बाइबल आशा और मार्गदर्शन प्रदान करती है
“पृथ्वी पर आनंद—उसे अल्प समय के लिये भी अनुभव करना संभव प्रतीत नहीं होता है। बीमारी, बुढ़ापा, भूख, अपराध—कुछेक समस्याएँ—बहुधा जीवन को दुःखमय बना देती हैं। अतः शायद आप यह कहें कि पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रहने के विषय में बात करना सच्चाई के प्रति अपनी आँखों को बंद करना है। आप शायद यह महसूस करें कि उसके विषय में बात करना समय की बरबादी है और सर्वदा जीवित रहना केवल एक स्वप्न है।”
२ इस प्रकार आरंभ होती है पुस्तक आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं। इसकी प्रस्तावना, जब चौदह साल पहले यह पुस्तक प्रकाशित हुई थी तब से आज कहीं ज़्यादा संगत है। लोगों को जानने की ज़रूरत है कि बाइबल मार्गदर्शन देती है और उन सभी समस्याओं के हल का वादा करती है जो उन्हें सताती हैं। सर्वदा जीवित रहना पुस्तक पेश करने के द्वारा हम दिसम्बर में लोगों की सहायता करने का प्रयास करेंगे। निश्चय ही, व्यक्ति के पास साहित्य मात्र छोड़कर जाना कोई गारंटी नहीं है कि वह राज्य आशा को स्वीकार करेगा। हमें एक बाइबल अध्ययन शुरू करने के लक्ष्य से पुनःभेंट करनी चाहिए। यदि हम ऐसा प्रयास करते हैं तो सहायता मिलना निश्चित है। (मत्ती २८:१९, २०) यहाँ कुछ सुझाई गई प्रस्तुतियाँ हैं:
३ यदि आप एक वृद्ध व्यक्ति से मिलते हैं, तो आप शायद इस प्रस्तावना का प्रयोग करें:
▪“क्या मैं पूछ सकता हूँ: जब आप जवान थे, तब बिरादरी में लोग एक दूसरे से कैसा व्यवहार करते थे? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिये।] परिस्थितियाँ अब काफ़ी बदल गयी हैं, है ना? आपके विचार से बदलाव का कारण क्या है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिये।] हम वास्तव में बाइबल की एक भविष्यवाणी की पूर्ति देख रहे हैं। [२ तीमुथियुस ३:१-५ पढ़िए।] आज के संसार का ठीक-ठीक वर्णन करने के अलावा, बाइबल निकट भविष्य में एक बेहतर संसार की प्रतिज्ञा करती है। क्योंकि बाइबल की बहुत सी भविष्यवाणियाँ पूरी हो चुकी हैं, इसलिए हमें विश्वास है कि वह भविष्य के लिए जो कहती है वह भी सच होगा। बाइबल में की गयी ऐसी एक प्रतिज्ञा परमेश्वर के निर्देशन के अधीन एक विश्व सरकार की है।” सर्वदा जीवित रहना पुस्तक का पृष्ठ ११२ खोलिए और अनुच्छेद २ पढ़िए। गृहस्वामी को पुस्तक लेने के लिए प्रोत्साहन दीजिए ताकि वह अध्ययन कर सके कि भविष्य के लिए बाइबल क्या आशा प्रस्तुत करती है।
४ एक वृद्ध व्यक्ति से भेंट करते समय जिसे आपने “सर्वदा जीवित रहना” पुस्तक दी थी, आप कह सकते हैं:
▪“जब हमने पिछली बार बातचीत की थी, हम सहमत हुए थे कि कुछ ही साल पहले जिस प्रकार का जीवन था उसकी तुलना में आधुनिक समाज और बदतर हो गया है। लेकिन, मैं आपको यह दिखाने के लिए वापस आया हूँ कि बाइबल भविष्य में एक काफ़ी बेहतर संसार की प्रत्याशाएँ रखती है। [प्रकाशितवाक्य २१:३, ४ पढ़िए।] क्योंकि हम सभी बेहतर परिस्थितियों में रहना चाहेंगे, हमें देखना चाहिए बाइबल इस विषय पर और क्या कहती है।” सर्वदा जीवित रहना पुस्तक का अध्याय १९ खोलिए, और अनुच्छेद १-३ पढ़िए। एक मुफ़्त गृह बाइबल अध्ययन पेश कीजिए।
५ यदि आप एक युवा व्यक्ति से बातचीत करते हैं, तो आप कह सकते हैं:
