स्वयं अपनी पत्रिका प्रस्तुति तैयार कीजिए
हम प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाओं की उनके समयोचित और शिक्षाप्रद लेखों के लिए क़दर करते हैं, जो सांसारिक विषयों से लेकर ‘परमेश्वर की गूढ़ बातों’ तक सभी पर चर्चा करते हैं। (१ कुरि. २:१०) हम सभी को वे अनेक नयी और प्रोत्साहक बातें याद हैं जिन्हें हमने इन पत्रिकाओं में पढ़ा है, जिसे यहोवा सच्चाई को क्रमिक रूप से प्रकट करने में इस्तेमाल कर रहा है। (नीति. ४:१८) हम उन्हें हर अवसर पर एकल प्रतियाँ और अभिदान पेश करने के द्वारा जितना हो सके उतने व्यापक रूप से वितरित करने के लिए उत्सुक होना चाहते हैं।
२ अपने क्षेत्र का विश्लेषण कीजिए: आपके क्षेत्र में किस प्रकार के लोग रहते हैं? यदि वे हमेशा हड़बड़ी में रहते हैं, तो शायद आपको एक ऐसी प्रस्तुति तैयार करने की ज़रूरत हो जो संक्षिप्त है और सारिक है। यदि आपका ऐसा क्षेत्र है जहाँ पर लोग ज़्यादा हड़बड़ी में नहीं होते, तो आप शायद ज़्यादा बोलने में समर्थ हों। यदि अधिकांश गृहस्वामी दिन में काम करते हैं, तो शायद उनके घर पर देर-दोपहरी में अथवा शाम को जल्दी जाने में ज़्यादा सफलता मिले। आप शायद दिन के समय कुछ लोगों से सड़क गवाही अथवा दुकान-दुकान काम करने के द्वारा सम्पर्क करें। बस अड्डे अथवा रेल स्थानकों और उद्यानों में लोगों के पास अनौपचारिक रूप से जाने के द्वारा कुछ प्रकाशक अच्छे परिणाम प्राप्त करते हैं।
३ पत्रिकाओं से स्वयं परिचित होइए: जैसे ही आप इसे प्राप्त करते हैं इसके हर अंक को पढ़िए। ऐसे लेखों को चुनिए जो आपको लगता है कि आपके क्षेत्र में लोगों को शायद आकर्षित करेंगे। कौन-से विषय उन्हें चिन्तित करते हैं? जिस लेख को आप दिखाने की योजना बनाते हैं उसमें से एक विशिष्ट मुद्दे को तलाशिए जिसे आप उद्धृत कर सकते हैं। उस सवाल के बारे में सोचिए जिसे आप दिलचस्पी जगाने के लिए उठा सकते हैं। यदि आपको ऐसा करने का अवसर मिले तो गृहस्वामी को पढ़कर सुनाने के लिए एक समयोचित शास्त्रवचन चुनिए। उसके बारे में सोचिए कि आप गृहस्वामी को एक अभिदान स्वीकार करने के लिए प्रेरित करने के लिए क्या कह सकते हैं, और कैसे आप एक पुनःभेंट के लिए नींव डाल सकते हैं।
४ अपने आरम्भिक शब्दों को तैयार कीजिए: सावधानीपूर्वक उन शब्दों को चुनिए जिन्हें आप अपना परिचय देने और एक वार्तालाप शुरू करने के लिए इस्तेमाल करने की योजना बनाते हैं। कुछ लोगों ने इस आरम्भिक टिप्पणी से सफलता पायी है: “मैंने इस पत्रिका में एक बढ़िया लेख पढ़ा है, और मैं इसे दूसरों के साथ बाँटना चाहता हूँ।” अनेक लोग एक ऐसे सवाल से आरम्भ करते हैं जो बातचीत के उस मुद्दे पर केंद्रित होता है जिसे इस्तेमाल करने की वे योजना बनाते हैं। उदाहरणार्थ:
५ यदि अपराध की व्यापकता पर एक लेख को दिखा रहे हैं, तो आप पूछ सकते हैं:
◼“हमारे लिए चोरी या नुक़सान के किसी डर के बग़ैर रात को सोने में समर्थ होने के लिए किस बात की ज़रूरत है?” समझाइए कि इस समस्या के समाधान के बारे में आपके पास कुछ जानकारी है। वह समाधान जल्द ही हर अन्य प्रकार की सामाजिक अव्यवस्था को भी निकाल देगा। पत्रिका से कुछ ऐसी बात दिखाइए जो एक ऐसी आशा प्रदान करती है। जब आप पुनःभेंट करते हैं, आप गृहस्वामी का ध्यान ज्ञान पुस्तक के अध्याय १ की ओर आकर्षित कर सकते हैं।
६ पारिवारिक जीवन पर एक लेख प्रस्तुत करते वक़्त, आप शायद यह कहें:
