिए प्रवृत्त हो सकते हैं। जबकि कुछ निश्चित जनों के साथ नियमित साहचर्य का आनन्द लेना ग़लत नहीं है, हम स्नेही अभिवादन और प्रोत्साहक वार्तालाप को मात्र थोड़े लोगों तक ही सीमित रखना नहीं चाहेंगे। हमें ‘हृदय खोलना’ चाहिए, हमारे सभी भाइयों और बहनों को अच्छी तरह जानने की चेष्टा करनी चाहिए। (२ कुरि. ६:११-१३) यह स्पष्टतः उन्हें नाम से जानना शामिल करता है।
४ जो भाई कलीसिया सभाओं को संचालित करते हैं उन्हें उन सभों के नाम जानने का प्रयत्न करना चाहिए जो उपस्थित होते हैं। मंच से प्रत्येक को उनके नाम से बुलाना उन्हें महसूस करवाता है कि उनकी टिप्पणियों का मूल्यांकन किया जाता है, और साथ ही साथ, यह दूसरों को उनके नाम जानने में सहायता करता है। यह सच है, कि श्रोतागण में हमेशा कुछ नए जन या आगंतुक होंगे, जिसके कारण किसी के लिए भी हरेक के नाम जानना कठिन हो जाता है। फिर भी, निरंतर किया गया निष्कपट प्रयत्न दूसरों के लिए प्रोत्साहक है और एक असली व्यक्तिगत दिलचस्पी को प्रतिबिंबित करता है।—रोमि. १:११, १२.
५ अच्छी तरह परिचित होने के लिए पहल कीजिए: सफ़री ओवरसियर सामान्यतः ज़्यादा संख्या में भाइयों और बहनों से अच्छी तरह परिचित होने में समर्थ होते हैं। वे ऐसा कैसे करते हैं? तीन प्रमुख तरीक़ों से: (१) वे उनके साथ क्षेत्र सेवा में नियमित रूप से काम करते हैं; (२) जब उनकी परिस्थितियाँ अनुमति देती हैं तब वे उनके घरों में उनसे भेंट करने के निमंत्रण स्वीकार करते हैं; (३) सभाओं में वे बड़ों और बच्चों दोनों को अभिवादन करने में पहल करते हैं।
६ क्या आप अपनी संगति को विस्तृत करने और अपने भाइयों को बेहतर जानने के तरीक़े देख सकते हैं? हम निश्चय ही दूसरों को अपने साथ क्षेत्र सेवा में आने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। घर-घर जाना, पुनःभेंट करना, बाइबल अध्ययनों पर जाना, या पत्रिकाओं के साथ सड़क गवाही करना ये सभी अच्छी तरह परिचित होने के अत्युत्तम तरीक़े हैं। कभी-कभार शायद एक साथ भोजन या हल्का जलपान करने के लिए दूसरों को अपने घर में आमंत्रित करना भी अच्छा है। नए जनों या जो शर्मीले होने की प्रवृत्ति दिखाते हैं उनके पास जाने की पहल करना न सिर्फ़ उन्हें आध्यात्मिक रूप से प्रोत्साहित करने में काफ़ी सहायता करता है बल्कि भरपूर प्रतिफल भी लाता है।—प्रेरितों २०:३५; १ थिस्स. ५:११.
७ पौलुस अपने भाइयों को अच्छी तरह जानता था। अपनी पत्रियों में उनमें से कइयों का नाम लेकर व्यक्तिगत ज़िक्र करना उनके लिए उसकी निःस्वार्थ दिलचस्पी और सच्चे प्रेम का सबूत था। (१ थिस्स. २:१७; २ तीमु. ४:१९, २०) हमारे भाइयों को अच्छी तरह जानने के हमारे प्रयत्न करने का अर्थ होगा हम सभी के लिए आशीषें।