▪“मैं आपसे एक प्रश्न करना चाहूँगा: एक युवा व्यक्ति के तौर पर, क्या आप महसूस करते हैं कि आपके पास भविष्य के बारे में आशावादी होने का कारण है? आपको भविष्य कैसा लगता है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] ख़ुशी की बात है कि भविष्य के बारे में आशावादी होने का वास्तविक कारण है। [भजन ३७:१०, ११ पढ़िए।] चूँकि बाइबल और उसके अंतर्विषयों के बारे में लोगों के भिन्न मत हैं, हमने यह पुस्तक प्रकाशित की है, आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं। ध्यान दीजिए कि बाइबल जो कहती है उस पर विश्वास करने के लिए यह हमें कौन-से कारण देती है। [पृष्ठ ५६ पर अनुच्छेद २७ के पहले तीन वाक्य और पूरा अनुच्छेद २८ पढ़िए।] एक बार जब हम क़ायल हो जाते हैं कि बाइबल जो कहती है उस पर हम विश्वास कर सकते हैं, तो हम भविष्य की पक्की आशा रखने लगते हैं। मैं आपको इस पुस्तक की एक प्रति स्वीकार करने और इसे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ।”
६ जब आप एक युवा व्यक्ति से मिलने के लिए लौटते हैं जिसने “सर्वदा जीवित रहना” पुस्तक स्वीकार की थी, तो आप शायद यह कहकर आरंभ करें:
▪“भविष्य के बारे में आप कितने चिन्तित हैं यह सुनकर मुझे अच्छा लगा। याद कीजिए कि मैंने आपको एक सुखी और सुरक्षित भविष्य की प्रतिज्ञा करनेवाला बाइबल का एक वचन दिखाया था। यहाँ एक और है। [प्रकाशितवाक्य २१:३, ४ पढ़िए।] जो पुस्तक मैंने आपके पास छोड़ी थी वह विश्वास दिलानेवाला प्रमाण देती है कि बाइबल परमेश्वर द्वारा प्रेरित एक पवित्र पुस्तक है। इस तथ्य के गहरे अभिप्राय हैं। इसका अर्थ होगा कि परमेश्वर के बारे में बाइबल जो कहती है उसे हम स्वीकार कर सकते हैं। [पृष्ठ ४७ पर अनुच्छेद १-२ पढ़िए।] यदि आप चाहें, तो मुझे आपके साथ मुफ़्त में बाइबल का अध्ययन करने में ख़ुशी होगी।” यदि एक अध्ययन स्वीकार किया जाता है, तो पूछिए कि क्या व्यक्ति के पास बाइबल की एक प्रति है। यदि उसके पास नहीं है, तो एक नया संसार अनुवाद या उसकी पसंद की भाषा में बाइबल की एक प्रति लाने का प्रस्ताव रखिए।
७ एक व्यक्ति जो नहीं जानता कि जीवन की समस्याओं का सामना करने के लिए मार्गदर्शन हेतु कहाँ देखे, शायद इस प्रस्तावना के प्रति अनुक्रिया दिखाए:
▪“हम ऐसे समय में जीते हैं जब प्रायः हर कोई गंभीर समस्याओं का सामना करता है। कई लोग मार्गदर्शन के लिए विभिन्न प्रकार के सलाहकारों के पास जाते हैं। कुछ लोग सहायता के लिए मनोवैज्ञानिकों की ओर देखते हैं। आप क्या सोचते हैं कि हम ऐसी ठोस सलाह कहाँ पा सकते हैं जो हमारे लिए सचमुच कारगर होगी? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] बाइबल एक महत्त्वपूर्ण तथ्य बताती है जिसकी हम सब को क़दर करने की आवश्यकता है।” यिर्मयाह १०:२३ पढ़िए। आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं का अध्याय २९ खोलिए, और अनुच्छेद ३ पढ़िए। “यह पुस्तक आपको इस बात की क़दर करने में सहायता करेगी कि कैसे बाइबल में दिए गए सिद्धांतों का पालन करके हम अभी अपने जीवन का दर्जा सुधार सकते हैं, और किस प्रकार परमेश्वर के राज्य के अधीन, हमारी सभी समस्याएँ हटा दी जाएँगी। क्या आप इसे पढ़ना पसंद करेंगे?” पुस्तक पेश कीजिए।
८ यदि प्रारंभिक भेंट पर आपने मार्गदर्शन के लिए मानव की आवश्यकता के बारे में बात की थी, तो आप यह कहकर पुनःभेंट पर चर्चा जारी रख सकते हैं:
▪“जब हम पहले मिले थे, हम सहमत हुए थे कि यदि हमें जीवन की समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना करना है तो हमें परमेश्वर से मार्गदर्शन की आवश्यकता है। उस बारे में, मैं सोचता हूँ आप उस पुस्तक में दी गयी अंतिम टिप्पणियों की क़दर करेंगे जो मैं आपके पास छोड़ गया था। [सर्वदा जीवित रहना पुस्तक के पृष्ठ २५५ पर अनुच्छेद १४-१५ पढ़िए।] मुझे आपको एक मुफ़्त गृह बाइबल अध्ययन कोर्स प्रस्तुत करने में ख़ुशी है, और मैं आपको इसे अभी प्रदर्शित करके दिखाने के लिए तैयार हूँ।”
९ यहोवा हमारे प्रयासों पर आशीष देगा जब हम वृद्ध और युवाओं को समान रूप से परमेश्वर के वचन के महत्त्व और हमारे जीवन में इसके मार्गदर्शन का मूल्यांकन करने में सहायता करते हैं।—भज. ११९:१०५.