◼“अधिकांश माता-पिता इन दिनों एक परिवार का पालन-पोषण करना एक वास्तविक चुनौती पाते हैं। इस विषय पर अनेक पुस्तकें लिखी गयी हैं, परन्तु विशेषज्ञों में भी सहमति नहीं है। क्या ऐसा कोई है जो विश्वसनीय मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है?” पत्रिका में से एक ऐसी सुनिश्चित टिप्पणी बताइए जो बाइबल में पायी जानेवाली बुद्धिमत्तापूर्ण सलाह को प्रदर्शित करती है। जब आप पुनःभेंट करें, तब ज्ञान पुस्तक, पृष्ठ १४५-८ में बच्चों का पालन-पोषण करने पर बताए गए शास्त्रीय विचारों की चर्चा कीजिए।
७ एक सामाजिक समस्या पर लेख दिखाते समय, आप शायद कहें:
◼“जिस तनावपूर्ण समय में हम जीते हैं उसके कारण अनेक लोग दबावाधीन महसूस करते हैं। क्या आपको लगता है कि यह परमेश्वर की इच्छा थी कि हम इस प्रकार जीएँ?” एक लेख दिखाइए जो बताता है कि आज की समस्याओं का कैसे सामना करें अथवा एक ऐसे भविष्य की आस लगाने के कारण देता है जो चिन्ता से मुक्त होगा। अपनी अगली भेंट में, ज्ञान पुस्तक के पृष्ठ ४-५ के चित्र और चित्र-शीर्षक की चर्चा कीजिए और फिर सीधे एक गृह बाइबल अध्ययन की ओर ले जाइए।
८ गृहस्वामी के अनुकूल बनिए: आप ऐसे लोगों से मिलेंगे जिनकी दिलचस्पी और पृष्ठभूमि अगल-अलग होती हैं। एक आधारभूत प्रस्तुति बनाइए जिसे आप प्रत्येक गृहस्वामी के लिए समायोजित कर सकते हैं। इस बात के लिए तैयार रहिए कि आप अपनी बातचीत को एक पुरुष, स्त्री, वृद्ध व्यक्ति अथवा युवा के अनुकूल कैसे कर सकते हैं। आपको क्या कहना चाहिए इसके बारे में कोई सख़्त नियम नहीं हैं। ऐसा कुछ भी कहिए जो आपके लिए सहज है और जिससे परिणाम मिलते हैं। बहरहाल, उत्साहपूर्ण रहिए, हृदय से बोलिए, और एक अच्छे श्रोता बनिए। जो “सही रीति से प्रवृत्त” हैं वे आपकी निष्कपटता को महसूस करेंगे और अनुकूल रूप से प्रतिक्रिया दिखाएँगे।—प्रेरि. १३:४८, NW.
९ एक दूसरे की सहायता कीजिए: एक दूसरे के साथ विचार बाँटने के द्वारा, हम अपने आपको व्यक्त करने के नए-नए तरीक़े सीखते हैं। अपनी प्रस्तुतियों का एक साथ अभ्यास करना हमें अनुभव और विश्वास दिलाता है। (नीति. २७:१७) आप जो कहनेवाले हैं अगर आप उसका अभ्यास करेंगे, तो आप दरवाज़े पर अधिक तनावमुक्त महसूस करेंगे। यह अत्यावश्यक है कि माता-पिता अपने बच्चों को तैयारी करने में मदद देने के लिए, जब वे अपनी प्रस्तुति का अभ्यास करते हैं तब सुनने, और सुधार के लिए सुझाव देने के लिए समय बिताएँ। नए लोग अधिक अनुभवी प्रकाशकों के साथ काम करने के द्वारा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
१० यह ज़रूरी नहीं कि स्वयं अपनी पत्रिका प्रस्तुति बनाना कठिन हो। यह कहने के लिए मन में केवल कुछ विशेष बात को रखने और फिर उसे एक आकर्षक ढंग से व्यक्त करने की ही बात है। पहल और पूर्वविचार से, आप एक उत्तम प्रस्तुति बना सकते हैं जिससे अनुकूल प्रतिक्रिया मिलेगी।
११ पत्रिका वितरण उन मुख्य तरीक़ों में से एक है जिनसे हम संसार-भर में राज्य संदेश फैलाते हैं। अगर आप निष्कपट लोगों को प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! की एकल प्रतियाँ या अभिदान पेश कर सकते हैं, तो पत्रिकाएँ स्वयं अपने लिए बोल सकती हैं। हमेशा उनके महत्त्व को और कैसे उनका संदेश जान बचा सकता है इसे याद रखिए। इस प्रकार की ‘भलाई करना और उदारता’ दिखाना ही यहोवा को बहुत प्रसन्न करता है।—इब्रा. १३:१६.