परिवारों को एक स्थायी भविष्य सुरक्षित करने में मदद करना
“लालच फ़ायदेमंद है,” एक पूँजीपति ने कालेज की स्नातकता प्राप्त करनेवाली एक कक्षा को बताया, और आगे कहा: “आप लालची हो सकते हैं और उसके बावजूद अपने बारे में अच्छा महसूस कर सकते हैं।” यह संसार की ख़ासियत है कि वह कैसे स्वार्थ को एक व्यक्ति का भविष्य सुनिश्चित करने के तरीक़े के रूप में बढ़ावा देता है। इसके ठीक विपरीत, यीशु ने सिखाया कि एक मसीही “अपने आप का इन्कार करे . . . क्योंकि . . . यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा?” (मत्ती १६:२४-२६) एक स्थायी भविष्य सुरक्षित करने के लिए, एक व्यक्ति को अपना पूरा जीवन परमेश्वर की इच्छा करने पर केंद्रित करना चाहिए—आज परिवारों के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण लक्ष्य। (भज. १४३:१०; १ तीमु. ४:८) वह संदेश पारिवारिक सुख का रहस्य पुस्तक के आख़िरी अध्याय में दिया गया है। यह नया प्रकाशन लोगों को यह समझने में मदद करता है कि जीवन में आख़िर क्या चीज़ महत्त्वपूर्ण है और कि वे अपने परिवारों के हित में कैसे कार्य कर सकते हैं। जैसे हम सभी जगह सुसमाचार का प्रचार करना जारी रखते हैं, जिनसे हमारी मुलाक़ात होती है उन्हें पारिवारिक सुख पुस्तक पढ़ने को प्रोत्साहित करने के लिए हम क्या कह सकते हैं? यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
२ दरवाज़ों और सड़क, दोनों ही जगहों पर बातचीत शुरू करने के लिए आप शायद “पारिवारिक जीवन का आनन्द लीजिए” ट्रैक्ट का इस्तेमाल करने की कोशिश करें। आप पूछ सकते हैं:
▪ “आधुनिक जीवन जो सब चिंताएँ हमारे ऊपर लाता है, उन्हें ध्यान में रखते हुए क्या आप महसूस करते हैं कि एक सचमुच सुखी पारिवारिक जीवन संभव है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] यह ट्रैक्ट हमें विश्वास दिलाता है कि यह संभव है। क्या आप इसे पढ़ना चाहेंगे?” यदि यह स्वीकार किया जाता है, तो आप आगे यह कह सकते हैं: “चूँकि आपकी इस विषय में रुचि है, आपको शायद यह पुस्तक भी अच्छी लगे जो इस बात पर विस्तृत सलाह देती है कि पारिवारिक दायरे में सुख कैसे पाएँ।” पारिवारिक सुख पुस्तक की विषय-सूची दिखाइए। कुछ ध्यान आकर्षित करनेवाले अध्याय शीर्षक दिखाइए। पृष्ठ १० खोलिए, और अनुच्छेद १७ के आख़िरी वाक्य से अनुच्छेद १८ के अंत तक पढ़िए। पुस्तक पेश कीजिए। समझाइए कि आपके पास बताने के लिए और भी कुछ है, और पूछिए कि आप कब उनसे फिर मिल सकते हैं।
३ आप सुखी पारिवारिक जीवन के बारे में अपनी पहली बातचीत पर यह कह कर पुनःभेंट कर सकते हैं:
▪ “आपने जो पुस्तक ली थी उसमें से मैं कुछ ऐसी बात बताना चाहता हूँ, जिसका, मेरे ख़्याल से आप मूल्यांकन करेंगे। आख़िरी अध्याय पारिवारिक सुख के असली रहस्य पर ध्यान केंद्रित करता है। [पृष्ठ १८३ पर अनुच्छेद २ पढ़िए।] ध्यान दीजिए कि परमेश्वर की इच्छा करने के लिए एकसाथ काम करना वह कुंजी है। यह सीखने के लिए कि परमेश्वर की इच्छा क्या है और उसे घर में कैसे लागू किया जाए, हम सिफ़ारिश करते हैं कि परिवार एकसाथ बाइबल का अध्ययन करें। हम एक मुफ़्त बाइबल अध्ययन कार्यक्रम पेश करते हैं, जो कुछ ही महीनों में पूरा हो जाता है। यदि आप कहें, तो मैं दिखा सकता हूँ कि यह कैसे संचालित किया जाता है।” परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? ब्रोशर या ज्ञान पुस्तक में से जो भी ज़्यादा उपयुक्त हो, उसे साथ लेकर लौटिए।
४ स्कूल में सहपाठियों से बात करते समय या क्षेत्र में युवाओं से बात करते समय, आप शायद इस सवाल से प्रतिक्रिया प्राप्त कर सकें:
