स्मारक अनुस्मारक
निम्नलिखित कुछ बातें हैं जिन पर मंगलवार, अप्रैल २, को स्मारक समारोह से पहले ध्यान देने की ज़रूरत है:
▪ वक्ता के साथ-साथ, प्रत्येक व्यक्ति को समारोह का निश्चित समय और स्थान बताया जाना चाहिए।
▪ उचित प्रकार की रोटी और दाखमधु उपलब्ध किया, और तैयार रखा जाना चाहिए।—फरवरी १, १९८५ की प्रहरीदुर्ग, पृष्ठ २४ देखिए।
▪ उपयुक्त मेज़, एक मेज़पोश, प्लेटें, और ग्लास पहले ही हॉल में लाए और उचित स्थान पर सलीक़े से रखे जाने चाहिए।
▪ राज्यगृह अथवा सभा के लिए कोई अन्य स्थान समय से पहले पूरी तरह साफ़ किया जाना चाहिए।
▪ परिचारक और वितरकों को चुना जाना और सही तरीक़े और उनके कर्तव्यों के बारे में पहले ही से हिदायत दी जानी चाहिए।
▪ किसी भी अभिषिक्त को जो अशक्त और उपस्थित होने में असमर्थ है, रोटी और दाखमधु पेश करने का प्रबन्ध किया जाना चाहिए।
▪ जब एक ही राज्यगृह में एक से अधिक समारोह आयोजित किए गए हैं, तो कलीसियाओं के बीच प्रतीक्षा-कक्ष, प्रवेश-स्थान, सभागृह के बाहर फुट-पाथ, और गाड़ी खड़ी करने के स्थान में अनावश्यक भीड़-भाड़ से बचने के लिए कलीसियाओं के बीच अच्छा तालमेल होना चाहिए।