तुम्हारा चाल-चलन सुसमाचार के योग्य हो
यहोवा के साक्षी के नाते, हमारी इच्छा है कि हम यहोवा के नाम को सम्मान दें। हम जानते हैं कि हमारा चाल-चलन, बोली, बनाव-श्रंगार, और कपड़े, सच्ची उपासना को अन्य लोग जिस नज़र से देखते हैं उसे प्रभावित कर सकते हैं। यह विशेषकर तब सच होता है जब हम अपनी सभाओं में होते हैं। हम यह निश्चित करना चाहते हैं कि सभाओं में जो कुछ कहा और किया जाता है, वह सुसमाचार के योग्य है और यहोवा को सम्मान लाता है।—फिलि. २:४.
२ पहनावे और बनाव-श्रंगार के बारे में संसार के अनेक स्तर मसीहियों के लिए स्वीकारयोग्य नहीं हैं। यह एक ऐसा मामला है जिस पर सुसमाचार के सेवकों को नज़दीकी से ध्यान देना चाहिए। अप्रैल १, १९९१, प्रहरीदुर्ग, पृष्ठ १८ ने कहा: ‘हमारे कपड़ों का क़ीमती होना ज़रूरी नहीं, लेकिन उन्हें साफ़, सुरुचिपूर्ण और शालीन होना ज़रूरी है। हमारे जूतों की अवस्था भी अच्छी होनी चाहिए और वे अच्छे दिखने चाहिए। उसी तरह, सभी सभाओं में, कलीसिया के पुस्तक अध्ययन में भी, हमारा शरीर साफ़ होना चाहिए, और हमारा पोशाक सुव्यवस्थित तथा उचित होना चाहिए।’
३ वक़्त की पाबंदी प्रेममय लिहाज़ और विचारशीलता की एक निशानी है। कभी-कभार, अपरिहार्य परिस्थितियाँ हमें एक सभा में ठीक समय पर आने से रोक सकती हैं। लेकिन आदतन देर से पहुँचना, सभाओं के पवित्र उद्देश्य के प्रति आदर का अभाव और दूसरों का ध्यान भंग करने से दूर रहने की हमारी ज़िम्मेदारी की क़दर करने में असफलता प्रदर्शित कर सकता है। देर से आनेवाले अकसर दूसरों का ध्यान विकर्षित करते हैं और उन्हें कार्यक्रम का पूरा लाभ उठाने से रोकते हैं। वक़्त की पाबंदी मौजूद सभी लोगों की भावनाओं और हितों के लिए सम्मान दिखाती है।
४ अपने पड़ोसियों के लिए प्रेम हमें इस बात के प्रति सतर्क बनाएगा कि हम सभाओं के दौरान विकर्षण का कारण बनने से दूर रहें। फुसफुसाना, खाना, चूईंग गम चबाना, काग़ज़ से आवाज़ करना, और बार-बार अकारण शौचालय जाना, दूसरों की एकाग्रता भंग कर सकता है और यहोवा की उपासना के स्थान के लिए योग्य गरीमा को कम करता है। किसी भी व्यक्ति के लिए कलीसिया का कार्य करना या दूसरों के साथ बातचीत करना अनुचित है, जब तक कि कोई ऐसी आपात-स्थिति नहीं आ जाती जिसकी वजह से भाइयों को अपनी सीट छोड़कर जाना ज़रूरी हो जाता है। अन्यथा, सभी को बैठे रहना और कार्यक्रम को ध्यान से सुनना चाहिए ताकि उनको और उनके परिवार को लाभ हो। अशिष्टता के लिए कलीसिया में कोई स्थान नहीं है क्योंकि “प्रेम . . . अनरीति नहीं चलता।”—१ कुरि. १३:४, ५; गल. ६:१०.
५ सभाओं में हमारे बच्चों का अच्छा बर्ताव भी यहोवा के नाम को स्तुति और सम्मान लाता है। माता-पिताओं द्वारा कड़ी निगरानी अत्यावश्यक है। बच्चों को सुनने और भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। अनेक माता-पिता जिनके छोटे बच्चे हैं, एक ऐसी जगह बैठने का चुनाव करते हैं जहाँ से वे दूसरों का अत्यधिक ध्यान भंग किए बिना आसानी से बाहर जाकर अपने बच्चों की ज़रूरतों की देखभाल कर सकते हैं।
६ पौलुस ने सलाह दी: “तुम्हारा चाल-चलन . . . सुसमाचार के योग्य हो।” (फिलि. १:२७) तो फिर, आइए हम सभाओं में उपस्थित होते समय शिष्ट और दूसरों का लिहाज़ करनेवाले होने की कोशिश करें। सभी लोगों का सहयोग निश्चित करेगा कि ‘हम आपस में एक दूसरे के विश्वास से प्रोत्साहित हों।’—रोमि. १:१२, NHT.