▪ “माता-पिता और उनके बच्चों में खुला संचार होना कितना ज़रूरी है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] ध्यान दीजिए कि पारिवारिक जीवन पर यह हैंडबुक ‘निष्कपट और खुले संचार’ के विषय में क्या कहती है। [पारिवारिक सुख पुस्तक में पृष्ठ ६५ पर पूरा अनुच्छेद ४ और अनुच्छेद ५ का पहला वाक्य पढ़िए।] अगले अनुच्छेद इस बात पर व्यावहारिक सलाह देते हैं कि एक परिवार के अंदर संचार कैसे सुधारा जाए। इस पुस्तक का शीर्षक है पारिवारिक सुख का रहस्य। मैं आपको एक प्रति लेने और उसे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहूँगा।” समझाइए कि वह जो पढ़ेगा उसके बारे में उसकी राय जानने के लिए आप दोबारा आएँगे।
५ एक युवा के साथ, माता-पिता और बच्चे के बीच संचार पर अपनी पहली बातचीत को आप यह कह कर आगे बढ़ा सकते हैं:
▪ “अपने परिवार में अच्छा संचार होने के महत्त्व के बारे में आपने जो रुचि दिखाई, उसकी मैंने क़दर की। आपके विचार से वह सबसे महत्त्वपूर्ण विषय कौन-सा है जिस पर माता-पिताओं और बच्चों को चर्चा करनी चाहिए?” प्रतिक्रिया के लिए रुकिए। पारिवारिक सुख पुस्तक का पृष्ठ ६८ खोलिए, और जो उत्तर अनुच्छेद ११ के पहले हिस्से में मिलता है उसे पढ़िए। “परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त करने का एक बेहतरीन तरीक़ा है एक साप्ताहिक बाइबल अध्ययन कार्यक्रम होना।” परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? ब्रोशर पेश कीजिए। समझाइए कि इसके १६ अध्याय बाइबल के सन्देश की एक बुनियादी रूपरेखा देते हैं। पृष्ठ २ से प्रस्तावना पढ़िए, और पहले अध्याय पर एकसाथ चर्चा कीजिए।
६ यदि आप घर-घर के कार्य में, या शायद एक पार्क या एक खेल के मैदान में एक माँ या पिता से मिलते हैं, तो आप शायद यह कह कर रुचि जगा सकें:
▪ “मुझे यक़ीन है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि बच्चों को बड़ा करना आज एक बड़ी चुनौती है। आपके ख़्याल से, कौन-सी बात आपके परिवार को विनाशकारी प्रभावों से बचा सकती है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] यहाँ कुछ बढ़िया सलाह है जिसकी मैंने क़दर की है।” पारिवारिक सुख पुस्तक में पृष्ठ ९० पर अनुच्छेद १ में दिया गया दृष्टांत बतलाइए और अनुच्छेद २ पढ़िए। समझाइए कि किस प्रकार यह परिवारों को विनाशकारी प्रभावों से बचाने के लिए ऐसा संतुलित निर्देशन देती है, जो सचमुच कारगर है। पुस्तक पेश कीजिए, और जो भी प्रश्न उठते हैं उनका जवाब देने के लिए फिर से मिलिए।
७ उस माँ या पिता के साथ आपकी दूसरी भेंट में, जिसने “पारिवारिक सुख” पुस्तक स्वीकार की थी, आप इस तरह से बातचीत आगे बढ़ा सकते हैं:
▪ “जब हम पहली बार मिले थे, मैंने देखा था कि आप अपने बच्चों के बारे में सचमुच चिंता करते हैं और उन्हें ग़लत प्रभावों से बचाने के लिए आप अपना भरसक करना चाहते हैं। आपने शायद अब तक उसे नहीं पढ़ा हो, लेकिन जो पुस्तक मैंने आपके पास छोड़ी थी उसमें एक बहुत महत्त्वपूर्ण टिप्पणी की गई है, जिसे आपको देखना चाहिए। [पृष्ठ ५९ पर अनुच्छेद १९ पढ़िए।] परमेश्वर के साथ एक रिश्ता विकसित करना इस बात की माँग करता है कि हम उसके लिखित वचन, बाइबल के पन्नों के ज़रिए उसे जानें। क्या आप चाहेंगे कि मैं प्रदर्शित करूँ कि हम एक परिवार के तौर पर बाइबल का अध्ययन कैसे करते हैं?”
८ सांसारिक सलाहकार परिवारों को सुख का मार्ग नहीं दिखा सकते, परंतु वे निश्चित ही उन्हें निराश करेंगे। आइए हम पारिवारिक सुख पुस्तक का व्यापक वितरण करें ताकि सब जगह लोगों को एक स्थायी भविष्य सुरक्षित करने के लिए परमेश्वर के वचन की मदद मिल सके।—१ तीमु. ६:१९.