वक्त के पाबंद होने की आदत डालिए
1. वक्त के पाबंद होने में यहोवा कैसे बेहतरीन मिसाल है?
1 यहोवा अपना हर काम वक्त पर करता है। उदाहरण के लिए, वह अपने सेवकों को “सही वक्त पर मदद” देता है। (इब्रा. 4:16) वह आध्यात्मिक “खाना” भी “सही वक्त पर” देता है। (मत्ती 24:45) इसलिए हम पूरा यकीन रख सकते हैं कि उसका जो क्रोध का दिन आनेवाला है, “उस में देर न होगी।” (हब. 2:3) वाकई, यहोवा के वक्त के पाबंद होने से हमें बहुत फायदा होता है! (भज. 70:5) लेकिन हम इंसान तो असिद्ध हैं और हमारी ज़िंदगी में बहुत भाग-दौड़ रहती है, ऐसे में हमारे लिए वक्त का पाबंद होना एक चुनौती हो सकता है। फिर भी, वक्त के पाबंद होने की आदत डालना हमारे लिए क्यों ज़रूरी है?
2. जब हम वक्त के पाबंद होते हैं, तो इससे यहोवा की महिमा कैसे होती है?
2 आखिरी दिनों में, ज़्यादातर लोग खुद से प्यार करनेवाले हैं और वे अपने आप पर कोई संयम नहीं रखते। (2 तीमु. 3:1-3) इसलिए वक्त के पाबंद होने या न होने से लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे माहौल में रहने के बावजूद, जब मसीही नौकरी की जगह, किसी से मिलने और सभाओं के लिए वक्त पर पहुँचते हैं, तो लोग उन पर खास ध्यान देते हैं। इससे यहोवा की महिमा होती है। (1 पत. 2:12) क्या हमारे साथ ऐसा होता है कि हम दूसरे काम-काज तो समय पर शुरू करते हैं मगर उपासना से जुड़े कामों के लिए अकसर देर हो जाती है? जब हम मसीही सभाओं में गीत और प्रार्थना से पहले पहुँचते हैं, तो हम दिखाते हैं कि हम अपने पिता यहोवा की मिसाल पर चलना चाहते हैं। वह एक ऐसा पिता है जो हर काम व्यवस्थित ढंग से करता है।—1 कुरिं. 14:33, 40.
3. वक्त के पाबंद होकर हम कैसे दूसरों के लिए लिहाज़ दिखाते हैं?
3 वक्त के पाबंद होकर हम दूसरों के लिए लिहाज़ दिखाते हैं। (फिलि. 2:3, 4) मिसाल के लिए, जब हम मसीही सभाओं के लिए, यहाँ तक कि प्रचार की सभा के लिए, समय पर पहुँचते हैं, तो दूसरे भाई-बहनों को बेवजह परेशान नहीं होना पड़ता। लेकिन अगर देर से आने की हमारी आदत हो जाती है, तो इससे हम यह दिखाते हैं कि हम ‘अपना समय,’ दूसरों के समय से ज़्यादा अनमोल समझते हैं। मगर ध्यान रखिए, जब हम वक्त के पाबंद होते हैं, तो हम दिखाते हैं कि हम ज़िम्मेदार, भरोसेमंद और मेहनती इंसान हैं। ऐसे इंसान की बहुत कदर की जाती है।
4. अगर हमें कहीं पहुँचने में अकसर देर हो जाती है, तो हम क्या कर सकते हैं?
4 अगर आपको कहीं पहुँचने में अकसर देर हो जाती है, तो सोचिए इसकी वजह क्या है। फिर एक अच्छा शेड्यूल बनाइए, ताकि आप अपना हर काम तय समय पर कर सकें। (सभो. 3:1; फिलि. 1:10) यहोवा से प्रार्थना में मदद माँगिए। (1 यूह. 5:14) वक्त के पाबंद होकर, हम दो सबसे बड़ी आज्ञाएँ मान रहे होते हैं। पहली, परमेश्वर से प्यार करो और दूसरी, अपने पड़ोसियों से प्यार करो।—मत्ती 22:37-39.